Samastipur News: समस्तीपुर रेल मंडल के मुख्यालय स्थित बूढ़ी गंडक के रेल पुल पर बैरिकेडिंग की अभावशीलता से खतरा बढ़ा हुआ है। रेलवे लाइन के किनारे बने छठ घाट खतरनाक साबित हो सकते हैं, जिन पर हमेशा सतर्क रहना चाहिए। यहां अर्घ्य के दौरान उमड़ने वाली भीड़ अनियंत्रित होती है और आतिशबाजी के समय भगदड़ होने की भी आशंका है। इससे ट्रेनों की आवाजाही से भी खतरा बढ़ सकता है।
समस्तीपुर रेल मंडल के 15 रेलखंड़ों पर 110 छठ घाट हैं, जिनमें थोड़ी सी भी लापरवाही बड़ी मुश्किल कारगर सकती है। रेलवे लाइन के करीब बने ये घाट हमेशा सतर्कता की आवश्यकता है, क्योंकि यहां अर्घ्य के दौरान लोगों को रेलवे लाइन पर खड़ा होना पड़ता है।
आरपीएफ और जीआरपी की टीम रेल ट्रैक और समपार फाटकों के पार जाने वाले छठ घाट पर मुस्तैद रहेगी। समपार फाटक संख्या 53 ए, बांध स्थित समपार फाटक 5 ए, रेल गंडक पुल, और रामभद्रपुर स्थित घाट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आसपास के लोगों को सतर्क रहने के लिए निर्देश दिया गया है। मंडल रेल प्रबंधक विनय श्रीवास्तव ने रेलवे लाइन के समीप विभिन्न घाटों पर आरपीएफ बल सदस्यों को तैनात करने का आदेश दिया है।
लगातार सीटी का प्रयोग करते हुए गुजरेगी ट्रेन
“छठ घाट के पास से गुजरने वाली सभी ट्रेनों के लोको पायलट को विशेष निर्देश देने का भी क़दम उठाया गया है। इन ट्रेनों को 10 से 15 किलोमीटर की गति गति पर ही चलाना होगा, और इसमें लगातार सीटी का प्रयोग किया जाएगा। रेलवे ट्रैक पर भीड़ देखने पर, तुरंत ट्रेन को रोका जाएगा।”
इन खंडों पर रेलवे लाइन किनारे होती है छठ पूजा
मंडल सुरक्षा आयुक्त ने बताया कि समस्तीपुर-दरभंगा, दरभंगा-जयनगर, दरभंगा-सीतामढी, समस्तीपुर-खगड़िया, खगड़िया-मानसी, मानसी-सहरसा, सहरसा-पूर्णिया, मुजफ्फरपुर-सीमातढी, मुजफ्फरपुर-मोतिहारी, मोतिहारी-रक्सौल, रक्सौल-सुगौली, सुगौली-बेतिया, बेतिया-नरकटियागंज, नरकटियागंज-बगहा, मधुबनी-झंझारपुर।
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साल 2016 में हुआ था गंभीर हादसा
साल “2016 के 7 नवंबर को, समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड के रामभद्रपुर स्टेशन के पास मोईनघाट में सुबह में लोग अर्घ्य अर्पित करने के लिए जमा हुए थे। समय था करीब 05.40 बजे। इसी समय, नई दिल्ली से दरभंगा को जाने वाली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस ट्रेन लगभग 13 घंटे देर से गुजर रही थी, और इसके गुजरने से पांच लोगों को कट गया। इनमें से महेंद्र राय (50), सत्यम कुमार (10), और 16 वर्षीया रवीना कुमारी रामभद्रपुर गांव और रतवारा गांव की थी, जिनकी मौत हो गई। रामचंद्र राय और समसेर नदाफ घायल हो गए थे, लेकिन वे दोनों आज भी दिव्यांग के रूप में जीवित हैं। घटना के समय में बड़ा कुहासा था, जब समस्तीपुर से आने वाली ट्रेन बिना किसी रुकावट के दरभंगा की तरफ बढ़ रही थी और इसी दौरान यह दुर्घटना घटी।
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