Stock Market Crash Today: आज Stock Market कारोबार में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है, जहाँ प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) 200 अंकों से अधिक नीचे फिसल गया है और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 50 (Nifty 50) भी 25,250 के महत्वपूर्ण स्तर से नीचे आ गया है, जिसने निवेशकों के बीच गहरी चिंता पैदा कर दी है। बाजार में आई इस मंदी (Downturn) का मुख्य कारण कमजोर वैश्विक संकेत और प्रमुख सेक्टरों के शेयरों में आई तेज बिकवाली है, जिससे भारतीय शेयर बाजार दबाव में आ गया है
Stock Market गिरावट के प्रमुख कारण और IT, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स का हाल
बाजार में इस नकारात्मक रुख के लिए कई वैश्विक और घरेलू कारक जिम्मेदार माने जा रहे हैं, जिनकी शुरुआत कमजोर वैश्विक संकेतों से हुई है, जहाँ अमेरिकी बाजारों में गिरावट और फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीतियों को लेकर अनिश्चितता ने वैश्विक निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया है। सबसे अधिक दबाव आईटी (IT) और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (Consumer Durables) सेक्टर के स्टॉक्स पर देखा गया है, जिनमें भारी बिकवाली हुई है।
आईटी शेयरों में यह गिरावट कुछ प्रमुख कंपनियों के तिमाही नतीजों के उम्मीद से कमजोर रहने और वैश्विक मांग में सुस्ती बने रहने की चिंताओं के कारण आई है, क्योंकि अमेरिका और यूरोप में आईटी सेवाओं के खर्च को लेकर ग्राहक सतर्क हैं। दूसरी ओर, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स स्टॉक्स में तेज गिरावट उच्च मुद्रास्फीति (Inflation) और बढ़ती ब्याज दरों के चलते भविष्य में उपभोक्ता मांग के धीमा होने की आशंका को दर्शाती है, जिससे घरेलू खपत से जुड़ी कंपनियों के शेयरों पर बड़ा दबाव पड़ा है।
सोने की कीमत रिकॉर्ड ऊंचाई पर क्यों
जहाँ एक ओर Stock Market में गिरावट का माहौल है, वहीं गोल्ड (Gold) की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुँच गई हैं। सोने के दाम में इस ऐतिहासिक वृद्धि का मुख्य कारण यह है कि वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितता के माहौल में निवेशक सोने को सबसे सुरक्षित निवेश (Safe-Haven Investment) विकल्प मानकर इसमें भारी निवेश कर रहे हैं, जिससे इसकी मांग में भारी उछाल आया है। इसके अतिरिक्त, अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने और दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा लगातार सोना भंडार बढ़ाने की खरीद ने भी इसकी कीमतों को समर्थन दिया है। रुपये के मुकाबले डॉलर की मजबूती भी सोने को भारतीय बाजार में महंगा कर रही है।
Stock Market की यह गिरावट वैश्विक चिंताओं और सेक्टर-विशेष बिकवाली का परिणाम है, जबकि सोना बाजार की अनिश्चितता के बीच सुरक्षित निवेश के रूप में उभरा है। निवेशकों को बाजार में अस्थिरता के बीच सतर्कता बरतने और लंबी अवधि के दृष्टिकोण के साथ निवेश करने की सलाह दी जाती है।
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