Bihar News: 134 पुलिस अफसरों पर प्राथमिकी दर्ज, न्याय प्रक्रिया में खलल डालने पर हुई बड़ी कार्रवाई

By
On:
Follow Us
follow
Samastipur News

Your Trusted Source of Truth

मुजफ्फरपुर में पुलिस प्रशासन की लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। एसएसपी राकेश कुमार के निर्देश पर 134 पुलिस जांच अधिकारियों (IO) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने अपने स्थानांतरण के बाद भी 943 आपराधिक मामलों की फाइलें अपने पास रखीं, जिससे मामलों की जांच और सुनवाई बाधित हुई।

क्या है मामला?

जिला पुलिस मुख्यालय ने पाया कि इन पुलिस जांच अधिकारियों ने स्थानांतरण के बावजूद आपराधिक मामलों की फाइलें संबंधित थानों को वापस नहीं कीं। इनमें से कई मामले 5-10 साल पुराने हैं, जो अब तक लंबित पड़े हैं। इन फाइलों में कई गंभीर आपराधिक मामले शामिल हैं, जिनकी सुनवाई रुकी हुई है, और पीड़ित न्याय पाने से वंचित हो रहे हैं।

इस लापरवाही से न केवल न्याय प्रक्रिया बाधित हुई है, बल्कि पीड़ितों का पुलिस और न्यायिक व्यवस्था पर भरोसा भी कमजोर हुआ है।

कहां-कहां हुई कार्रवाई?

इन मामलों की प्राथमिकी जिले के आठ थानों में दर्ज की गई है। इनमें नगर थाना, सदर थाना, अहियापुर, काजी मोहम्मदपुर, ब्रह्मपुरा, और मनियारी थाने शामिल हैं। एसएसपी राकेश कुमार ने इसे “आपराधिक विश्वासघात” करार दिया और कार्रवाई के निर्देश दिए।

जनता में रोष और न्याय की मांग

इस घटना से जनता में भारी रोष है। कई पीड़ितों ने वर्षों से अपने मामलों में प्रगति की प्रतीक्षा की थी। पुलिस जांच अधिकारियों की इस लापरवाही ने न्याय में देरी का सबब बनकर उन्हें निराश किया है।

प्रमुख बिंदु

  1. 943 लंबित मामले:
    इन अधिकारियों के पास 943 आपराधिक मामलों की फाइलें हैं, जिनकी जांच या सुनवाई अब तक शुरू नहीं हो पाई।
  2. आपराधिक विश्वासघात का मामला:
    इन 134 जांच अधिकारियों पर आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक विश्वासघात और कर्तव्य में लापरवाही का मामला दर्ज किया गया है।
  3. सख्त कार्रवाई:
    एसएसपी राकेश कुमार ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि फाइलें तुरंत संबंधित थानों में वापस की जाएं।
  4. भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलता:
    इस घटना ने पुलिस के अंदर गहरी जड़ें जमा चुके भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलताओं को उजागर किया है।

न्याय प्रणाली में खलल और प्रशासन की जवाबदेही

यह घटना न्याय प्रणाली में खलल का बड़ा उदाहरण है। जांच अधिकारी न केवल अपने दायित्वों में असफल हुए हैं, बल्कि उन्होंने पीड़ितों के अधिकारों का हनन भी किया है।

क्या होगा आगे?

प्राथमिकी दर्ज होने के बाद, आरोपी अधिकारियों पर जांच की जा रही है। यदि दोष सिद्ध होता है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जनता की मांग है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए।

यह कदम बिहार में पुलिस प्रशासन को जवाबदेह बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। न्याय की उम्मीद में बैठे सैकड़ों लोगों को अब इस कार्रवाई से राहत मिलने की उम्मीद है।

इसे भी पढ़े :-

For Feedback - support@samastipurnews.in

Related News

Leave a Comment

< PREV NEXT >