Bihar News: B.Ed के छात्रों के मामले की सुनवाई देश की सबसे उच्च न्यायिक अदालत, सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। याचिकाकर्ता दीपांकर गौरव ने इस मामले में विवरण देते हुए बताया कि B.Ed के रिजल्ट को लेकर दायर की गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस की बेंच में सुनवाई की गई थी, और अब कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया है।
B.Ed अभ्यर्थियों की रिट याचिका Supreme Court में स्वीकार
याचिकाकर्ता और बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने सुप्रीम कोर्ट में B.Ed अभ्यर्थियों की रिट याचिका दायर की है। उनका कहना है कि नोटिफिकेशन में कुछ इस प्रकार का उल्लेख नहीं था कि छात्रों को प्रारंभिक में मौका नहीं दिया जाएगा। खेल के दौरान नियमों में परिवर्तन करना अनुचित होता है, और इसी के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर यह मुद्दा उठाया गया है।
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प्रारंभिक शिक्षक परिणाम को चुनौती
याचिकाकर्ता दीपांकर गौरव ने सुप्रीम कोर्ट से यह अपील की है कि इस मामले में B.Ed योग्यता धारी छात्रों को अवश्य मौका दिया जाए। उन्होंने बताया कि बीपीएससी ने रिट याचिका पेंडिंग होने के बावजूद B.Ed अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया है। इसे सुनवाई के बाद बीड और डीएलएड अभ्यर्थियों के लिए एक संयुक्त रिजल्ट प्रकाशित किया जाना चाहिए था।
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3 नवंबर को होगी सुनवाई
बताया जा चुका है कि इस याचिका पर मुख्य न्यायाधीश के बेंच में 20 अक्टूबर को सुनवाई होनी थी, लेकिन दशहरा की छुट्टियों के कारण सुनवाई 30 अक्टूबर को हो गई थी, और अब मामले की दोबारा सुनवाई की तारीख 3 नवंबर को निर्धारित की गई है। याचिकाकर्ता दीपांकर गौरव ने पहले कहा था कि B.Ed अभ्यर्थियों को छांटकर प्रारंभिक परीक्षा में 72000 पदों पर केवल डीएलएड छात्रों को मौका दिया गया है, और बीड छात्रों के साथ न्यायाधीशों ने अन्याय किया है। अगर सुप्रीम कोर्ट B.Ed छात्रों के पक्ष में निर्णय देती है, तो रिजल्ट के साथ क्या होगा, यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है, और इसके संदर्भ में रिजल्ट पर रोक लगाने की मांग की गई है।