बंगाल सरकार के एक अचानक फैसले ने कई लोगों को चौंका दिया है। बंगाल से पड़ोसी राज्यों में आलू और प्याज की आपूर्ति पर रोक लगा दी गई है, जिससे व्यापारी परेशान हैं। किशनगंज के पास बिहार-बंगाल सीमा पर स्थित रामपुर आलू प्याज मंडी पर नाकाबंदी कर दी गई है, जिससे आलू और प्याज के दाम बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
यह मंडी किशनगंज और आस-पास के क्षेत्रों की लगभग 25 लाख आबादी के लिए एक प्रमुख व्यापार केंद्र है, और इसके बंद होने से खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हो गई है। बंगाल सरकार के इस फैसले से केवल आलू और प्याज की उपलब्धता पर ही असर नहीं पड़ा, बल्कि दवाइयों, कपड़ों और राशन जैसी अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है।
रामपुर बाजार की ऐतिहासिक आपूर्ति और उसके बंद होने का प्रभाव
किशनगंज की और आस-पास के क्षेत्रों की लगभग तीन दशक पुरानी निर्भरता रामपुर बाजार पर रही है। शुरुआत में, यह बाजार किशनगंज शहर में स्थित था, लेकिन बाद में शिकायतों के कारण यह बाजार पश्चिम बंगाल के रामपुर में स्थानांतरित किया गया। पिछले कुछ वर्षों में, यह बाजार बिहार के कई जिलों के लिए सब्जियों का मुख्य स्रोत बन चुका था।
स्थानीय नेताओं का विरोध और संघर्ष की संभावना
किशनगंज नगर परिषद के चेयरमैन इंद्रदेव पासवान ने बंगाल सरकार के इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। उन्होंने पश्चिम बंगाल के अधिकारियों से मांग की है कि वे इस नाकाबंदी को समाप्त कर व्यापार को सामान्य स्थिति में लाने के लिए कदम उठाएं। इंद्रदेव पासवान ने चेतावनी दी है कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो वे विरोध को और तेज करेंगे।
दो राज्यों के बीच बढ़ता तनाव और कालाबाजारी की आशंका
बंगाल सरकार द्वारा यह कदम अचानक लागू किया गया, जिससे दोनों राज्यों के बीच तनाव बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। बिना पूर्व सूचना के लागू की गई नाकाबंदी और बिहार-बंगाल सीमा पर बंगाल पुलिस की तैनाती से अंतरराज्यीय व्यापार विवादों में उल्लेखनीय वृद्धि का संकेत मिल रहा है। स्थानीय लोग और व्यापारी इस फैसले के परिणामस्वरूप कीमतों में वृद्धि और कालाबाजारी की आशंका व्यक्त कर रहे हैं।
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