India-US Trade Deal: 1 अगस्त से पहले नहीं बनी सहमति तो बढ़ सकता है 25% टैरिफ

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India-US Trade Deal: बताते चले की 29 जुलाई 2025 को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह स्पष्ट संकेत दिया कि अगर भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता 1 अगस्त तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचती, तो भारत से आने वाले उत्पादों पर 20% से 25% तक टैरिफ लगाया जा सकता है। इस बयान के बाद व्यापार जगत में हलचल तेज हो गई है और निवेशकों की चिंता बढ़ गई है।

व्यापार वार्ता का अब तक का हाल

भारत और अमेरिका के बीच पिछले तीन महीनों में पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, जिसका उद्देश्य था एक ऐसे व्यापार समझौते तक पहुंचना जिससे दोनों देशों को लाभ हो। अमेरिका चाहता है कि भारत अपने डेयरी, कृषि और ऑटोमोबाइल सेक्टर में विदेशी कंपनियों को ज्यादा पहुंच दे। वहीं भारत की मांग है कि अमेरिका स्टील, एल्यूमीनियम और ऑटो सेक्टर पर लगाए गए भारी-भरकम टैक्स को कम करे।

भारत के वाणिज्य मंत्रालय के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल और अमेरिका की तरफ से दक्षिण व मध्य एशिया के सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच इस वार्ता में शामिल रहे हैं। यह वार्ता भारत और अमेरिका के लिए रणनीतिक रूप से बेहद अहम मानी जा रही है।

ट्रंप का बयान और भारत को चेतावनी

डोनाल्ड ट्रंप ने स्कॉटलैंड से अमेरिका लौटते समय मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि भारत पर 20 से 25 फीसदी का टैरिफ लगाया जा सकता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भारत अमेरिका का मित्र देश है और उन्होंने पाकिस्तान के साथ शांति बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है।

India-Us Trade Deal की बातचीत और संभावित टैरिफ बढ़ोतरी से जुड़ी व्यापारिक वार्ता की तस्वीर।
India-Us Trade Deal पर संकट: अगर 1 अगस्त तक समझौता नहीं हुआ तो भारत को भुगतना होगा 25% टैरिफ!

लेकिन ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने अब तक अमेरिका की तुलना में ज्यादा टैरिफ लगाए हैं और यह स्थिति संतुलित होनी चाहिए। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब सिर्फ दो दिन बचे हैं उस समयसीमा के समाप्त होने में, जब अमेरिका द्वारा भारत समेत अन्य देशों पर टैरिफ बढ़ाने का निर्णय लागू किया जा सकता है।

25 अगस्त को संभावित छठी वार्ता

सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका की एक व्यापारिक टीम 25 अगस्त को भारत आएगी ताकि छठे दौर की बातचीत की जा सके। हालांकि इस बात की संभावना बेहद कम है कि 1 अगस्त से पहले कोई अंतरिम समझौता हो पाएगा। फिर भी दोनों पक्ष कोशिश कर रहे हैं कि अंतिम समय में कोई interim trade deal हो जाए ताकि भारी टैरिफ से बचा जा सके।

किसान संगठनों की चिंताएं

अमेरिका के प्रस्तावित समझौते के तहत भारत को अपने कृषि बाजार को और अधिक खोलना होगा, लेकिन इस पर किसान संगठनों ने आपत्ति जताई है। उनका मानना है कि इससे देसी किसानों को नुकसान होगा और उन्हें अमेरिकी उत्पादों से सीधी प्रतिस्पर्धा झेलनी पड़ेगी।

इस विषय में किसान संगठनों ने सरकार से अपील की है कि किसी भी व्यापार समझौते में कृषि क्षेत्र को न जोड़ा जाए और भारत के छोटे किसानों के हितों की रक्षा की जाए।

टैरिफ का असर: निर्यात पर संकट

यदि 1 अगस्त तक कोई समझौता नहीं होता है, तो भारतीय निर्यातकों को मौजूदा 10% टैक्स के ऊपर 16% अतिरिक्त टैरिफ झेलना पड़ सकता है। यह कुल मिलाकर 26% हो जाएगा जो भारत के माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) पर बुरा असर डालेगा। विशेष रूप से स्टील, ऑटो, टैक्सटाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को सबसे ज्यादा नुकसान होने की संभावना है।

अमेरिका की मांगें

  1. कृषि और डेयरी सेक्टर में टैरिफ छूट।
  2. टेक्नोलॉजी कंपनियों को भारत में आसान एंट्री।
  3. बड़े डेटा सर्वर नियमों में नरमी।
  4. ई-कॉमर्स नियमों में लचीलापन।

भारत अभी तक इन मुद्दों पर सीधी सहमति नहीं दे पाया है, लेकिन बातचीत लगातार जारी है।

भारत की प्रमुख मांगें | India’s Demands in the Deal

  1. 26% रिप्रोसिप्रोकल टैरिफ को खत्म किया जाए।
  2. स्टील और एल्युमिनियम पर लगे भारी टैक्स को कम किया जाए।
  3. भारत को “developing nation” का दर्जा मिलना चाहिए जिससे उसे विशेष रियायतें मिल सकें।

भारत का मानना है कि अगर अमेरिका रियायतें देगा, तो भारत अपने बाजारों को धीरे-धीरे खोल सकता है।

विश्लेषण: क्यों महत्वपूर्ण है यह India-US Trade Deal

India-US Trade Deal सिर्फ दो देशों के बीच व्यापार को आसान बनाने का तरीका नहीं है, बल्कि यह वैश्विक व्यापार नीति का भी हिस्सा है। अमेरिका और भारत दोनों ही विश्व के प्रमुख लोकतांत्रिक और आर्थिक ताकतें हैं। अगर यह समझौता होता है, तो यह विश्व के अन्य विकासशील देशों के लिए एक मॉडल समझौता बन सकता है।

India-US Trade Deal इस समय एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है। अगर 1 अगस्त तक कोई समझौता नहीं हुआ, तो भारत को अमेरिकी बाजार में भारी टैक्स का सामना करना पड़ सकता है। इससे भारत के निर्यात क्षेत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। दोनों देशों के लिए यह समय सोच-समझकर निर्णय लेने का है ताकि वैश्विक व्यापार को स्थिरता मिल सके।

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Saurabh Thakur

Saurabh Thakur is the Founder and CEO of SamastipurNews.in, a prominent news website known for delivering reliable and comprehensive coverage of Samastipur and regional news. With over a decade of experience in the media industry, Saurabh has established himself as a seasoned journalist and dedicated news editor.

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