Unique Temple Of Bihar: क्या आपने कभी ऐसा मंदिर देखा है जहां का पुजारी एक रोबोट हो? अगर नहीं, तो जल्द ही बिहार में आपको यह अद्भुत दृश्य देखने को मिलेगा। बिहार के सारण जिले के सोनपुर में हरिहरनाथ तीर्थ क्षेत्र में राज्य का पहला एआई तकनीक से लैस सुपकर्ण विघ्ननेश्वर गणपति मंदिर बनाया जा रहा है, जिसमें रोबोट पुजारी की भूमिका निभाएगा।
यशस्वी भवः ट्रस्ट द्वारा बनाए जा रहे इस मंदिर के निर्माण में लगभग 300 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, और इसका पहला चरण जनवरी 2025 में शुरू होगा। मंदिर पूरी तरह 2030 तक भक्तों के लिए तैयार हो जाएगा।
मंदिर की विशेषताएं
Unique Temple Of Bihar: यह अनोखा मंदिर 14,000 स्क्वायर फीट में बनाया जाएगा और इसमें 3 मंजिले होंगी। यहां गणपति के दर्शन के साथ-साथ रोबोट भक्तों को प्रसाद वितरण, भीड़ नियंत्रण, साफ-सफाई, बिजली प्रबंधन जैसे कार्यों में मदद करेगा। इस मंदिर की खास बात यह है कि इसे पैगोडा शैली में लकड़ी से बनाया जाएगा, जो नेपाल और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में प्रचलित है।
गणपति की मूर्ति: मिट्टी और गोबर से बनेगी
मंदिर के दूसरे तल पर भगवान गणेश की विशेष मूर्ति स्थापित की जाएगी, जिसका निर्माण पूरी तरह से मिट्टी और गोबर से होगा, जो इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाएगा। इस मूर्ति के निर्माण में पवित्रता और शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए द्वादश ज्योतिर्लिंग स्थलों जैसे सोमनाथ, महाकालेश्वर, केदारनाथ और विश्वनाथ से मिट्टी लाई जाएगी। मूर्ति का रंग प्राकृतिक रहेगा, जिसे फूलों से प्राप्त रंगों से तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही, देश की प्रमुख नदियों के पवित्र जल का उपयोग मूर्ति के निर्माण में किया जाएगा, जिससे इसकी आध्यात्मिक महत्ता और भी बढ़ जाएगी।
ऊपरी तल पर होगा शिवलिंग
मंदिर के सबसे ऊपरी तल पर शिवलिंग स्थापित होगा, जहां भक्त जलाभिषेक कर सकेंगे। यह मंदिर पूरी तरह से सोलर ऊर्जा पर आधारित होगा, जिससे बिजली का प्रबंधन किया जाएगा। इसके अलावा, स्वचलित सीढ़ियों का निर्माण भी किया जाएगा।
रोबोटिक मूषक करेगा भक्तों का स्वागत
मंदिर के संस्थापक डॉ. श्रीपति त्रिपाठी के अनुसार, भगवान गणेश की सवारी मूषक के रूप में एक रोबोटिक मूषक भक्तों का स्वागत करेगा और उन्हें मंदिर के भीतर सही रास्ता दिखाएगा। यह मूषक शास्त्रों में वर्णित मुद्रा में होगा और इसका रंग भी बदलता रहेगा। मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार भी मूषक के मुख के आकार की प्रतिकृति होगी।
अद्वितीय सुविधाएं
मंदिर प्रांगण में एक वेद विद्यालय भी स्थापित होगा, जहां कक्षा 1 से 10 तक के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी। यहां हर दिन भंडारा का आयोजन होगा, और एक विशेष लेजर फाउंटेन होगा जिसमें गणेश वंदना और मंत्रों की प्रस्तुति दी जाएगी। बच्चों के लिए सेल्फी जोन और ग्रहों पर आधारित पेड़-पौधे लगाए जाएंगे।
108 कमरों की धर्मशाला और विवाह मंडप
मंदिर के प्रांगण में तीन मंजिली धर्मशाला का भी निर्माण होगा, जिसमें 108 वातानुकूलित कमरे होंगे। यह धर्मशाला साधु-संतों और बाहर से पूजा करने आने वाले भक्तों के लिए होगी। इसके अलावा, यहां एक विवाह मंडप भी होगा, जहां लोग शादी, उपनयन संस्कार और मुंडन जैसे धार्मिक अनुष्ठान कर सकेंगे।
कैसे आया विचार?
डॉ. श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि कुछ साल पहले वे मुंबई में थे और सिद्धिविनायक मंदिर में दर्शन करने गए थे। उसी रात, उन्हें स्वप्न आया कि वे सोनपुर के तीर्थ क्षेत्र में गणपति की स्थापना कर रहे हैं। इसके बाद, उन्होंने यह प्रण लिया कि वे सोनपुर में गणपति का मंदिर बनाएंगे और इसे घर-घर में बसाएंगे।
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