गुजरात के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यक्रम एक ही समय में, लेकिन अलग-अलग जगहों पर हुए, जिससे एक दिलचस्प स्थिति पैदा हो गई। मुख्यमंत्री, गांधीनगर में BJP के नए प्रदेश अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा के कार्यभार ग्रहण समारोह में व्यस्त थे। वहीं, लगभग उसी समय, वित्त मंत्री का एक अन्य कार्यक्रम चल रहा था। इन दोनों महत्वपूर्ण आयोजनों के बीच की दूरी मात्र 10 किलोमीटर थी, जिसने राजनीतिक हलकों में ध्यान आकर्षित किया।
शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण गुजरात के गांधीनगर में थीं, जहां उन्होंने राष्ट्रव्यापी वित्तीय जागरूकता अभियान “आपकी पूंजी, आपका अधिकार” की शुरुआत की। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की मौजूदगी तय थी, लेकिन वे शामिल नहीं हो पाए, जिससे उनकी अनुपस्थिति ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया।
सीएम भूपेंद्र पटेल रहे नदारद
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल गांधीनगर टाउन हॉल में आयोजित उस महत्वपूर्ण कार्यक्रम से नदारद रहे, जहां केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अनक्लेम्ड वित्तीय संपत्तियों को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पहल की शुरुआत की। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को उनकी अप्रयुक्त या भूली हुई वित्तीय संपत्तियों के अधिकारों के प्रति जागरूक करना है।
कार्यक्रम में गुजरात के वित्त मंत्री कनो देसाई ने निर्मला सीतारमण के साथ मिलकर ‘आपकी पूंजी, आपका अधिकार’ पहल का शुभारंभ किया। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान यह भी उल्लेख किया कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल जल्द ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे, लेकिन अंत तक उनकी अनुपस्थिति बनी रही, जिससे यह विषय चर्चा में आ गया।
हालांकि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल अंत तक कार्यक्रम में नहीं पहुंचे, क्योंकि उसी समय वे भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा के कार्यभार ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए पार्टी के प्रदेश मुख्यालय गए थे। दिलचस्प बात यह है कि यह कार्यक्रम वित्त मंत्री के आयोजन स्थल से केवल 10 किलोमीटर की दूरी पर आयोजित हुआ।
क्या है “आपकी पूंजी, आपका अधिकार”?
गांधीनगर में आयोजित कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इस अभियान का मूल संदेश सरल लेकिन महत्वपूर्ण है – नागरिकों द्वारा बचाया गया हर रुपया उन्हें या उनके परिवार को वापस मिलना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अदावाकृत जमा, बीमा राशि, लाभांश, म्यूचुअल फंड शेष और पेंशन केवल कागजी रिकॉर्ड नहीं हैं, बल्कि ये आम परिवारों की मेहनत से अर्जित बचत का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और वित्तीय सुरक्षा में सहायक हो सकती है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस पहल के तीन मार्गदर्शक सिद्धांतों “3ए” – जागरूकता, पहुंच और कार्रवाई – पर भी जोर दिया। जागरूकता का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर नागरिक और समुदाय लावारिस संपत्तियों की जानकारी प्राप्त कर सके। पहुंच का मतलब सरल डिजिटल टूल्स और ज़िला-स्तरीय सुविधा प्रदान करना है, जबकि कार्रवाई समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से दावा निपटान पर केंद्रित है।
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