EPFO Recruitment: अगर आप सरकारी नौकरी की तलाश में हैं, तो आपके लिए बहुत बड़ी खुशखबरी सामने आई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में 9000 से अधिक पद खाली हैं, और अब जल्द ही इन पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। 18 जुलाई 2025 से कैडर पुनर्गठन समिति की दो दिवसीय अहम बैठक हो रही है, जिसमें कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने और लंबे समय से पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे कर्मियों को प्रमोशन देने पर विचार किया जा रहा है।
इस बैठक के बाद न केवल EPFO Recruitment की आधिकारिक घोषणा संभव है, बल्कि यह भी तय किया जा सकता है कि ग्रुप A, B और C के रिक्त पदों को किस समयसीमा में भरा जाएगा। केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाली EPFO की नौकरियां युवाओं के लिए बेहद प्रतिष्ठित मानी जाती हैं। ऐसे में यदि आप इस मौके को हाथ से जाने देते हैं, तो आपको पछताना पड़ सकता है।
EPFO Recruitment का ताजा अपडेट: 9000 पद रिक्त
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EPFO में इस समय करीब 24,000 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 9,000 पद रिक्त हैं। ये पद ग्रुप A, B और C के अंतर्गत आते हैं। कर्मचारियों की कमी के कारण संगठन की कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है, इसलिए अब इन पदों को भरने की तैयारी शुरू हो गई है। EPFO के अनुसार, यह भर्ती प्रक्रिया आने वाले समय में शुरू हो सकती है ताकि कर्मचारियों पर बढ़ते काम के बोझ को संतुलित किया जा सके।
हाल ही में EPFO की कैडर पुनर्गठन समिति ने अपने सभी एसोसिएशनों और कर्मचारी यूनियनों के साथ बैठक बुलाई है। यह दो दिवसीय बैठक भविष्य की भर्ती योजना और कर्मचारियों की पदोन्नति को लेकर निर्णायक हो सकती है।
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सूत्रों के अनुसार, इस बैठक के बाद EPFO Promotion के लिए नई व्यवस्था लागू की जा सकती है, जिससे लंबे समय से स्थिरता का सामना कर रहे कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। पिछले एक दशक से कैडर की समीक्षा नहीं की गई है, जबकि DOPT और कैबिनेट सचिवालय के निर्देशानुसार हर 5 वर्षों में इसकी समीक्षा होनी चाहिए।
2016 में CBT (Central Board of Trustees) ने ग्रुप A के पदों को 859 से बढ़ाकर 1,039 कर दिया था। लेकिन उसके बाद कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ। 2024 में श्रम मंत्री द्वारा अधिकारियों की समिति गठित की गई थी, जिसका मकसद पुनर्गठन प्रक्रिया को गति देना था। अब यह उम्मीद की जा रही है कि प्रमोशन प्रक्रिया और नई नियुक्तियां शीघ्र शुरू होंगी।
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वर्तमान में EPFO के पास 21 जोनल कार्यालय, 138 क्षेत्रीय कार्यालय, 114 जिला कार्यालय, और 5 विशेष राज्य कार्यालय हैं। इतनी बड़ी संख्या में शाखाएं होने के बावजूद संगठन में कर्मचारियों की भारी कमी बनी हुई है।
EPFO staff shortage की वजह से कुछ कार्यों को निजी ठेकेदारों को सौंपा गया है या फिर तकनीक के सहारे पूरा किया जा रहा है। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे कार्य की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। ऐसे में सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए कि खाली पदों को भरे और स्थायी कर्मचारियों को बढ़ावा दे।
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बैठक में निम्न मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है:
- 9000 खाली पदों पर भर्ती की समयसीमा तय करना।
- पिछली कैडर पुनर्गठन रिपोर्ट की समीक्षा।
- ऑनलाइन भर्ती प्रक्रिया को तेज करना।
- कर्मचारियों की पदोन्नति को लेकर नई नीति लागू करना।
EPFO के CBT सदस्य हरभजन सिंह ने कहा है कि "रिक्त पद भरे बिना कार्यभार ठेके पर सौंपना स्थायी समाधान नहीं है। इससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ता है और सेवा गुणवत्ता पर असर पड़ता है।"
क्यों है देशभर के युवाओं के लिए महत्वपूर्ण?
EPFO में नौकरी पाना केंद्र सरकार के अधीन एक प्रतिष्ठित सेवा मानी जाती है। इससे जुड़ने से न सिर्फ स्थायी नौकरी मिलती है बल्कि वित्तीय सुरक्षा और प्रमोशन की संभावनाएं भी मजबूत होती हैं।
भारत के लाखों युवाओं की नजर EPFO की इस भर्ती प्रक्रिया पर टिकी है। अगर यह प्रक्रिया समय पर शुरू होती है, तो सरकारी नौकरी की चाह रखने वाले उम्मीदवारों के लिए यह सुनहरा अवसर होगा।
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