पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर की MBA छात्रा यशी सिंह के अपहरण मामले की जांच का जिम्मा केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दिया है। जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की बेंच ने इस यशी सिंह अपहरण मामले की सुनवाई करते हुए CBI को चार सप्ताह के भीतर जांच की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने राज्य की CID को आदेश दिया है कि वह दो सप्ताह के भीतर इस छात्रा अपहरण मामले बिहार से जुड़े सभी दस्तावेज़ और रिकॉर्ड CBI को सौंपे। यह अपहरण मामला बिहार का है, जिसमें दिसंबर 2022 में मुजफ्फरपुर के एलएन मिश्रा इंस्टीट्यूट की MBA छात्रा यशी सिंह का अज्ञात लोगों ने अपहरण कर लिया था। इस घटना की प्राथमिकी मुजफ्फरपुर के सदर थाने में दर्ज की गई थी, लेकिन स्थानीय पुलिस जांच में कोई ठोस नतीजा नहीं निकाल पाई, जिससे अदालत ने राज्य की CID को इस मामले की जांच का निर्देश दिया था।
CID ने भी काफी समय तक मामले की जांच की, लेकिन छात्रा का कोई सुराग नहीं मिल पाया। 23 अप्रैल 2023 को यशी सिंह के परिजनों ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने छात्रा अपहरण मामला बिहार पर जांच CID को सौंप दी थी। हालांकि, CID द्वारा गठित SIT (विशेष जांच टीम) ने डेढ़ वर्ष तक रिपोर्ट प्रस्तुत की, परंतु कोई ठोस परिणाम नहीं निकल सका।
इससे नाराज होकर हाईकोर्ट ने अब CBI को इस यशी सिंह अपहरण मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी है और चार सप्ताह में जांच की प्रगति रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अरविंद कुमार और CBI की ओर से अधिवक्ता अवनीश कुमार सिंह राणा ने कोर्ट के समक्ष अपने पक्ष रखे।
इस अपहरण मामला बिहार पर अब CBI की जांच पर सभी की नजरें टिकी हैं, उम्मीद है कि जांच के बाद कुछ ठोस नतीजे सामने आएंगे।
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