जमीनी विवाद: तीन साल पहले नालंदा जिले में जमीनी विवाद को लेकर हुए सामूहिक हत्याकांड के मामले में 15 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। यह दर्दनाक घटना 4 अगस्त 2021 को छबीलापुर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव में हुई थी, जिसमें एक ही परिवार के 5 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। मृतकों में यदुनंदन यादव (60), उनके दो बेटे पिंटू यादव (30) और मधेश यादव (25), साथ ही परशुराम यादव के पुत्र धीरेंद्र यादव (50) और शिवेंद्र यादव (32) शामिल थे। इस हमले में चार अन्य लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए थे।
50 बीघा जमीन के विवाद में खून-खराबा
जमीनी विवाद: इस जमीनी विवाद की जड़ें लगभग एक दशक पुरानी थीं। 50 बीघा जमीन को लेकर 2010 से ही दोनों पक्षों के बीच तनाव चल रहा था। घटना के दिन जब एक पक्ष ने विवादित जमीन पर खेती करने की कोशिश की, तो दूसरे पक्ष ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिस पर फायरिंग कर दी गई। इस गोलीबारी में यदुनंदन यादव और उनके परिवार के अन्य चार सदस्यों की मौके पर ही मौत हो गई।
कोर्ट का सख्त फैसला
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27 सितंबर को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-3 अखौरी अभिषेक सहाय की अदालत ने इस हत्याकांड में भोला यादव और रामकुमार यादव समेत 15 लोगों को दोषी ठहराते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। इन आरोपियों पर हत्या, जानलेवा हमला और सशस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा चला था। साथ ही, दो नाबालिग आरोपियों का मामला किशोर न्याय परिषद में विचाराधीन है।
गांव में आज भी पसरा हुआ है सन्नाटा
घटना के तीन साल बाद भी लोदीपुर गांव में खौफ का माहौल बना हुआ है। जिस जमीन के लिए इतना बड़ा संघर्ष हुआ, वह आज भी बंजर पड़ी है। पीड़ित परिवार की सुरक्षा के लिए तैनात होमगार्ड के जवान इस बात के मूक गवाह हैं कि न्याय मिलने के बावजूद शांति बहाल नहीं हो सकी है। दोषी करार दिए गए आरोपियों के घरों पर ताले लटके हुए हैं, जो इस त्रासदी की गहरी छाप छोड़ते हैं।
इस घटना ने न केवल पीड़ित परिवार, बल्कि पूरे गांव को हिला कर रख दिया है। न्याय मिलने के बाद भी, लोगों के दिलों में अब भी भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है।
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