Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल अब पूरी तरह गरमाने लगा है। 15 अक्टूबर 2025 को बिहार की राजनीति में बड़ा मोड़ आया जब तेज प्रताप यादव ने ऐलान किया कि वे अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) से महुआ विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करेंगे। यह वही सीट है, जहाँ से उन्होंने साल 2015 में राजनीति की शुरुआत की थी और अब वे अपने पिता लालू यादव और भाई तेजस्वी यादव दोनों के लिए चुनौती बन चुके हैं।
महुआ सीट से नामांकन – तेज प्रताप का पॉलिटिकल रिटर्न
तेज प्रताप यादव ने बुधवार देर रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर घोषणा की कि वे गुरुवार दोपहर 1 बजे महुआ (Mahua Vidhansabha) से नामांकन करेंगे। उन्होंने महुआ की जनता से अपील की कि वे बड़ी संख्या में नामांकन कार्यक्रम में शामिल हों। इस कदम के साथ उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि अब वे RJD (राष्ट्रीय जनता दल) से पूरी तरह अलग रास्ता अपनाने जा रहे हैं।
वर्तमान में यह सीट आरजेडी के विधायक डॉ. मुकेश रौशन के पास है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि RJD इस नई चुनौती का कैसे सामना करता है। बिहार की राजनीति में इस घटनाक्रम से हलचल मच गई है, और राजनीतिक विश्लेषक इसे “पिता और भाई को ओपन चैलेंज” बता रहे हैं।
लालू यादव और तेजस्वी को सीधी चुनौती
तेज प्रताप यादव का यह कदम सिर्फ एक नामांकन नहीं, बल्कि राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन भी माना जा रहा है। उन्होंने कहा, “मैंने महुआ की जनता से जो वादा किया था, उसे निभाया। अब मैं नया सपना लेकर आया हूँ महुआ में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना।”
बिहार चुनाव (Bihar Chunav 2025) की यह जंग अब परिवार से बाहर नहीं, बल्कि परिवार के अंदर भी रोचक बनती जा रही है। तेज प्रताप की यह बगावत RJD के लिए सिरदर्द बन सकती है, क्योंकि महुआ में यादव और मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
राजनीतिक इतिहास और पृष्ठभूमि
तेज प्रताप यादव 2015 में पहली बार महुआ विधानसभा (Mahua Chunav) से विधायक बने और नीतीश कुमार सरकार में मंत्री भी रहे। लेकिन 2020 में लालू यादव ने उनकी सीट बदलकर हसनपुर कर दी, जो उन्हें कभी रास नहीं आई। 2025 की शुरुआत में ही तेज प्रताप ने एक सार्वजनिक रैली में घोषणा की थी कि वे “महुआ लौटेंगे” और अब वे अपने वादे पर खरे उतरते दिख रहे हैं।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि “तेज प्रताप का यह फैसला उनकी स्वतंत्र राजनीतिक पहचान बनाने की कोशिश है।” वहीं, Rabri Devi और Tejashwi Yadav की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
बिहार की राजनीति में नई हलचल
Bihar Politics अब नए समीकरणों की ओर बढ़ रहा है। तेज प्रताप का कदम जनशक्ति जनता दल (JJD) को सक्रिय बना सकता है और छोटे दलों के लिए यह नया प्लेटफॉर्म बन सकता है। राजनीति विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर तेज प्रताप अपनी रणनीति मजबूत रखते हैं, तो महुआ सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है RJD बनाम JJD बनाम NDA।
बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Elections 2025) इस बार सिर्फ सीटों की नहीं, बल्कि “विचारधारा बनाम परिवारवाद” की लड़ाई भी बन गया है।
क्यों महुआ सीट बनी रहती है सुर्खियों में
महुआ विधानसभा क्षेत्र हमेशा से बिहार चुनाव की राजनीति का केंद्र रहा है। यहाँ से लालू परिवार का गहरा जुड़ाव है तेज प्रताप की राजनीति की शुरुआत यहीं से हुई थी। इस सीट पर जातीय समीकरण, ग्रामीण विकास और शिक्षा जैसे मुद्दे हमेशा हावी रहते हैं। यही वजह है कि चाहे कोई भी चुनाव हो, महुआ MLA की सीट हमेशा सुर्खियों में रहती है। 2025 में भी यही सीट तय करेगी कि लालू परिवार की एकजुटता कितनी मजबूत है।
तेज प्रताप यादव का नामांकन सिर्फ एक औपचारिक कदम नहीं, बल्कि बिहार की राजनीति में नए समीकरणों की शुरुआत है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि RJD और NDA दोनों इस चुनौती का कैसे जवाब देते हैं।
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