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धर्म / Raksha Bandhan Puja Thali 2025: रक्षाबंधन की पूजा थाली में कपूर और अक्षत क्यों होते हैं जरूरी?

Raksha Bandhan Puja Thali 2025: रक्षाबंधन की पूजा थाली में कपूर और अक्षत क्यों होते हैं जरूरी?

Reported by: Ground Repoter | Written by: Saurabh Thakur | Agency: SN Media Network
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Raksha Bandhan Puja Thali 2025: रक्षाबंधन का पर्व हर साल भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा का एक खास संदेश लेकर आता है। Puja Thali में कपूर और अक्षत जैसी सामग्री का महत्व बेहद गहरा है। 9 अगस्त 2025 को मनाया जाने वाला यह पर्व केवल राखी बांधने का दिन नहीं है, बल्कि एक धार्मिक और आध्यात्मिक रस्म है जो रिश्तों को मजबूत करने में मदद करती है। पूजा थाली में कपूर जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और अक्षत अखंडता तथा समर्पण का प्रतीक होता है।

बहनें इन पवित्र वस्तुओं का इस्तेमाल कर भाई की लंबी उम्र, खुशहाली और सुरक्षा की कामना करती हैं। धार्मिक शास्त्र भी पूजा थाली में कपूर और अक्षत को अनिवार्य मानते हैं क्योंकि ये सकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं और घर में सौहार्द बनाते हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि Raksha Bandhan Puja Thali में कपूर और अक्षत का क्या महत्व है, क्यों ये दोनों सामग्री अनिवार्य हैं, और 2025 के रक्षाबंधन पर पूजा कैसे सही तरीके से करें। यह जानकारी आपको इस त्योहार को और भी सार्थक और शुभ बनाने में मदद करेगी।

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रक्षाबंधन 2025 की तैयारी शुरू हो चुकी है। इस बार भी बहनें अपनी Raksha Bandhan Puja Thali को विशेष बनाने में जुटी हैं। कपूर और अक्षत इस थाली के महत्वपूर्ण हिस्से हैं, जिनके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कपूर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और अक्षत अखंड प्रेम का प्रतीक होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार पूजा थाली में इन दोनों की उपस्थिति से भाई-बहन का रिश्ता और मजबूत होगा।

कपूर का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

Raksha Bandhan Puja Thali 2025 के लिए पूरक्षाबंधन पूजा थाली में कपूर और अक्षत के साथ राखी सजावट

कपूर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी बेहद उपयोगी माना जाता है। Raksha Bandhan Puja Thali में जब बहन भाई की आरती करती है और कपूर जलाती है, तो उसका धुआं नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। यह वातावरण को शुद्ध करता है और भाई के चारों ओर एक सकारात्मक ऊर्जा का घेरा बनाता है।

धार्मिक शास्त्रों में भी अग्नि तत्व को देवता तुल्य माना गया है। कपूर इसी अग्नि तत्व का शुद्ध रूप है। यह बुरी नजर से बचाने और मानसिक एकाग्रता बढ़ाने में सहायक होता है। यही कारण है कि हर Rakhi Puja Thali में कपूर का स्थान अनिवार्य माना गया है।

अक्षत का आध्यात्मिक प्रतीक

Raksha Bandhan Puja Thali 2025 के लिए पूरक्षाबंधन पूजा थाली में कपूर और अक्षत के साथ राखी सजावट

अक्षत यानी साबुत चावल का प्रयोग पूजा में विशेष रूप से किया जाता है। यह अखंडता और समर्पण का प्रतीक होता है। रक्षाबंधन पर जब बहन भाई के माथे पर तिलक के साथ अक्षत लगाती है, तो यह एक शुभ कामना का प्रतीक होता है कि भाई का जीवन हमेशा समृद्ध और सुरक्षित रहे।

