Diwali Diya Vastu Tips: दिवाली का त्योहार रोशनी, समृद्धि और मां लक्ष्मी की कृपा का प्रतीक माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार दीये जलाने के भी कुछ खास नियम होते हैं? दिवाली पर दीये कितने जलाने चाहिए, किस दिशा में रखना चाहिए और कौन-सी गलतियों से बचना चाहिए ये सब जानना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं दिवाली के दिन दीये जलाने के वास्तु उपाय, जिससे आपके घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सके।
दिवाली पर कितने दीये जलाना शुभ होता है?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, दिवाली के दिन 11, 21, 51 या 108 दीये जलाना शुभ माना गया है। यह संख्या न केवल रोशनी का प्रतीक है बल्कि ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जुड़ी मानी जाती है। माना जाता है कि जितने अधिक दीये आप जलाते हैं, उतनी ही अधिक पॉजिटिव एनर्जी आपके घर में प्रवेश करती है।
अगर आप वास्तु टिप्स फॉर दिवाली (Vastu Tips for Diwali) को मानते हैं, तो ध्यान रखें कि मिट्टी के दीयों का उपयोग सबसे शुभ माना गया है क्योंकि यह पृथ्वी तत्व से जुड़ा है और घर में स्थिरता लाता है।
किस दिशा में जलाना चाहिए दीया?
वास्तु शास्त्र बताता है कि हर दिशा की अपनी विशेष ऊर्जा होती है।
- उत्तर दिशा में दिया जलाने से धन और समृद्धि आती है।
- पूर्व दिशा में दिया जलाने से सफलता और ऊर्जा बढ़ती है।
- पश्चिम दिशा में दिया जलाने से मानसिक शांति मिलती है।
- दक्षिण दिशा में दिया जलाने से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं।
Diwali diya placement rules के अनुसार, घर के मंदिर में पूर्व दिशा की ओर मुख करके दीया रखना सबसे शुभ माना गया है। वहीं, दरवाजे पर दो दीये जलाना शुभ होता है लेकिन दरवाजे के ठीक बीच में नहीं, बल्कि दोनों किनारों पर। इससे मां लक्ष्मी का आगमन सुगम होता है और घर में संतुलन बना रहता है।
दरवाजे और मंदिर में दीया रखने के वास्तु नियम

घर के मुख्य दरवाजे पर दीया जलाना मां लक्ष्मी का स्वागत करने के समान होता है। Vastu shastra Diwali rituals के अनुसार, हर दरवाजे के कोने में दो-दो दीपक जलाना शुभ माना गया है। मंदिर में जलाया गया दीपक आपकी श्रद्धा को दर्शाता है, और दरवाजे पर रखा दीपक आपके घर की सुरक्षा और समृद्धि का प्रतीक होता है। यह भी ध्यान रखें कि दरवाजे के ठीक बीच में दीया जलाना अशुभ माना जाता है, क्योंकि इससे ऊर्जा का प्रवाह रुक जाता है।
Experts मानते हैं कि morning diya and evening diya benefits बहुत खास होते हैं। सूर्योदय के समय एक दीया जलाने से पॉजिटिव एनर्जी आती है, जबकि सूर्यास्त के समय मंदिर के पास जलाया गया दीपक उस ऊर्जा को स्थिर रखता है।
इन वास्तु गलतियों से बचें: दिवाली पर दीया जलाने की सावधानियां
कई लोग सजावट के लिए दीयों में चावल या अनाज का उपयोग करते हैं, लेकिन दिवाली के दीये की सजावट में चावल का इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए? का कारण वास्तु में स्पष्ट है अनाज को बाहर रखना मां अन्नपूर्णा का अपमान माना जाता है। इससे घर में भोजन या धन की कमी हो सकती है।
दिवाली की रात दीये जलाने के लिए वास्तु टिप्स के अनुसार, दीयों को हमेशा साफ जगह पर रखें, तेल और बत्ती पवित्र होनी चाहिए, और दीप जलाने से पहले भगवान गणेश और मां लक्ष्मी का ध्यान करना चाहिए।
अगर आप अपने घर में positive energy बढ़ाना चाहते हैं, तो दीयों को क्रम से जलाएं पहले मंदिर, फिर दरवाजा, फिर बालकनी या छत। इससे नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलती है और घर का वातावरण पवित्र रहता है।
दिवाली पर दीया जलाने का आध्यात्मिक महत्व
दिवाली केवल उत्सव नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि का भी प्रतीक है। दीपक जलाने से अंधकार रूपी अज्ञान दूर होता है और ज्ञान का प्रकाश फैलता है। वास्तु शास्त्र कहता है कि दीया जलाने से मिलने वाले लाभ में शांति, समृद्धि, और आत्मविश्वास की वृद्धि शामिल है। अगर आप सोच रहे हैं “किस दिशा में दीया जलाना शुभ माना जाता है”, तो पूर्व दिशा आपकी सफलता और धन वृद्धि की दिशा मानी जाती है।
Tip: हर महीने अमावस्या के दिन एक दीपक दक्षिण दिशा की ओर जलाएं यह न केवल वास्तु के अनुसार शुभ है, बल्कि यह घर की नकारात्मकता को भी दूर करता है।
दिवाली पर दीये जलाना केवल परंपरा नहीं, बल्कि ऊर्जा संतुलन का माध्यम है। जब आप इन दिवाली वास्तु नियमों का पालन करते हैं, तो आपका घर न सिर्फ चमक उठता है, बल्कि वहां समृद्धि और शांति भी स्थायी रूप से बनी रहती है।
यह भी पढ़ें:- Chopra Puja 2025: दीपावली पर होगी बही-खातों की नई शुरुआत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
यह भी पढ़ें:- Diwali Bhog 2025: दिवाली पर इन 7 चीज़ों का लगाएं भोग, माता लक्ष्मी-गणेश होंगे प्रसन्न, घर में बनी रहेगी सुख-समृद्धि