बिहार की जेलों में कैदी कर रहे सरकारी नौकरी की तैयारी, ऑनलाइन पढ़ाई से बढ़ रही शिक्षा की ओर रुचि

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Bihar News: बिहार की जेलों में सुधार के कई कदम उठाए गए हैं, और इस बार कैदियों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने की मुहिम रंग ला रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्ष 2024 में 3331 कैदियों ने NIOS और इग्नू के जरिए 10वीं, 12वीं, और उच्च शिक्षा के लिए नामांकन कराया है। इनमें 10वीं के 1466, 12वीं के 106, और हायर एजुकेशन के 1759 कैदी शामिल हैं। विशेष रूप से मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल में 10वीं में 142 कैदियों ने दाखिला लिया है।

शिक्षण संस्थाओं का योगदान

NIOS और इग्नू बिहार की जेलों में कैदियों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करते हैं। जेलों में इग्नू के 18 और NIOS के 57 सेंटर मौजूद हैं, जहाँ परीक्षा और अन्य शैक्षिक गतिविधियाँ संचालित होती हैं। जेल लाइब्रेरी में कैदियों के लिए किंडल बुक्स/ई-बुक्स की व्यवस्था की गई है, जिससे कैदी ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं।

कैदी कर रहे हैं ऑनलाइन पढ़ाई

प्रत्येक सेंट्रल जेल में 3, डिस्ट्रिक्ट जेल में 2, और उपकारा में 1 किंडल बुक की सुविधा दी गई है। कैदी किताबों के साथ-साथ किंडल बुक्स के माध्यम से भी अध्ययन कर रहे हैं। इस बार जेल में 20 कैदी प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी कर रहे हैं, जिससे सरकारी नौकरियों के प्रति उनकी रुचि बढ़ी है।

आरा जेल बना 100 प्रतिशत साक्षर जेल

आरा जेल राज्य का पहला 100 प्रतिशत साक्षर जेल बन गया है। बिहार की 59 जेलों में, जिनमें 8 सेंट्रल जेल, 17 उपकारा और जिला जेलें शामिल हैं, कैदियों को साक्षर बनाने की योजना पर काम हो रहा है।

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