छपरा: अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर छपरा में पुलिस प्रशासन और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) ने लड़कियों की सुरक्षा और शोषण रोकथाम के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब मुश्किल परिस्थितियों में फंसी लड़कियां हेल्पलाइन नंबर 15100 डायल करके सीधे कोर्ट से कानूनी मदद ले सकती हैं। इसके अलावा, सारण के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष ने ‘आवाज़ दो’ अभियान के तहत एक और हेल्पलाइन नंबर 9031600191 जारी किया है, जिससे लड़कियां और महिलाएं बिना किसी झिझक के सहायता प्राप्त कर सकेंगी।
सशक्त महिला, सशक्त समाज: ‘आवाज़ दो’ कार्यक्रम का शुभारंभ
सारण के प्रेक्षागृह में आयोजित ‘आवाज़ दो’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया, जिसमें जिले के कई प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी, न्यायाधीश, और स्थानीय महिलाएं व छात्राएं शामिल हुईं। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उन्हें शोषण के खिलाफ लड़ने का साहस देना था।
कार्यक्रम में महिलाओं को छेड़छाड़, घरेलू हिंसा, दहेज, मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना, और ऑनलाइन शोषण के खिलाफ कानूनी मदद लेने के लिए जागरूक किया गया। इसके साथ ही पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारियों ने छात्राओं की समस्याओं को सुना और उचित समाधान प्रस्तुत किए।
बालिका ट्रैफिकिंग पर केंद्रित नाटक: ‘अंधेरे में रोशनी की किरण’
कार्यक्रम के दौरान इप्टा और सेंट्रल पब्लिक स्कूल के बच्चों ने बालिका तस्करी पर आधारित नाटक ‘अंधेरे में रोशनी की किरण’ का प्रभावशाली मंचन किया। नाटक में तीन लड़कियों की कहानियों को प्रस्तुत किया गया, जिन्हें मानव अंग तस्करी, देह व्यापार और प्यार में धोखे का शिकार बनाकर उनका शोषण किया गया। इस नाटक के माध्यम से यह दिखाया गया कि कैसे पुलिस और डीएलएसए ने न केवल इन लड़कियों को बचाया, बल्कि उनके गुनहगारों को भी सलाखों के पीछे भेजा।
नाटक में कलाकारों ने अपनी भूमिकाओं में बेहतरीन अभिनय किया। बालिकाओं की भूमिकाओं में कनक श्रीवास्तव, अंजलि कुमारी, और श्रेया सिंह, जबकि खलनायक की भूमिका में सागर कुमार ने शानदार प्रदर्शन किया। इस मौके पर श्रेया श्रीवास्तव ने कहा कि ये नए हेल्पलाइन नंबर लड़कियों के लिए बेहद लाभदायक साबित होंगे, खासकर तब जब वे किसी आपात स्थिति में हों और तत्काल मदद की आवश्यकता हो।
हेल्पलाइन नंबर से तुरंत मिलेगी मदद
छपरा जिले की लड़कियों के लिए जारी ये हेल्पलाइन नंबर (15100 और 9031600191) संकट की घड़ी में तुरंत मदद प्रदान करेंगे। अब लड़कियों को किसी भी तरह के शोषण या अत्याचार का शिकार होने पर सीधे न्यायालय या पुलिस से संपर्क कर सहायता प्राप्त करने में आसानी होगी।
इस कदम के लिए लड़कियों और महिलाओं ने पुलिस अधीक्षक और जिला न्यायाधीश को धन्यवाद दिया। यह पहल महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे लड़कियां और महिलाएं बिना किसी भय के अपने अधिकारों की सुरक्षा कर सकेंगी।
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