पटना – बिहार की राजधानी पटना में मेट्रो का सपना जल्द ही साकार होने वाला है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने विधानसभा चुनाव 2025 से पहले पटना मेट्रो का परिचालन शुरू करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए राज्य सरकार ने तेज़ी से काम करते हुए 33 करोड़ रुपये की लागत से मेट्रो ट्रेन खरीदने का फैसला किया है।
नीतीश सरकार ने खोला सरकारी खजाना
पटना मेट्रो परियोजना के लिए नीतीश सरकार ने हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में 115 करोड़ रुपये जारी किए। इनमें से 33 करोड़ रुपये मेट्रो ट्रेन खरीदने पर खर्च होंगे, जबकि 62.10 करोड़ रुपये ट्रैक बिछाने और 20 करोड़ रुपये लिफ्ट और एस्केलेटर लगाने में लगाए जाएंगे। पटना मेट्रो का पहला फेज बैरिया से मलाही पकड़ी तक 6.5 किलोमीटर का होगा, और इसका परिचालन 15 अगस्त 2025 तक शुरू करने का लक्ष्य है।
अगस्त 2025 से शुरू होगा परिचालन
पटना मेट्रो प्रोजेक्ट पर काम कर रहे अधिकारियों के अनुसार, परियोजना का काम जुलाई 2025 तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद अगस्त के पहले सप्ताह से मेट्रो का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। इस मेट्रो सेवा से न केवल पटना के लोगों को यातायात की सुविधा मिलेगी, बल्कि शहर के बढ़ते ट्रैफिक जाम से भी राहत मिलेगी।
पहले चरण में तैयार होंगे कुल 26 मेट्रो स्टेशन
पटना मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (PMRC) के अनुसार, पहले चरण में पटना मेट्रो के 26 स्टेशन बनाए जा रहे हैं। मेट्रो की पहली लाइन मलाही पकड़ी से न्यू आईएसबीटी तक चलाई जाएगी। इसके बाद, तख्त हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा, पटना एयरपोर्ट और पटना जंक्शन को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। इन क्षेत्रों के निवासियों को मेट्रो से सबसे अधिक लाभ होगा।
दो कॉरिडोर में बंटा होगा मेट्रो नेटवर्क
पटना मेट्रो परियोजना के अंतर्गत दो कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं:
पहला कॉरिडोर दानापुर से मीठापुर बस स्टैंड तक 16.94 किलोमीटर की दूरी को कवर करेगा।
दूसरा कॉरिडोर पटना जंक्शन से न्यू आईएसबीटी तक 14.45 किलोमीटर लंबा होगा।
पटना जंक्शन इस परियोजना का मुख्य इंटरचेंज स्टेशन होगा। यहां एक अंडरग्राउंड और एक एलीवेटेड स्टेशन होगा, जहां से यात्री दोनों कॉरिडोर में यात्रा कर सकेंगे।
पटना मेट्रो का लाभ
पटना मेट्रो सेवा से शहर के यातायात को सुव्यवस्थित करने में मदद मिलेगी। यह मेट्रो परियोजना:
- यातायात जाम से निजात दिलाएगी।
- लोगों के आवागमन को सुगम बनाएगी।
- शहर के पर्यावरण को बेहतर बनाएगी।
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