Bihar: बिहार के दरभंगा मे बाढ़ का कहर जारी है , जहा कोसी का प्रकोप देखने को मिल रहा है । किरतपुर के भुभौल गांव के निकट बांध टूटने से आसपास के गांव बुरी तरह प्रभावित हो गए हैं। इस बाढ़ के कारण किरतपुर और भगवानपुर के कई गांव पानी में डूब चुके हैं, जिससे ये गांव टापू में तब्दील हो गए हैं और इनका संपर्क जिला मुख्यालय से पूरी तरह कट चुका है।
तीन लोग लापता, बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित गांव
दरभंगा जिले में बाढ़ की विभीषिका के बीच तीन लोगों के लापता होने की खबर है। एबीपी न्यूज़ की टीम ने 1 अक्टूबर को दरभंगा के बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया, जहां कोसी नदी का उफान और तेज बहाव तबाही मचा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाढ़ के कारण उनके घर और खेत बह गए हैं, और वे बेघर होकर सड़कों पर रहने को मजबूर हैं।
सरकारी मदद न पहुंचने से लोग नाराज
बाढ़ में फंसे लोगों ने आरोप लगाया है कि अब तक सरकारी मदद उन तक नहीं पहुंची है। वे दाने-दाने को मोहताज हैं, और प्रशासनिक मदद के अभाव में खुद को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया महसूस कर रहे हैं। कई लोगों ने कहा कि बाढ़ के दौरान न तो नाव की सुविधा है, न मवेशियों के लिए चारा, और न ही सूखा राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी अब तक मौके पर नहीं पहुंची हैं, जिससे लोगों में आक्रोश है।
बांध टूटने से बिगड़ी स्थिति, कटाव से बढ़ा खतरा
दरभंगा में कोसी नदी के बांध टूटने से हालात काफी गंभीर हो गए हैं। पानी का तेज बहाव और कटाव गांवों को निगलता जा रहा है, जिससे 2 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। किरतपुर के आसपास करीब 25 से 30 गांव जलमग्न हो चुके हैं और तीन लोग अब भी लापता हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने पहले ही प्रशासन को चेतावनी दी थी कि बांध के किनारे पर बालू भरे बोरे रखे जाएं, लेकिन उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया गया।
बाढ़ से प्रभावित बिहार के 16 जिले
बिहार में बाढ़ का कहर 16 जिलों पर छाया हुआ है, जिनमें पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, सीवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण और सहरसा प्रमुख हैं। इन जिलों के 55 प्रखंडों में 269 ग्राम पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हैं, जिससे लगभग 9.90 लाख लोग संकट में हैं।
आवश्यक सुविधाओं की मांग
बाढ़ पीड़ितों ने प्रशासन से जेनरेटर की व्यवस्था, अस्थायी शौचालय, सामुदायिक रसोई, और नावों की सुविधा की मांग की है। फिलहाल, राहत के नाम पर कोई ठोस व्यवस्था नजर नहीं आ रही है, जिससे लोगों की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है।
बाढ़ की स्थिति में सुधार और राहत कार्यों की गति बढ़ाने के लिए प्रशासन की तत्परता और सावधानी अत्यंत आवश्यक है।
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