पटना: बिहार में बदलते मौसम के साथ वायु प्रदूषण की समस्या और गंभीर होती जा रही है। राजधानी पटना और हाजीपुर समेत कई शहरों में हवा इतनी खराब हो चुकी है कि लोगों के लिए सांस लेना भी चुनौती बन गया है। पटना का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार पहुंच चुका है, जो बेहद खतरनाक स्तर है।
शहर के सबसे ज्यादा प्रदूषित इलाकों में समनपुरा, दानापुर और राजवंशी नगर शामिल हैं। राज्य सरकार ने बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताई है और अधिकारियों को इसे नियंत्रित करने के सख्त निर्देश दिए हैं।
पटना की जहरीली हवा से परेशानी
मंगलवार को पटना का AQI 295 दर्ज किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्थिति के पीछे निर्माण कार्यों में लापरवाही, गंदगी का जलना, और सर्दियों के चलते हवा में नमी बढ़ना प्रमुख कारण हैं। हवा में 70-75 प्रतिशत तक नमी के कारण धूल और अन्य कण वातावरण में जमा हो रहे हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ रही है।
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डी.के. शुक्ला ने सुझाव दिया कि जल स्रोतों को बढ़ाने और निर्माण नियमों का सख्ती से पालन करने से प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
प्रमुख कारण और हॉटस्पॉट
गंगा के मैदानी क्षेत्रों की हल्की मिट्टी और सर्दियों में ठंडी हवा प्रदूषण के स्तर को बढ़ाने का काम कर रही है। पटना और हाजीपुर को वायु प्रदूषण के हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित किया गया है। हाजीपुर में कचरा जलाने और पटना में निर्माण कार्यों की वजह से हालात और खराब हो रहे हैं।
सरकार के कदम
मुख्य सचिव आमिर सुभानी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई कदम उठाने के निर्देश दिए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- सभी जिलों में निर्माण कार्यों की निगरानी।
- हॉटस्पॉट इलाकों में प्रदूषण रोकने के लिए कार्रवाई।
- राज्य भर में 35 वायु गुणवत्ता केंद्रों का संचालन।
इसके अलावा, पटना, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर और गया में प्रदूषण नियंत्रण के लिए विशेष कार्य योजनाएं बनाई गई हैं।
लोगों की जिम्मेदारी भी जरूरी
सरकार ने जनता से भी प्रदूषण कम करने में योगदान देने की अपील की है। इसमें गाड़ियों का कम इस्तेमाल, कचरा जलाने से बचना, और पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाना शामिल है।
बढ़ते प्रदूषण से निपटना न केवल सरकार की बल्कि सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है। अगर हम अभी सतर्क नहीं हुए, तो यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है। पटना और आसपास के इलाकों में स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयास बेहद जरूरी हैं।
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