पटना में दर्दनाक घटना: महिला ने पांच वर्षीय मासूम को बालकनी से फेंककर खुद भी लगाई छलांग, दोनों की मौत

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Samastipur News Bihar

पटना: बिहार की राजधानी पटना के जक्कनपुर थाना क्षेत्र में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। जयप्रकाश नगर इलाके में एक महिला ने गुरुवार को अपने देवर के पांच वर्षीय बेटे को तीसरी मंजिल से फेंक दिया और फिर खुद भी छलांग लगा दी। इस हादसे में दोनों की मौत हो गई। घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।

क्या है पूरी घटना?

यह दर्दनाक हादसा आधी रात के समय हुआ, जब घर के बाकी सदस्य सो रहे थे। मृतका संजू देवी अपने पति राजीव रंजन के साथ छठ पर्व के लिए अपने चचेरे ससुर के घर आई हुई थी।

  • पांच वर्षीय अयांश अपनी दादी के साथ सो रहा था।
  • संजू देवी ने उसे उठाया, बालकनी का दरवाजा खोला और उसे नीचे फेंक दिया।
  • इसके बाद, उसने खुद भी उसी बालकनी से छलांग लगा दी।

शोर-शराबे की आवाज सुनकर परिजन बाहर आए, जहां उन्होंने दोनों को जमीन पर गिरा पाया। तुरंत दोनों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

ससुराल वालों का दावा: मानसिक बीमारी थी कारण

संजू देवी के ससुराल वालों का कहना है कि वह मानसिक रूप से अस्वस्थ थी।

  • चचेरे देवर के परिवार के साथ तीसरी मंजिल पर रहने वाले परिजनों ने बताया कि संजू अक्सर विचलित रहती थी।
  • घटना से कुछ घंटे पहले भी वह अजीब व्यवहार कर रही थी।

मायके वालों ने लगाया प्रताड़ना का आरोप

संजू के पिता उमेश पासवान ने ससुराल वालों पर दहेज प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाया है।

  • चार साल पहले संजू की शादी नालंदा जिले के चंडी निवासी राजीव रंजन से हुई थी।
  • शादी के बाद से ही उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था।
  • परिवार ने पहले पुलिस स्टेशन में समझौता भी कराया था, लेकिन समस्या बनी रही।

संजू के पति राजीव रंजन ने इन आरोपों को नकारते हुए दावा किया कि यह दुर्घटना थी।

जलन बनी घटना की वजह?

परिवार के करीबी सूत्रों का कहना है कि संजू को अपने देवर के बेटे अयांश को मिलने वाले अधिक प्यार से ईर्ष्या होती थी।

  • संजू का तीन साल का बेटा और चार साल की बेटी है।
  • उसे लगता था कि घर में अयांश को उससे ज्यादा प्यार और सम्मान मिलता है।
  • इसी नाराजगी में उसने इस दर्दनाक कदम को अंजाम दिया।

पुलिस जांच जारी

घटना की जानकारी मिलते ही जक्कनपुर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू कर दी।

  • हालांकि, मासूम के शव को परिजनों ने गंगा में प्रवाहित कर दिया है।
  • पुलिस दहेज प्रताड़ना और मानसिक स्वास्थ्य के पहलुओं की जांच कर रही है।

समाज पर सवाल

यह घटना परिवार के भीतर चल रही गहरी समस्याओं और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समाज की उदासीनता को उजागर करती है। यह आवश्यक है कि ऐसे मामलों में समय रहते मदद की जाए ताकि इस तरह के दुखद अंत को रोका जा सके।

यह घटना न केवल परिवार, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि हमें रिश्तों के प्रति संवेदनशील और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहना होगा।

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