बिहार में लंबे समय से तैनात राजस्व कर्मियों का होगा तबादला, अमीनों के कार्यकलापों पर सख्ती

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बिहार समाचार: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में वर्षों से एक ही जगह पर जमे राजस्व कर्मियों का जल्द ही तबादला किया जाएगा। विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने निर्देश दिया है कि पांच साल से अधिक समय से किसी भी एक अंचल में तैनात राजस्व कर्मियों का अनिवार्य रूप से स्थानांतरण होगा। इसके साथ ही, जिलों से पिछले पांच वर्षों में अमीनों पर हुई कार्रवाई का पूरा ब्यौरा भी मांगा गया है।

कार्यशैली में सुधार की कोशिशें

पटना: बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के कामकाज पर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं। विभाग ने इस बार कामकाज में सुधार लाने के लिए बड़े कदम उठाए हैं, जिसमें लंबे समय से एक ही जगह तैनात कर्मियों का ट्रांसफर प्रमुख है। सभी जिलों को इस संबंध में आदेश भेजा गया है और दो दिनों के अंदर इसका पालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

पहले भी हो चुके हैं प्रयास

इससे पहले भी अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा था कि जो राजस्व कर्मचारी पांच वर्षों से अधिक समय से एक ही अंचल में तैनात हैं, उनका दूसरे अंचलों में ट्रांसफर होना अनिवार्य है। खासकर शहरी इलाकों में दो साल से अधिक तैनात कर्मचारियों को ग्रामीण अंचलों में स्थानांतरित करने के आदेश दिए गए थे। हालांकि, इस दिशा में अब तक ठोस कदम नहीं उठाए गए थे, जिसे अब लागू करने पर जोर दिया जा रहा है।

अमीनों के काम पर कड़ी नजर

बिहार में इन दिनों भूमि सर्वेक्षण का कार्य तेजी से चल रहा है। इसी क्रम में अमीनों की कार्यशैली पर भी सख्त नजर रखी जा रही है। हाल की समीक्षा में पाया गया कि एक अमीन पूरे महीने में औसतन केवल पांच से छह भूमि मापी ही कर रहे हैं, जो काफी कम है। बिहार में कुल 1719 अमीनों ने मिलकर एक महीने में सिर्फ 9974 मामलों का निपटारा किया।

अमीनों को मिलेगा लक्ष्य

अमीनों की धीमी गति को देखते हुए विभाग ने सख्ती बरतने का निर्णय लिया है। विभाग के सचिव जय सिंह ने निर्देश दिया है कि सभी जिलों के डीएम यह सुनिश्चित करें कि हर अमीन कम से कम 15-20 मापी के मामलों का निपटारा महीने में करें। इससे भूमि मापी प्रक्रिया में तेजी आएगी और भूमि विवादों का जल्द निपटारा हो सकेगा।

भूमि विवाद से अपराध बढ़ने की चिंता

पुलिस ने भूमि विवादों को राज्य में अपराध के बढ़ते मामलों के एक प्रमुख कारण के रूप में चिन्हित किया है। विभाग द्वारा इस दिशा में किए जा रहे प्रयास से भूमि विवाद से जुड़े अपराधों में कमी आने की उम्मीद है।

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