समस्तीपुर, बिहार: समस्तीपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। अपराधियों ने पुलिस पर हमले की घटनाओं को इस कदर बढ़ा दिया है कि पिछले 10 महीनों में समस्तीपुर पुलिस पर 12 बार हमला हुआ है। इनमें से छह घटनाएं केवल पिछले एक महीने में हुई हैं, जो यह साबित करती हैं कि अपराधी अब पूरी तरह से बेखौफ हो चुके हैं। यह घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि पुलिस को अब अपने काम करने में और ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
समस्तीपुर पुलिस पर बढ़ते हमलों का सिलसिला
पिछले कुछ महीनों में समस्तीपुर पुलिस को हमलों का सामना करना पड़ा है। इसमें पुलिस वाहनों की तोड़फोड़, पुलिसकर्मियों पर हमलावरों द्वारा मारपीट करने और उन्हें गंभीर रूप से घायल करने की घटनाएं शामिल हैं। समस्तीपुर पुलिस पर हुए हमलों में 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। विशेष रूप से अक्टूबर महीने में इस प्रकार की पांच घटनाएं सामने आईं, जहां अपराधियों ने पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया। इन घटनाओं ने पुलिस प्रशासन के सामने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस पर हमले की प्रमुख घटनाएं
10 नवंबर को समस्तीपुर पुलिस ने कल्याणपुर थाना क्षेत्र के भागीरथपुर गांव में हत्या और आर्म्स एक्ट के आरोपी को गिरफ्तार करने के दौरान हमला किया। हमलावरों ने पुलिसकर्मियों को गंभीर रूप से घायल कर दिया। इसके बाद, 15 अक्टूबर को समस्तीपुर पुलिस की चकमेहसी टीम पर भी हमला हुआ, जब वे लूट के आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पहुंचे थे। 7 अक्टूबर को मुसरीघरारी थाना क्षेत्र में छापेमारी के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया। 5 अक्टूबर को उजियारपुर थाना क्षेत्र में भी पुलिस पर हमला हुआ था, और उनके वाहनों को तोड़ा गया था।
आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी और पुलिस की प्रतिक्रिया
इन घटनाओं से यह साफ हो जाता है कि समस्तीपुर पुलिस पर हमलावरों का हौसला बढ़ चुका है। हालांकि, पुलिस ने कई हमलावरों को गिरफ्तार किया है, लेकिन अधिकांश हमलावर फरार हैं। पुलिस का दावा है कि गिरफ्तारी के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन इन हमलों के बाद कार्रवाई की गति धीमी हो गई है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, कई मामलों में गिरफ्तारी के बाद भी जांच और गिरफ्तारी की प्रक्रिया में देरी हो रही है, जो अपराधियों के हौसले को और बढ़ा रही है।
पुलिस पर हमले के मामले में गिरफ्तारी की स्थिति
पुलिस विभाग द्वारा विशेष छापेमारी अभियान चलाने के बावजूद हमलावरों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की कमी है। इस वर्ष, छापेमारी के दौरान चार बार समस्तीपुर पुलिस पर हमला हुआ, जिनमें से एक घटना में हमलावरों ने पुलिसकर्मियों पर गोलीबारी भी की। इसके अतिरिक्त, पुलिस को कई बार सड़क पर जाम लगाने वाले लोगों से बातचीत करते समय भी हमलावरों से मारपीट का सामना करना पड़ा। इन घटनाओं ने यह सिद्ध कर दिया है कि अपराधी अब कानून से डरने की बजाय पुलिस को चुनौती दे रहे हैं।
एसपी अशोक मिश्रा का बयान
एसपी अशोक मिश्रा ने कहा, “हमलावरों के खिलाफ गिरफ्तारी के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, और पुलिस को पूरी उम्मीद है कि जल्द ही इन अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा। हमलावरों ने पुलिस पर हमला कर अपने हौसले को बढ़ाया है, लेकिन पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।”
समाप्ति: पुलिस की चुनौती और अपराधियों का मनोबल
समस्तीपुर जिले में पुलिस पर हमलों के बढ़ते आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि पुलिस के खिलाफ अपराधियों का मनोबल बढ़ चुका है। पुलिस प्रशासन को इस चुनौती का सामना करना होगा, ताकि अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके और कानून का राज स्थापित हो सके।
इन घटनाओं के बावजूद पुलिस विभाग की ओर से लगातार कोशिशें की जा रही हैं ताकि समस्तीपुर पुलिस की कार्यप्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा सके और अपराधियों को कड़ी सजा दिलवायी जा सके।
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