गया, बिहार: हाल के दिनों में बिहार के स्कूलों में हथियार लेकर पहुंचने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ताजा मामला गया जिले का है, जहां एक नौवीं कक्षा के छात्र ने देसी कट्टा लेकर स्कूल में घुसपैठ की और दोस्तों को यह हथियार दिखाने लगा। मामला शेरघाटी थाना क्षेत्र के चेरकीडीह प्लस टू हाई स्कूल का है, जहां छात्र ने हथियार लेकर दहशत फैलाई। घटना की जानकारी मिलते ही स्कूल प्रशासन हरकत में आया, लेकिन छात्र कट्टा छोड़कर भागने में सफल रहा। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हथियार को अपने कब्जे मे करके आरोपी की तलाश मे है ।
स्कूल में हथियारों का आतंक
इस घटना ने बिहार के स्कूलों में बढ़ते ‘कट्टा कल्चर’ को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। बताया जा रहा है कि आरोपी छात्र अपने साथ देसी कट्टा लेकर स्कूल आया था और दोस्तों को दिखा रहा था। जब स्कूल के अन्य छात्रों ने इसकी सूचना प्रिंसिपल को दी, तो छात्र भाग खड़ा हुआ। ग्रामीणों की भारी भीड़ स्कूल में इकट्ठा हो गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हथियार जब्त किया।
सुपौल में 5 वर्षीय छात्र ने मारी गोली
बिहार में हथियारों का स्कूलों में लाना नई बात नहीं रह गई है। जुलाई के अंत में सुपौल के त्रिवेणीगंज स्थित सेंट जॉन बोर्डिंग स्कूल में एक 5 वर्षीय छात्र अपने बैग में बंदूक लेकर स्कूल पहुंचा। उसने तीसरी कक्षा के एक अन्य छात्र पर गोली चला दी, जो उसके बाएं हाथ में लगी। घायल छात्र को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी जान बच गई।
बेगूसराय: कट्टा लेकर स्कूल पहुंचा छात्र
21 अगस्त को बेगूसराय के मटिहानी उच्च विद्यालय में एक और चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब एक नाबालिग छात्र देसी कट्टा लेकर स्कूल पहुंच गया। उसने क्लास में कट्टा लहराते हुए साथी छात्रों को डराने की कोशिश की। शिक्षकों ने सूझबूझ दिखाते हुए उसे पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। इस घटना ने स्कूलों में बढ़ते असुरक्षा के माहौल को उजागर किया है।
अरवल में छात्राओं का हथियार के साथ पहुंचना
सबसे हैरान करने वाली घटना 27 सितंबर को बिहार के अरवल जिले में सामने आई। यहां नौवीं कक्षा की दो छात्राएं अपने बैग में पिस्टल लेकर स्कूल पहुंच गईं। क्लास में उन्होंने यह पिस्टल सहपाठियों को दिखानी शुरू की, जिससे पूरे स्कूल में हड़कंप मच गया। पुलिस को सूचना मिलते ही, पिस्टल जब्त कर ली गई और केस दर्ज किया गया।
कट्टा कल्चर पर गंभीर सवाल
बिहार के स्कूलों में हथियारों के साथ छात्रों का पहुंचना एक खतरनाक ट्रेंड बनता जा रहा है। इन घटनाओं ने राज्य की शिक्षा प्रणाली और स्कूलों में सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। प्रशासन और सरकार को तुरंत कदम उठाने की जरूरत है ताकि स्कूलों को सुरक्षित बनाया जा सके और छात्रों को इस खतरनाक ‘कट्टा कल्चर’ से बचाया जा सके।
निष्कर्ष
बिहार में लगातार हो रही इन घटनाओं ने राज्य के स्कूलों में बढ़ती हिंसा और असुरक्षा के माहौल की ओर इशारा किया है। यह समय है जब सरकार, प्रशासन और समाज मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें और बच्चों को एक सुरक्षित और स्वस्थ माहौल में शिक्षा प्राप्त हो सके।
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