Laxmi Ji ki Aarti for Diwali 2025: दिवाली का पर्व हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। यह पर्व धन, समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा विशेष रूप से की जाती है। माना जाता है कि लक्ष्मी जी की आरती करने से घर में बरकत, सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। दिवाली 2025 में 20 अक्टूबर को मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा और आरती करने से विशेष लाभ प्राप्त होगा।
Laxmi Ji Aarti for Diwali 2025: लक्ष्मी जी की आरती का महत्व और प्रभाव
मां लक्ष्मी को धन, वैभव और समृद्धि की देवी माना गया है। दीपावली की रात को मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और उन घरों में निवास करती हैं जो स्वच्छ, सुव्यवस्थित और श्रद्धा से पूजित होते हैं। लक्ष्मी पूजन के दौरान ‘Laxmi Ji Ki Aarti’ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। आरती करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में स्थायी रूप से बरकत का वास होता है।

लक्ष्मी जी की आरती करने का अर्थ केवल परंपरा निभाना नहीं, बल्कि दिव्य ऊर्जा को आमंत्रित करना भी है। आरती के दौरान जब शंख और घंटियों की ध्वनि गूंजती है, तब नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वातावरण पवित्र हो जाता है। यह आरती वैदिक परंपरा और भक्ति भावना का संगम है, जिसमें श्रद्धा के साथ उच्चारण किया गया प्रत्येक शब्द शक्ति से भरा होता है।
दीपों की रोशनी, घर की सजावट और पूजा का यह वातावरण मन को भी शांति प्रदान करता है। माता लक्ष्मी की आरती से आर्थिक कठिनाइयाँ कम होती हैं और परिवार के सभी सदस्य समृद्धि की ओर अग्रसर होते हैं। यही कारण है कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की आरती करना अनिवार्य माना गया है।
Laxmi Ji Ki Aarti: दिव्य मंत्र और आरती पाठ (Full Aarti In Hindi)
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग माता।
सूर्य चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रूप निरंजनि, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
आरती कैसे करें? लक्ष्मी पूजन की विधि और सामग्री
Laxmi Ji Ki Aarti करने के लिए पूजा का समय और विधि दोनों का विशेष महत्व होता है। दिवाली 2025 में लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर की शाम 6:01 बजे से रात 8:16 बजे तक रहेगा। इस समय के भीतर पूजा करना अति फलदायक होता है। पूजा में मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, धन कुबेर और बहीखातों की पूजा भी की जाती है।

पूजन के लिए पहले घर की साफ-सफाई करें। फिर पूजा स्थल पर लाल वस्त्र बिछाकर मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्तियां या चित्र रखें। उन्हें कुंकुम, अक्षत, पुष्प, दूर्वा, कमलगट्टा, मिठाई और सूखे मेवे अर्पित करें। दीपक जलाएं, धूप-अगरबत्ती लगाएं और आरती थाल में कपूर जलाकर आरती करें।
आरती करते समय परिवार के सभी सदस्य एकत्र होकर श्रद्धापूर्वक ‘ॐ जय लक्ष्मी माता’ गाएं। आरती के बाद घर में प्रसाद वितरित करें। इस प्रकार पूजन और आरती करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद घर के प्रत्येक सदस्य को प्राप्त होता है।
डिजिटल युग में लक्ष्मी जी की आरती के साधन
आज के डिजिटल युग में आरती करना और भी आसान हो गया है। अब लोग laxmi aarti lyrics in hindi pdf, lakshmi maiya ki aarti mp3, या laxmi ji ki aarti song इंटरनेट से डाउनलोड कर सकते हैं। इससे उन लोगों को भी सुविधा मिलती है जो आरती का उच्चारण सही तरीके से नहीं कर पाते।

बहुत से भक्त laxmi aarti download कर के अपने मोबाइल में रखते हैं ताकि आरती कहीं भी और कभी भी कर सकें। डिजिटल फॉर्मेट में laxmi aarti shankh की ध्वनि भी उपलब्ध है, जिसे आरती करते समय बजाया जा सकता है। इससे वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा फैलती है और पूजा पूर्ण रूप से संपन्न होती है।
इसके अलावा बहुत सी वेबसाइट्स और ऐप्स पर laxmi aarti lyrics और mahalaxmi aarti वीडियो के रूप में भी उपलब्ध है, जिसे देखकर आरती करना और भी सहज हो गया है। डिजिटल आरती के इस रूप ने आज की पीढ़ी को भी परंपराओं से जोड़े रखा है।
Q1. दिवाली पर लक्ष्मी जी की आरती कब करनी चाहिए?
उत्तर: लक्ष्मी पूजन और आरती दीपावली के दिन प्रदोष काल में करनी चाहिए। वर्ष 2025 में शुभ मुहूर्त शाम 6:01 बजे से रात 8:16 बजे तक है।
Q2. लक्ष्मी जी की आरती के बोल क्या हैं?
उत्तर: लक्ष्मी जी की आरती की शुरुआत “ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता…” से होती है और यह कुल 8 चौपाइयों में गाई जाती है।
Q3. क्या लक्ष्मी जी की आरती सिर्फ दिवाली पर ही की जाती है?
उत्तर: नहीं, लक्ष्मी जी की आरती नियमित रूप से शुक्रवार, पूर्णिमा और अन्य शुभ अवसरों पर भी की जा सकती है।
Q4. लक्ष्मी जी की आरती कैसे करें?
उत्तर: सबसे पहले मां लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक और कपूर जलाकर श्रद्धा पूर्वक आरती करें। शंख और घंटी की ध्वनि के साथ आरती गाएं।
Q5. क्या लक्ष्मी जी की आरती मोबाइल या डिजिटल माध्यम से कर सकते हैं?
उत्तर: हां, आप मोबाइल में Laxmi Ji Ki Aarti mp3, lyrics pdf, या वीडियो प्ले कर आरती में शामिल हो सकते हैं। भावना और श्रद्धा सबसे अहम होती है।
Q6. लक्ष्मी जी की आरती करने से क्या लाभ होता है?
उत्तर: लक्ष्मी जी की आरती करने से घर में सुख, समृद्धि, धनवृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है।
Q7. लक्ष्मी जी की आरती कौन-कौन से दिन की जाती है?
उत्तर: आरती दिवाली के अलावा शुक्रवार, धनतेरस, अक्षय तृतीया, रक्षाबंधन और किसी भी धन संबंधित व्रत या पूजा के दिन की जा सकती है।
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