बिहार में इस साल 27 फीसदी कम बारिश के बावजूद गंगा समेत कई नदियां उफान पर हैं, जिससे 12 जिलों के 9.78 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं। पटना में गंगा नदी का जलस्तर दीघा घाट, गांधी घाट और हाथीदह में लगातार खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। समस्तीपुर जिले के मोहनपुर, मोहिद्दीननगर और विद्यापतिनगर प्रखंडों में बाढ़ ने कई पंचायतों को जलमग्न कर दिया है। हालांकि, जल संसाधन विभाग के मुताबिक, गंगा का जलस्तर अब गिरावट पर है, लेकिन अगले तीन दिनों तक बड़ी राहत की उम्मीद नहीं है। फरक्का, इंद्रपुरी और वीरपुर बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं ताकि बाढ़ की स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सके।
12 जिलों में बाढ़ से प्रभावित हुए 9.78 लाख लोग
बिहार के 12 जिलों के 9.78 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जबकि राज्य में 27 फीसदी कम बारिश के बावजूद गंगा समेत कई नदियां उफान पर हैं। पटना, समस्तीपुर, भोजपुर, वैशाली, सारण, बेगूसराय, बक्सर, मुंगेर, लखीसराय, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार जिलों के लोग इस बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण कर राहत कार्यों की समीक्षा की है।
मुख्यमंत्री ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण
बिहार में 27 फीसदी कम बारिश के बावजूद गंगा समेत कई नदियां उफान पर हैं, और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो बार बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया है। पहले उन्होंने हवाई सर्वेक्षण किया और फिर सड़क मार्ग से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे बाढ़ पीड़ितों को हरसंभव मदद उपलब्ध कराएं। साथ ही उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने भी एनएच पर पानी चढ़ने की स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए।
गंगा समेत कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
गंगा समेत कई नदियां उफान पर हैं, जिसमें कोसी, बूढ़ी गंडक, गंडक, घाघरा, पुनपुन और सोन नदियों का जलस्तर भी शामिल है। इन नदियों का जलस्तर लगातार खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है, जिससे बिहार के 12 जिलों में बाढ़ की स्थिति और भी गंभीर हो गई है। पटना के मनेर में गंगा नदी 88 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि दीघा घाट और गांधी घाट पर भी जलस्तर सामान्य से ऊपर है।
12 जिलों में बाढ़ से 9.78 लाख लोग प्रभावित, सीएम ने की समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री ने बाढ़ की स्थिति पर अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की, जहां उन्होंने 12 जिलों के 9.78 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित होने की जानकारी दी। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने और रात में भी गश्ती बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। तटबंधों पर नजर रखने के साथ-साथ मौसम विभाग ने 23 से 27 सितंबर तक भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे बाढ़ की स्थिति और बिगड़ सकती है। हालांकि, गंगा का जलस्तर अब गिरावट पर है, लेकिन अभी भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
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