Ganesh Ji Ki Aarti: जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती, गणेश चतुर्थी पर ऐसे करें बप्पा की आरती

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गणेश चतुर्थी आरती: विघ्नहर्ता का आशीर्वाद

खबर का सार AI ने दिया. न्यूज़ टीम ने रिव्यु किया.

  • गणेश जी की आरती से घर में सकारात्मकता आती है।
  • आरती करते समय घड़ी की दिशा में दीपक घुमाएँ।
  • शुद्ध घी या तेल से दीपक जलाएँ और पूरी श्रद्धा से आरती करें।

Ganesh Ji Ki Aarti: आज 28 अगस्त 2025 को देशभर में गणेश चतुर्थी का शुभारंभ धूमधाम से हो चुका है। भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होने वाला यह पर्व 10 दिनों तक चलता है। इस दौरान भक्तजन गणपति बप्पा की स्थापना कर पूजा-अर्चना और आरती करते हैं। माना जाता है कि गणेश जी की आरती करने से जीवन से सभी विघ्न दूर होते हैं और सुख-समृद्धि का आगमन होता है। यही वजह है कि मंदिरों और पंडालों में सुबह-शाम आरती गूंजती है और हर जगह “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारे सुनाई देते हैं।

गणेश चतुर्थी केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आस्था और आनंद का संगम है। भक्त मानते हैं कि यदि सही विधि-विधान और श्रद्धा के साथ Ganesh Ji Ki Aarti lyrics गाए जाएं तो भगवान गणेश का आशीर्वाद जीवनभर साथ रहता है। इस पर्व में मोदक और लड्डू का प्रसाद चढ़ाना विशेष शुभ माना जाता है। साथ ही आरती करते समय कुछ नियम और परंपराओं का पालन अनिवार्य होता है, वरना पूजा का पूरा फल नहीं मिलता। हम आपको गणेश जी की संपूर्ण आरती के बोल, महत्व और पूजा के दौरान बचने वाली गलतियों के बारे में बताएंगे।

गणेश चतुर्थी पर आरती का महत्व

Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics With Devotees Performing Ganesh Chaturthi Puja 2025 In Decorated Pandal
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गणपति बप्पा की आरती को धर्मशास्त्रों में कल्याणकारी बताया गया है। जब भक्त गणपति की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक और भक्ति भाव से आरती करते हैं तो घर-परिवार में सकारात्मकता और सुख-समृद्धि का संचार होता है। Ganpati Aarti हर दिन सुबह और शाम अनिवार्य रूप से की जानी चाहिए। खासकर Vinayaka Chaturthi Aarti के दौरान मोदक और लड्डू का भोग अर्पित करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं। इसी वजह से भक्तजन पूरे मन से कहते हैं — गणपति बप्पा मोरया

गणेश जी की आरती Lyrics (Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics)

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गणेश चतुर्थी 2025 के अवसर पर प्रस्तुत है संपूर्ण गणेश जी की आरती (Ganesh Ji Ki Aarti lyrics in Hindi):

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

पान चढ़े, फल चढ़े और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥

गणेश पूजा के नियम और परंपरा

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Ganesh Puja के दौरान आरती का दीपक सदैव शुद्ध घी या तेल से जलाना चाहिए। आरती करते समय हमेशा घड़ी की दिशा में दीपक घुमाना शुभ माना गया है। भक्तजन को ध्यान रखना चाहिए कि आरती पूरी श्रद्धा और ध्यान से हो। मोबाइल, बातचीत या हंसी-मजाक के बीच पूजा करने से लाभ कम हो जाता है। इसीलिए गणेश पूजा आरती को हमेशा शांति और भक्ति भाव से करना चाहिए।

गणेश उत्सव 2025: क्या न करें

जब Ganesh Utsav 2025 मनाया जा रहा हो, तो भक्तों को कुछ गलतियों से बचना चाहिए:

  • बिना स्नान किए या गंदे कपड़े पहनकर आरती न करें।
  • अधजला दीपक या बुझी हुई लौ का प्रयोग न करें।
  • आरती करते समय दक्षिणावर्त दिशा (घड़ी की दिशा) का पालन अवश्य करें।
  • आरती के बाद दीपक की लौ परिवारजनों को दिखाना न भूलें।

इन नियमों का पालन करने से गणेश चतुर्थी आरती अधिक फलदायी मानी जाती है।

बप्पा की आरती और भक्ति का भाव

बप्पा की आरती गाते समय भक्तों के हृदय में गहरी भक्ति और आनंद का संचार होता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना गया है, जो हर कठिनाई और समस्या को दूर कर देते हैं। आरती के बोलों में वह शक्ति होती है जो मन को शांति और आत्मा को सुकून देती है। यही वजह है कि चाहे घर हो, मंदिर हो या पंडाल — गणेश चतुर्थी आरती हर जगह गूंजती है और लोगों को भगवान गणेश के आशीर्वाद से जोड़ती है।

गणेश चतुर्थी का पर्व केवल एक त्योहार नहीं बल्कि आस्था और परंपरा का संगम है। यदि भक्त सही विधि-विधान और श्रद्धा से आरती करते हैं, तो भगवान गणेश का आशीर्वाद उन्हें जीवनभर सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करता है।

Q1. गणेश जी की आरती कब करनी चाहिए?
गणेश जी की आरती सुबह और शाम दोनों समय करनी चाहिए। खासकर गणेश चतुर्थी और गणेश उत्सव के दौरान प्रतिदिन आरती करना शुभ माना जाता है।

Q2. गणेश जी की आरती के लिए दीपक किससे जलाना चाहिए?
गणेश जी की आरती करते समय दीपक शुद्ध घी या तिल के तेल से जलाना सबसे उत्तम माना जाता है।

Q3. क्या गणेश चतुर्थी पर बिना स्नान किए आरती कर सकते हैं?
नहीं, शास्त्रों के अनुसार स्नान किए बिना या गंदे वस्त्र पहनकर आरती करना अशुभ माना गया है।

Q4. गणेश जी की आरती के दौरान क्या नहीं करना चाहिए?
आरती करते समय हंसी-मज़ाक, जल्दबाजी, या मोबाइल का उपयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए। आरती का भाव शांति और श्रद्धा से होना चाहिए।

Q5. गणेश जी की आरती क्यों की जाती है?
गणेश जी की आरती करने से जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं और घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

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गणेश आरती के दौरान किन नियमों का पालन करना सबसे ज़रूरी है?

पूरी श्रद्धा और ध्यान से आरती करना (2 Votes)
शुद्ध घी या तेल से दीपक जलाना (0 Votes)
घड़ी की दिशा में दीपक घुमाना (0 Votes)
ये सभी नियम ज़रूरी हैं (0 Votes)

Saurabh Thakur

Saurabh Thakur is the Founder and CEO of SamastipurNews.in, a prominent news website known for delivering reliable and comprehensive coverage of Samastipur and regional news. With over a decade of experience in the media industry, Saurabh has established himself as a seasoned journalist and dedicated news editor.

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