पारंपरिक Puja Thali items में अक्षत इसलिए शामिल होता है क्योंकि यह टूटे हुए नहीं होते — यह पूर्णता और पवित्रता का संकेत देता है। यही कारण है कि पूजा के हर अनुष्ठान में अक्षत का प्रयोग अनिवार्य माना गया है, विशेषकर Raksha Bandhan Puja Thali 2025 के दौरान।

रक्षाबंधन पूजा थाली की सामग्री | Traditional Puja Thali of Rakhi

हर पूजा थाली में कुछ निश्चित वस्तुएं होती हैं, जो धर्म और परंपरा के अनुसार चुनी जाती हैं। रक्षाबंधन की पूजा थाली में जो प्रमुख सामग्री होती हैं, वे हैं:

  • कपूर (Camphor)
  • अक्षत (Unbroken rice)
  • रोली या कुमकुम (For tilak)
  • दीया (Oil lamp)
  • राखी
  • मिठाई

इन सभी वस्तुओं का एक विशेष धार्मिक और प्रतीकात्मक महत्व होता है। Raksha Bandhan Puja केवल एक रस्म नहीं, बल्कि एक भावनात्मक और आध्यात्मिक अनुभव होता है, जिसमें इन वस्तुओं की उपस्थिति भाई और बहन के रिश्ते को और भी गहरा बनाती है।

कपूर और अक्षत से बनता है सकारात्मक माहौल

Raksha Bandhan Puja के समय जब कपूर जलाया जाता है और अक्षत का तिलक लगाया जाता है, तो यह केवल एक कर्मकांड नहीं होता बल्कि इसके पीछे गहरा आध्यात्मिक अर्थ छिपा होता है। कपूर की लौ नकारात्मक शक्तियों को दूर करती है जबकि अक्षत भाई-बहन के बीच के पवित्र संबंध को मजबूत करता है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि जब पूजा थाली में इन दोनों का उपयोग होता है, तो वह घर में शांति, सौहार्द और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। यही वजह है कि हर साल रक्षाबंधन 2025 जैसे पर्वों पर बहनें पूजा थाली में कपूर और अक्षत को अवश्य शामिल करती हैं।

शास्त्रों में वर्णित महत्व

Raksha Bandhan Puja Thali 2025 के लिए पूरक्षाबंधन पूजा थाली में कपूर और अक्षत के साथ राखी सजावट

धार्मिक ग्रंथों में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि किसी भी पूजा अनुष्ठान में अग्नि और अक्षत का होना अनिवार्य है। पूजा में कपूर और अक्षत का प्रयोग करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति आती है।

कई मान्यताओं के अनुसार, बिना अक्षत और कपूर के पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए Puja Thali तैयार करते समय इन दो वस्तुओं को शामिल करना न केवल एक परंपरा है, बल्कि यह हमारे धार्मिक मूल्यों का सम्मान भी है।

2025 में रक्षाबंधन कैसे मनाएं? | How to Celebrate Rakhi in 2025

9 अगस्त 2025 को रक्षाबंधन मनाया जाएगा। इस दिन सुबह स्नान के बाद पूजा की थाली तैयार करें जिसमें कपूर, अक्षत, दीया, मिठाई और राखी शामिल हो। भाई को तिलक लगाकर आरती करें और राखी बांधें।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस दिन Raksha Bandhan Puja Thali में शामिल की गई हर वस्तु का सही उपयोग आपके पर्व को और भी शुभ बना सकता है। इससे केवल रिश्ते ही नहीं, घर का माहौल भी सकारात्मक बनता है।

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Saurabh Thakur
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Saurabh Thakur is the Founder and CEO of SamastipurNews.in, a prominent news website known for delivering reliable and comprehensive coverage of Samastipur and regional news. With over a decade of experience in the media industry, Saurabh has established himself as a seasoned journalist and dedicated news editor. ...और पढ़ें


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First Published : August 7, 2025, 09:21 AM IST

धर्म / Raksha Bandhan Puja Thali 2025: रक्षाबंधन की पूजा थाली में कपूर और अक्षत क्यों होते हैं जरूरी?