Papankusha Ekadashi 2025: बस एक दिन का व्रत मिटा देगा सारे पाप, जानें तिथि व पूजा विधि

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2 अक्टूबर 2025, नई दिल्ली: सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व माना गया है। सालभर में आने वाली 24 एकादशियों में से आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को Papankusha Ekadashi 2025 कहा जाता है। यह व्रत इस बार 2 अक्टूबर गुरुवार शाम से शुरू होकर 3 अक्टूबर शुक्रवार तक रहेगा। उदया तिथि के अनुसार उपवास और पूजा 3 अक्टूबर को की जाएगी। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से पाप नष्ट होते हैं और साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

पापांकुशा एकादशी 2025 का महत्व

Papankusha Ekadashi 2025 पूजा विधि और महत्व – भगवान विष्णु की आराधना व व्रत
Papankusha Ekadashi 2025: बस एक दिन का व्रत मिटा देगा सारे पाप, जानें तिथि व पूजा विधि 6

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, पापांकुशा एकादशी का पालन करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को दिव्य फल प्राप्त होता है। इस दिन व्रत रखने के साथ-साथ दान का भी महत्व है। मान्यता है कि सोना, तिल, अन्न, गाय और जल का दान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप मिट जाते हैं।

धर्मशास्त्रों में उल्लेख है कि यह व्रत Lord Vishnu की कृपा पाने का सर्वोत्तम माध्यम है। इस दिन व्रत करने से यमलोक के कष्टों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि इस तिथि को राम और भरत का मिलन हुआ था, जो इसे और अधिक पवित्र बनाता है।

पापांकुशा एकादशी 2025 पूजा विधि

व्रत रखने वाले श्रद्धालु को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए और स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। इसके बाद व्रत का संकल्प लेकर पूजा स्थल पर विष्णु या श्रीकृष्ण की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए। पंचामृत से अभिषेक करने के बाद पीले फूल, तुलसी दल और नैवेद्य अर्पित करें।

इस दिन विशेष रूप से पूजा विधि में तुलसी पत्ते का उपयोग अनिवार्य माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु की पूजा अधूरी रहती है। पूजा का शुभ समय प्रातः 11:46 से दोपहर 12:34 तक रहेगा। इस दौरान मंत्र जाप और दीपक जलाकर भगवान का ध्यान करने से पुण्य फल कई गुना बढ़ जाता है।

पापांकुशा एकादशी का व्रत हर किसी को आध्यात्मिक शांति और पापों से मुक्ति दिलाने वाला माना गया है। चाहे धर्म की दृष्टि से देखें या स्वास्थ्य की दृष्टि से, उपवास के अपने कई लाभ हैं। सही विधि से व्रत और पूजा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। इसलिए 2025 में इस पवित्र अवसर पर श्रद्धा और विश्वास के साथ उपवास करें और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करें।

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धार्मिक व्रत-उपवास: क्या सच में मिलते हैं ये फायदे?

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Sambhavi

मैं शम्भावी हूँ, samastipurnews.in में एक कंटेंट राइटर हू। मैं ज्योतिष और धर्म के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों, जीवनशैली और सांस्कृतिक विषयों पर भी लिखती हूँ। मेरा लक्ष्य हमेशा अपने लेखों के ज़रिए हर विषय पर पाठकों को सही और विस्तृत जानकारी देना होता है।

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