बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सियासी सरगर्मी तेज हो चुकी है। एनडीए, इंडिया ब्लॉक और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के बीच मुकाबला दिलचस्प मोड़ पर पहुँच गया है। ताज़ा सर्वे रिपोर्ट्स बता रही हैं कि पीके की एंट्री ने सत्ता समीकरण को उलझा दिया है।
नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की मजबूत पकड़
ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए गठबंधन फिलहाल बढ़त बनाए हुए है। सर्वे के अनुसार, अगर प्रशांत किशोर की पार्टी 10% वोट लेती है और उसमें से 5% इंडिया ब्लॉक के वोट काटती है, तो एनडीए को लगभग 42% वोट मिल सकते हैं। इसका सीधा मतलब है कि बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन एक मजबूत स्थिति में है।
तेजस्वी यादव और इंडिया ब्लॉक की चुनौती
तेजस्वी यादव के नेतृत्व में इंडिया ब्लॉक भी किसी कीमत पर पीछे हटने को तैयार नहीं है। सर्वे में दिखा कि अगर पीके की पार्टी एनडीए के वोट बैंक में सेंध लगाती है, तो इंडिया ब्लॉक को 39% तक वोट मिल सकते हैं। यह स्थिति नीतीश कुमार और बीजेपी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
प्रशांत किशोर की रणनीति और युवाओं का समर्थन

सर्वे के मुताबिक, 18 से 24 साल के 20% युवा प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का समर्थन कर रहे हैं। पीके का फोकस नए और युवा उम्मीदवारों पर है, जिससे परंपरागत वोट बैंक प्रभावित हो सकता है। अगर उन्होंने सही रणनीति बनाई, तो आने वाले चुनाव में सत्ता समीकरण बदल सकते हैं।
चुनावी समीकरण और भविष्य की संभावनाएँ
रिपोर्ट बताती है कि अगर पीके दोनों गठबंधनों के वोटों में समान कटौती करते हैं, तो एनडीए को फिर भी बढ़त मिल सकती है। 39% वोट शेयर के साथ एनडीए सबसे बड़ा गठबंधन बनेगा। वहीं, इंडिया ब्लॉक को 36% वोट मिलने की संभावना जताई गई है।
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