Bhai Dooj 2025: इस साल भाई दूज का पर्व 3 नवंबर 2025 को मनाया जाएगा। यह त्यौहार कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को आता है। इस दिन बहनें भाई को तिलक कर उसकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। हालांकि धार्मिक मान्यता यह भी कहती है कि इस पर्व पर कुछ कार्य करने से बचना चाहिए, वरना शुभ फल की जगह अशुभ परिणाम मिल सकते हैं।
भाई दूज का महत्व और धार्मिक मान्यता
भाई दूज का पर्व Hindu Festivals में खास महत्व रखता है। मान्यता है कि यमराज और यमुनाजी की कथा से इस पर्व की शुरुआत हुई थी। इसी वजह से इसे यमद्वितीया भी कहते हैं। पौराणिक मान्यता अनुसार बहन जब भाई को तिलक कर दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर बैठती है और भाई उत्तर-पूर्व की ओर बैठता है, तो इसका विशेष धार्मिक महत्व होता है। इससे भाई की आयु लंबी होती है और उस पर से अकाल मृत्यु का संकट टल जाता है। आज के समय में भी लोग इसे आस्था और प्रेम का प्रतीक मानकर मनाते हैं।
भाई दूज पर ध्यान रखने योग्य बातें
Bhai Dooj 2025 के शुभ अवसर पर तिलक और पूजन की थाली का विशेष महत्व है। थाली खंडित, प्लास्टिक या काले रंग की न हो। पूजा का मुहूर्त भी सही समय पर होना चाहिए। राहुकाल और भद्राकाल में तिलक करना अशुभ माना जाता है। साथ ही, इस दिन तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली, प्याज और लहसुन से परहेज करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार बहनों को उपहार स्वरूप नुकीली चीजें या जूते-चप्पल नहीं देने चाहिए। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने से पर्व और भी मंगलकारी हो जाता है।
भाई दूज और आधुनिक परंपरा
आज के समय में भाई दूज केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं बल्कि परिवार के बीच प्यार और अपनापन बढ़ाने का अवसर भी बन गया है। इस दिन भाई-बहन साथ बैठकर भोजन करते हैं और उपहारों का आदान-प्रदान होता है। शहरों से दूर रहने वाले भाई-बहन भी ऑनलाइन गिफ्ट और वर्चुअल पूजा के जरिए इस परंपरा को निभाते हैं। यही कारण है कि यह त्योहार सिर्फ Hindu Tradition तक सीमित न रहकर, भारतीय संस्कृति की अनमोल धरोहर बन चुका है। आने वाली पीढ़ियां भी इसे उत्साह से मनाती रहेंगी, यही इसकी असली खूबसूरती है।
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