Bihar News: पूर्वी चंपारण जिले के छतौनी थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के छात्र को साइबर अपराध के आरोप में गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया युवक, हर्ष कुमार, पश्चिमी चंपारण के मझौलिया का निवासी है और बरियारपुर में रहकर साइबर ठगी को अंजाम दे रहा था।
कैसे करता था साइबर अपराध?
हर्ष कुमार ऑनलाइन फ्रॉड के लिए कस्टम विभाग में पकड़े गए सामानों के फर्जी विज्ञापन बनाकर टेलीग्राम पर शेयर करता था। वह प्रीपेड ऑर्डर का झांसा देकर पैसे वसूलता और डिलीवरी में देरी, जीएसटी अथवा पेमेंट फेल होने का बहाना बनाकर और पैसे मांगता था।
इसके अलावा, उसने टेलीग्राम पर पायरेटेड मूवी डाउनलोडिंग ग्रुप बनाए थे। इन ग्रुप्स में वह एक ट्रोजन वायरस से संक्रमित एप्लिकेशन शेयर करता था, जिससे लोगों के मोबाइल हैक कर उनकी निजी जानकारी चुराई जाती थी। यह जानकारी बाद में फ्रॉड के लिए इस्तेमाल की जाती थी।
ठगी के पैसों का अनोखा तरीका
ठगी से बचने के लिए हर्ष ने पैसे सीधे अपने खाते में मंगवाने के बजाय दुकानों और व्यवसायियों के स्कैनर का इस्तेमाल किया। शिकायत होने पर संबंधित खातों को फ्रीज कर दिया जाता, जिससे वह खुद को बचा लेता था।
पुलिस ने क्या जब्त किया?
मोतिहारी पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने बताया कि हर्ष कुमार के पास से दो मोबाइल फोन और तीन सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। एक मोबाइल में उसके टेलीग्राम ग्रुप्स का डेटा मिला है, जबकि दूसरा मोबाइल ट्रोजन वायरस से संक्रमित था। पुलिस ने साइबर अपराध से जुड़े कई सबूत भी जब्त किए हैं।
जांच और जागरूकता की अपील
मोतिहारी साइबर थाना में हर्ष कुमार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस उसकी गतिविधियों की गहराई से जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसने कितने लोगों को ठगा और उसका नेटवर्क कितना बड़ा है।
ऑनलाइन ठगी से बचाव के लिए सुझाव
इस घटना ने राज्य में बढ़ते साइबर अपराध के खतरों को उजागर किया है। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे ऑनलाइन लेन-देन में सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। सतर्कता और जागरूकता ही ऐसे अपराधों से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है।
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