बिहार में AK-47 लाने वाला पहला अपराधी: अशोक सम्राट की दहशत भरी कहानी

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Samastipur News Bihar

Bihar Crime: हाल ही में बिहार के सुपौल जिले में एक व्यक्ति की AK-47 के साथ तस्वीर ने इलाके में सनसनी फैला दी। बाद में यह साफ हुआ कि वह राइफल असली नहीं थी, बल्कि नाटक में इस्तेमाल होने वाली लकड़ी की बनी AK-47 थी। हालांकि, इस घटना ने लोगों को 1990 के दशक के उस कुख्यात अपराधी की याद दिला दी, जिसने बिहार में पहली बार असली AK-47 का इस्तेमाल कर खौफ का माहौल बना दिया था। उस अपराधी का नाम था अशोक सम्राट। AK-47 उसके लिए केवल एक हथियार नहीं, बल्कि उसकी ताकत और आतंक का प्रतीक बन चुकी थी।

बिहार में AK-47 का पहला धमाका: जब अशोक सम्राट बना दहशत का पर्याय

1990 के दशक में बिहार के अपराध जगत में एक ऐसा नाम उभरा जिसने खौफ की नई परिभाषा गढ़ी – अशोक सम्राट। इस बाहुबली ने AK-47 जैसे घातक हथियार का इस्तेमाल कर बिहार में दहशत का माहौल पैदा कर दिया। उस वक्त बिहार पुलिस को भी इस हथियार के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। पहली बार इस घातक राइफल की गूंज मुजफ्फरपुर के छाता चौक में सुनाई दी, जब अशोक सम्राट ने अपने विरोधी मिनी नरेश की हत्या की। इस घटना ने न केवल उसकी ताकत को बढ़ाया, बल्कि उसे खौफ का दूसरा नाम बना दिया।

उस दौर में AK-47 जैसे आधुनिक हथियार का इस्तेमाल अपराध की दुनिया में किसी ने नहीं देखा था, और अशोक सम्राट का ये कदम उसे अपराध जगत में एक अलग पहचान दिलाने के लिए काफी था। इस पहली गोली के धमाके ने बिहार के कई हिस्सों में आतंक की लहर दौड़ा दी, और उसे एक अजेय अपराधी के रूप में स्थापित कर दिया।

बेगूसराय से गोरखपुर तक अशोक सम्राट का दबदबा


बेगूसराय के रहने वाले अशोक सम्राट का दबदबा सिर्फ बिहार में नहीं, बल्कि यूपी के गोरखपुर तक था। उस समय रेलवे ठेकों पर कब्जा जमाने के लिए बेगूसराय और मुजफ्फरपुर में दो बड़े गिरोहों के बीच खींचातानी चलती थी। रतन सिंह के ठेके को सुरक्षित रखने के लिए अशोक सम्राट अक्सर अपनी ताकत का इस्तेमाल करता था, जबकि विरोधी पक्ष को मोकामा के बाहुबली का साथ मिलता था। इन घटनाओं ने उसे अपराध की दुनिया में एक अजेय नाम बना दिया।

AK-47: एक रहस्य जो आज तक अनसुलझा है


अशोक सम्राट का AK-47 कैसे और कहां से आया, यह आज तक एक रहस्य है। कुछ लोग कहते हैं कि वह पंजाब से इसे लाया था, तो कुछ का मानना है कि उसके सेना के कुछ जवानों से संपर्क थे। हालांकि, इस रहस्य का खुलासा कभी नहीं हो पाया। इस हथियार के साथ उसका जुड़ाव उसकी ताकत और खौफ दोनों को बढ़ाता था और उसे अपराध जगत में एक नायाब पहचान देता था।

राजनीति में कदम रखने की इच्छा


अशोक सम्राट की ताकत और दबदबे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह राजनीति में कदम रखना चाहता था। कहा जाता है कि उस समय राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण वह सत्ता के करीब था। बिहार में तब लालू प्रसाद यादव सत्ता में थे, और कई लोगों का मानना था कि प्रशासन का साथ पाकर वह राजनीति में भी आना चाहता था। लेकिन पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने से पहले ही उसकी यह ख्वाहिश अधूरी रह गई।

अशोक सम्राट का अंत उसकी अपराध भरी यात्रा का अंत जरूर था, लेकिन उसकी कहानियां आज भी बिहार के लोगों में खौफ और रहस्य का प्रतीक बनी हुई हैं।

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Sonu Kumar

Sonu Kumar is an experienced news editor with over a decade in journalism, currently leading editorial efforts at SamastipurNews.in. Renowned for her commitment to journalistic integrity and precision, Sonu Kumar has developed a reputation for curating insightful, unbiased news content that resonates with readers. She holds a Master’s degree in Journalism and Mass Communication, equipping her with deep expertise in media ethics and storytelling.

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