समस्तीपुर के देवखाल चौर में छठ का चमत्कारिक इतिहास: जहां द्रौपदी ने की थी पूजा, जानें रहस्यमयी सुरंग की कहानी

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समस्तीपुर, बिहार के उजियारपुर प्रखंड में स्थित देवखाल चौर का छठ पर्व से गहरा संबंध है। मान्यता है कि महाभारत काल में पांडवों के साथ द्रौपदी ने यहीं छठ मनाया था। इस धार्मिक स्थल पर नदी किनारे स्थित घाटों पर आज भी श्रद्धालु बड़ी आस्था के साथ छठ पूजा करते हैं।

द्रौपदी द्वारा देवखाल चौर में मनाए गए छठ का ऐतिहासिक महत्व

समस्तीपुर के इस क्षेत्र का पौराणिक महत्व बताते हुए अधिवक्ता चंद्रकांत सिंह कहते हैं कि देवखाल चौर का संबंध पांडवों और द्रौपदी के समय से जुड़ा है। यह स्थल आस्था का केंद्र है क्योंकि द्रौपदी ने यहां पांडवों के साथ मिलकर नदी किनारे छठ पूजा की थी। इसके ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए हाल ही में बिहार पर्यटन विभाग की टीम ने इस स्थल का निरीक्षण भी किया, जिसमें धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की बात कही गई।

देवखाल चौर: नदी किनारे बसा, समस्तीपुर का ऐतिहासिक धार्मिक स्थल

समस्तीपुर के देवखाल चौर का यह स्थल लगभग 5000 एकड़ में फैला है और इसमें वर्ष भर पानी रहता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि महाभारत के समय पांडव स्थान से पांडव एक सुरंग के माध्यम से यहां पहुंचे थे, जिसके बाद द्रौपदी ने इस पवित्र नदी किनारे छठ मनाया था। आज भी यह स्थान भक्तों के लिए पवित्र आस्था का केंद्र बना हुआ है, जहां श्रद्धालु बिहार के इस ऐतिहासिक स्थल पर छठ पर्व के लिए जुटते हैं।

समस्तीपुर के देवखाल चौर में छठ पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भव्य तैयारी

समस्तीपुर के ग्रामीण रामश्रेष्ठ सहनी बताते हैं कि इस बार देवखाल चौर में छठ पर्व के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा। स्थानीय समाजसेवी राजू सहनी ने घाटों का जीर्णोद्धार कराया है और नदी किनारे तक पहुंचने के लिए रास्तों पर प्रकाश की व्यवस्था की है। कमला पंचायत और आसपास के गांवों के लोग भी यहां छठ पूजा में शामिल होंगे, जो समस्तीपुर में द्रौपदी और पांडवों की आस्था के प्रतीक इस स्थल को जीवंत बनाए रखेगा।

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Ritu Sharma

Hi everyone, my name is Ritu Sharma, I have 3 years experience of teaching in institution and 2 years of designing on Photoshop and Corel draw. Worked with call centre for election advertisement and as data entry operator for minimum 1 years.

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