समस्तीपुर न्यूज़: समस्तीपुर के विमेंस कॉलेज में सोमवार को बिहार की प्रसिद्ध गायिका शारदा सिन्हा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। बिहार की लोकसंस्कृति की पहचान और सम्माननीय हस्ती शारदा सिन्हा ने इस कॉलेज में 38 वर्षों तक अपनी सेवा दी थी। छुट्टियों के बाद सोमवार को कॉलेज खुलने पर उनके सम्मान में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया।
विमेंस कॉलेज, समस्तीपुर में श्रद्धांजलि सभा में दिखी भावनाओं की बाढ़
श्रद्धांजलि सभा में विमेंस कॉलेज, समस्तीपुर के सभी विभागों के शिक्षक, छात्र और स्टाफ उपस्थित थे। सभी ने बिहार की कोकिला शारदा सिन्हा को सम्मानित करते हुए उनके चित्र पर माल्यार्पण किया और पुष्प अर्पित किए। संगीत विभाग की छात्राओं ने डॉ. पुष्कर कुमार झा के निर्देशन में उनके गाए प्रसिद्ध गीतों को प्रस्तुत कर उन्हें याद किया। इस अवसर पर विमेंस कॉलेज की प्रधानाचार्या प्रो. सुनीता सिन्हा ने कहा, “शारदा सिन्हा का व्यक्तित्व अद्वितीय था, उनके गीतों में हमारी समृद्ध संस्कृति और पारिवारिक मूल्यों की झलक मिलती है। समस्तीपुर न्यूज़ में उनकी उपस्थिति हमेशा जीवित रहेगी।”
“भारत रत्न की हकदार हैं शारदा सिन्हा” – समस्तीपुर के प्रोफेसर की भावपूर्ण टिप्पणी
समस्तीपुर न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, इस श्रद्धांजलि सभा में डॉ. विजय कुमार गुप्ता ने शारदा सिन्हा की उपलब्धियों को याद करते हुए कहा, “बिहार की कोकिला शारदा सिन्हा जैसे व्यक्तित्व भारत रत्न की हकदार हैं। उनकी सादगी और कला ने न केवल बिहार बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है।” प्रो. अरुण कुमार कर्ण ने भी भावुक होते हुए कहा, “शारदा सिन्हा के साथ काम करना मेरे लिए एक उपलब्धि से कम नहीं है। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है।”
शारदा सिन्हा के गीतों में समाहित है समस्तीपुर की संस्कृति – Samastipur News
श्रद्धांजलि सभा में मौजूद संगीत विभाग की प्रमुख डॉ. कुमारी अनु ने समस्तीपुर न्यूज़ को बताया, “शारदा सिन्हा के गीत केवल छठ और विवाह के गीत नहीं हैं बल्कि इनमें समस्तीपुर और बिहार की संस्कृति, परंपरा और संस्कार झलकते हैं। उनके गीत महलों से लेकर झोपड़ियों तक में गाए जाते हैं, और हर तबके के लोगों के दिलों में बसते हैं।” उनके गीतों में जो अपनापन और समाज का संदेश होता है, वह समाज के लिए प्रेरणादायक है।
“शारदा सिन्हा के गीतों में पारिवारिक प्रेम का संदेश” – समस्तीपुर न्यूज़
डॉ. नेहा कुमारी जायसवाल ने समस्तीपुर न्यूज़ को बताया कि शारदा सिन्हा के गीत केवल छठ और विवाह के अवसरों पर ही नहीं, बल्कि समाज में पारिवारिक प्रेम, भाईचारे और सांस्कृतिक मूल्यों का संदेश भी देते हैं। उनकी आवाज में वह मधुरता थी, जो हर दिल को छू जाती थी और उनकी उपस्थिति आज भी सभी की स्मृतियों में जीवित है।
शारदा सिन्हा की यादों से भर उठा समस्तीपुर का विमेंस कॉलेज
श्रद्धांजलि सभा में समस्तीपुर विमेंस कॉलेज के सभी प्राध्यापकों ने उनकी यादों को साझा किया। प्रो. सोनी सलोनी ने कहा, “शारदा दीदी का इस तरह से जाना बहुत दुखद है, उनका जाना हमारे लिए एक बड़ी क्षति है।” प्रो. बिगन राम ने भी भावुक होते हुए कहा कि शारदा सिन्हा अपनी व्यस्तता के बावजूद परीक्षा कार्यों को समय पर पूरा करती थीं।
समस्तीपुर न्यूज़: शारदा सिन्हा के सम्मान में एक अध्याय का अंत
समस्तीपुर न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं भी शामिल हुईं। इसमें डॉ. नीतिका सिंह, डॉ. मधुलिका मिश्रा, डॉ. स्मिता कुमारी, डॉ. रिंकी कुमारी, डॉ. स्वाति कुमारी, डॉ. शबनम, डॉ. रेखा, डॉ. शालिनी, डॉ. पूनम, डॉ. कविता, डॉ. सालेहीन अहमद, राधा कुमारी, सुषेण कुमार, पिनाक पानी बोस सहित सभी शिक्षक एवं छात्रों ने शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि अर्पित की।
समस्तीपुर के विमेंस कॉलेज में बिहार की इस कोकिला को श्रद्धांजलि देने का यह कार्यक्रम, समस्तीपुर न्यूज़ के लिए भी एक अहम खबर बनी। उनके जीवन और उनके गीत हमेशा हमें उनकी याद दिलाते रहेंगे, और उनका योगदान भारतीय संस्कृति में अमर रहेगा।
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