Samastipur News: रेवरा चौक पर धनतेरस के दिन मारपीट की घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है। इस घटना में स्थानीय निवासी और स्पोर्ट्स पर्सन प्रिंस कुमार ने आरोप लगाया है कि उनकी माँ के साथ कुछ लोगों ने बदसलूकी और मारपीट की। इस विवाद को लेकर उन्होंने प्रशासन से कई बार गुहार लगाई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
घटना की पूरी जानकारी
प्रिंस कुमार के अनुसार, घटना 25 तारीख को रेवरा चौक पर हुई, जब उनके परिवार और आरोपियों के बीच कहासुनी के बाद विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। गणेशी प्रसाद, रामनाथ राय, दीपक कुमार, नितीश कुमार, और शंकर रामा पर मारपीट का आरोप है। प्रिंस ने बताया, “माँ और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ गाली-गलौज और मारपीट की गई। स्थानीय थाने में कई बार शिकायत देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।”
प्रशासनिक उदासीनता पर नाराजगी
प्रिंस ने बताया कि 25 तारीख को उन्होंने एसपी कार्यालय में भी लिखित आवेदन दिया, लेकिन प्रशासन से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। उन्होंने कहा, “थाने में बार-बार फोन करने और शिकायत दर्ज कराने के बाद भी कोई रिस्पॉन्स नहीं आया। उल्टा ऐसा लग रहा है जैसे प्रशासन हम लोगों के ही खिलाफ खड़ा हो गया है।”
प्रिंस ने प्रशासन के रवैये से निराश होकर कहा कि वे जिला प्रशासन द्वारा दिए गए सम्मान और प्रशस्ति पत्र लौटाने पर विचार कर रहे हैं।
प्रिंस कुमार: सम्मानित खिलाड़ी, लेकिन प्रशासन से निराश
प्रिंस कुमार एक खेल प्रतिभा हैं, जिन्होंने भारत और एशिया स्तर पर कई कीर्तिमान बनाए हैं। उनके नाम तीन बड़े रिकॉर्ड दर्ज हैं – एक राष्ट्रीय स्तर पर और दो एशियाई स्तर पर। जिले की प्रशासनिक संस्थाओं ने उन्हें कई बार प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया, लेकिन हालिया घटना ने उनकी उम्मीदों को तोड़ दिया है।
प्रिंस ने कहा, “मुझे सरकार और प्रशासन ने भले ही सम्मानित किया है, लेकिन आज जब मुझे न्याय की जरूरत है, तब कोई मदद नहीं मिल रही। ऐसी स्थिति में मैं अपना सम्मान लौटाने का मन बना रहा हूँ।”
प्रिंस की सरकार से अपील
प्रिंस कुमार ने सरकार और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा, “मैं चाहता हूँ कि जो सम्मान मुझे मिला है, वह तब ही सार्थक है जब प्रशासन हमारे साथ खड़ा हो। मेरी माँ के साथ हुई इस घटना पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, नहीं तो मैं अपने सारे पुरस्कार वापस कर दूँगा।”
मामले में प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
इस घटना को लेकर अब जिले में प्रशासनिक ढिलाई और निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि एक सम्मानित खिलाड़ी की शिकायत पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, तो आम आदमी को न्याय मिलना कितना मुश्किल होगा।
निष्कर्ष
रेवरा चौक की यह घटना प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है। प्रिंस कुमार की यह नाराजगी सिर्फ उनके व्यक्तिगत अनुभव तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक गंभीर संदेश है कि किस तरह सम्मानित और देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को भी न्याय के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
इसे भी पढ़े :-
- दरभंगा में उड़ान का नया सफर: 12 दिसंबर से शुरू होंगी इंडिगो की फ्लाइट्स, जानें कैसे मिलेगा विकास को बल
- दरभंगा एयरपोर्ट से दिल्ली-मुंबई: उड़ानें शुरू, अब यात्रा होगी बेहद आसान
- दिवाली की खुशियां हुईं तबाह: ऑटोवाले ने किया ऐसा धोखा, पति-पत्नी पहुंचे पुलिस के पास
- दरभंगा में दर्दनाक सड़क हादसा: बारात में निकले तीन में से दो की मौत, एक की जिंदगी की जंग जारी
- Bihar News: कर्ज के दबाव में महिला ने की आत्महत्या की कोशिश, मछुआरों ने बचाई जान