दुबई-नेपाल से आए भक्तों का तंत्र साधना: क्या है बखरी की रहस्य भरी शक्तियां

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बेगूसराय, बिहार: असम के कामाख्या शक्ति पीठ के बाद, तंत्र साधना का सबसे बड़ा केंद्र बिहार के बेगूसराय जिले के बखरी का पुराना दुर्गा स्थान है। यहां की मान्यता है कि हज़ारों साधक अपनी तंत्र साधना की सिद्धि प्राप्त कर चुके हैं। दुर्गा मां की साधिका बहुरा मामा ने भी यहीं पर साधना की थी। इस पवित्र भूमि पर दुबई और नेपाल से भी भक्त नवरात्रि के समय पहुंचते हैं।

गोरखनाथ की नगरी के भक्त पहुंचे बहुरा मामा की धरती

इस बार गोरखनाथ की नगरी गोरखपुर से दस से अधिक साधक अपने तंत्र साधना को सिद्ध करने के लिए बहुरा मामा की धरती बखरी पहुंचे। गुप्त तंत्र साधना करने वाले ये साधक तीन दिन पहले ही बखरी आ गए थे, लेकिन ये कहां रुके, यह किसी को पता नहीं चला।

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श्मशान से लौटने पर नहीं देखा किसी ने

बखरी के इस प्राचीन मंदिर में साधक श्मशान में जाकर पूजा करते हैं, लेकिन जब वे लौटते हैं, तो किसी की नजर उन पर नहीं पड़ती। गुरुवार रात तंत्र साधकों का विशेष जमावड़ा लगा, जहां दूर-दूर से आए साधक अपनी तंत्र साधना को सिद्ध करने में लगे रहे। मंदिर के सामने इन्हें साधना करते देखा गया। यह आयोजन रातभर चलता रहा और भारी संख्या में लोग इसे देखने के लिए भी एकत्र हुए।

श्मशान में पूरी हुई पूजा

गोरखपुर, गाजियाबाद, नेपाल और सऊदी अरब से भी साधक चंद्रभागा नदी के किनारे श्मशान में तीन दिनों तक पूजा करते रहे। श्मशान से लौटते वक्त इन्हें किसी ने नहीं देखा, लेकिन गुरुवार रात ये साधक मंदिर के सामने तंत्र साधना के लिए एकत्रित हो गए। इस बार महिलाओं और युवाओं की संख्या अधिक रही। करीब 50 से अधिक लोगों ने यहां तंत्र साधना की।

नेपाल और दुबई से साधकों का आगमन

देश और विदेश से साधक हर साल बखरी आते हैं। इस बार दुबई और नेपाल से भी तंत्र साधना करने वाले भक्त यहां पहुंचे। मंदिर के सचिव तारानंद सिंह ने बताया कि यहां की तंत्र साधना से सिद्धि प्राप्त होती है। अष्टमी की रात सबसे अधिक साधक यहां पहुंचते हैं और अपनी साधना को सिद्धि में बदलने का प्रयास करते हैं।

तंत्र साधना का प्राचीन इतिहास

नवरात्रि के दौरान तंत्र साधना का यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। बहुरा मामा की धरती पर हर साल तंत्र साधक नवरात्रि के पहले दिन से ही जुटने लगते हैं और अष्टमी की रात अपनी साधना को सिद्ध करते हैं। यहां महिलाएं, युवा और बुजुर्ग सभी वर्गों के लोग तंत्र साधना के लिए आते हैं।

विशेष पूजा और बलि का आयोजन

मंदिर में स्थित बलि स्थल पर विशेष पूजा होती है। साधकों की मान्यता है कि पूजा के बाद चाटी चलाने की प्रक्रिया से सिद्धि प्राप्त होती है। यदि चाटी सही दिशा में पहुंच जाती है, तो साधक सिद्ध हो जाता है, अन्यथा उसकी तंत्र साधना अधूरी रह जाती है।

बहुरा मामा और तंत्र साधना की अद्भुत मान्यताएं

बखरी की तंत्र साधना की प्रसिद्धि बहुरा मामा के कारण है, जो कभी तंत्र साधना की बदौलत हवा में उड़ने की शक्ति रखती थीं। उनकी इस तंत्र शक्ति ने देशभर के तांत्रिकों को परास्त किया था। उनका नाम आज भी बखरी के इतिहास का अहम हिस्सा है, और उनका प्रसिद्ध कुआं आज भी यहां मौजूद है।

बेगूसराय न्यूज में तंत्र साधना की इस अद्भुत परंपरा ने इस स्थान को तंत्र सिद्धि के प्रमुख केंद्रों में शामिल कर दिया है, जहां हर साल गोरखनाथ की नगरी के भक्त बहुरा मामा की धरती पर पहुंचते हैं और अपनी साधना को सिद्धि में बदलने की कोशिश करते हैं।

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Ritu Sharma

Ritu Sharma is an experienced news editor with over a decade in journalism, currently leading editorial efforts at SamastipurNews.in. Renowned for her commitment to journalistic integrity and precision, Ritu has developed a reputation for curating insightful, unbiased news content that resonates with readers. She holds a Master’s degree in Journalism and Mass Communication, equipping her with deep expertise in media ethics and storytelling.

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