बिहार समाचार: बुधवार से 300 घाटों पर शुरू होगा बालू खनन, इस बार होगी नई व्यवस्था

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बुधवार से 300 घाटों पर शुरू होगा बालू खनन: बिहार में एक बार फिर बालू खनन की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। खान एवं भूतत्व विभाग ने 300 से अधिक घाटों पर खनन की अनुमति दी है, जो बुधवार से शुरू होगी। इस बार खनन प्रक्रिया में कई नए बदलाव किए गए हैं ताकि अवैध खनन को रोका जा सके और व्यवस्था में पारदर्शिता बनी रहे।

नए बदलाव और निगरानी की तकनीक इस बार बालू खनन पर निगरानी के लिए ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। घाटों की सीमाओं की सटीक पहचान की जाएगी ताकि अवैध खनन की घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। साथ ही, हर जिले में कंट्रोल एंड कमांड सेंटर स्थापित किए जाएंगे। विभाग ने निर्देश दिए हैं कि सभी जिलों के अधिकारी अपने जिलाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर इस सेंटर की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

पारदर्शिता और अवैध खनन की रोकथाम

खनन प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सभी घाटों और जिला कार्यालयों में बैनर लगाए जाएंगे। जिन घाटों की बंदोबस्ती नहीं की गई है, वहां भी सरकारी बैनर लगाए जाएंगे ताकि अवैध खनन की संभावना पर तुरंत कार्रवाई हो सके। अगर किसी घाट पर अवैध खनन की सूचना नहीं मिलती है, तो संबंधित अधिकारी या ठेकेदार को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

अवैध खनन पर कार्रवाई और सम्मान

सरकार अवैध खनन की सूचना देने वालों को सम्मानित करेगी और उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी। इस नई व्यवस्था से अवैध खनन पर कड़ी नजर रखी जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

गया में अवैध खनन के खिलाफ FIR दर्ज

गया जिले में अवैध बालू खनन के मामले में 23 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। खान निरीक्षक प्रखर प्रज्ञा ने बताया कि मखरौर, पट्टी और भुरकुंडा नदी से अवैध रूप से 12,250 घनफुट बालू की खुदाई कर सरकार को लाखों रुपये का राजस्व नुकसान पहुंचाया गया है। अवैध बालू खनन की पुष्टि स्थानीय चौकीदारों ने की है।

अवैध रूप से बालू की बिक्री

पट्टी इलाके में अवैध खनन के बाद बालू को बाजार में बेचा जा रहा था। कई स्थानीय लोगों और बालू माफियाओं पर कार्रवाई की गई है, जिनमें कैलाश यादव, धर्मेंद्र यादव और अन्य शामिल हैं। इस अवैध खनन से सरकार को काफी नुकसान हुआ है।

भुरकुंडा नदी में भी अवैध खनन भुरकुंडा नदी से भी 9,600 घनफुट बालू अवैध रूप से निकाली गई है। इस नदी में कोई वैध सरकारी खनन योजना संचालित नहीं है, जिससे स्पष्ट है कि यह अवैध खनन माफियाओं द्वारा किया गया है।

बिहार सरकार की यह नई नीति अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई और पारदर्शिता को प्राथमिकता देते हुए बालू खनन को फिर से सुचारू रूप से शुरू करने का प्रयास कर रही है।

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