30 सितंबर 2025, नई दिल्ली — एशिया कप 2025 का फाइनल सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसके बाद शुरू हुआ Asia Cup Trophy Controversy खेल जगत और राजनीति में बड़ी बहस का विषय बन गया। भारत ने पाकिस्तान को हराकर खिताब जीता, लेकिन ट्रॉफी वितरण समारोह में जो कुछ हुआ, उसने खेल की गरिमा पर सवाल खड़े कर दिए।
भारत बनाम पाकिस्तान एशिया कप फाइनल में विवाद
भारत ने रोमांचक मुकाबले में पाकिस्तान को मात दी। युवा खिलाड़ी तिलक वर्मा (Tilak Varma) ने मैच जिताऊ पारी खेली और टीम इंडिया को जीत दिलाई। लेकिन इसके बाद भारतीय खिलाड़ियों ने ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया। वजह थी पाकिस्तान के मंत्री और एशियन क्रिकेट काउंसिल अध्यक्ष मूहसिन नकवी। उनका मंच पर मौजूद होना भारतीय खेमे को स्वीकार्य नहीं था।
इस फैसले ने मैदान के रोमांच को विवाद में बदल दिया। पाकिस्तानी मीडिया ने इसे भारत की ‘ओछी हरकत’ बताया, वहीं भारतीय बोर्ड का कहना था कि यह सम्मान और संवेदनशील रिश्तों का मामला है।
मोहसिन नकवी का बयान और पाकिस्तान मीडिया रिएक्शन
मंत्री मोहसिन नकवी ने तीखा बयान दिया कि “भारत ने खेल की परंपरा को तोड़ा है।” उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर भूचाल ला दिया। पाकिस्तान मीडिया ने भी इसे बार-बार उठाया और भारतीय टीम को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की।
इधर, भारत में इसे ‘खेल की गरिमा बनाम राजनीति’ का मामला बताया गया। कई विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रॉफी लेने से इनकार कर भारतीय टीम ने अपने देश की स्थिति स्पष्ट कर दी।
क्रिकेट दिग्गजों की प्रतिक्रियाएँ
पाकिस्तानी पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने इसे क्रिकेट का अपमान बताया। वहीं तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया। पाकिस्तान के पूर्व चेयरमैन रमीज़ राजा ने introspection की सलाह दी, जबकि बसीत अली ने गुस्से में भारतीय खिलाड़ियों पर हमला बोला।
भारत की तरफ से कई विशेषज्ञों का कहना था कि यह मामला केवल एक ट्रॉफी का नहीं, बल्कि सम्मान का है। इस बीच सोशल मीडिया पर #IndiaCleanSweepPakistan और #BoycottTrophy जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
बीसीसीआई और आईसीसी की प्रतिक्रिया
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने साफ किया कि ट्रॉफी लेने से इनकार खेलभावना के खिलाफ नहीं था। उन्होंने कहा कि “यह क्रिकेट से ज्यादा एक कूटनीतिक मामला था।” वहीं, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने इस विवाद पर रिपोर्ट मांगी है।
अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि एशियन क्रिकेट काउंसिल और आईसीसी आने वाले समय में क्या कदम उठाते हैं। क्या भविष्य में ऐसे विवादों से बचने के लिए नया प्रोटोकॉल बनाया जाएगा?
राजनीति और क्रिकेट का पुराना रिश्ता
क्रिकेट और राजनीति का रिश्ता नया नहीं है। भारत-पाकिस्तान मुकाबले हमेशा ही संवेदनशील रहे हैं। इससे पहले भी 1999, 2008 और 2022 में क्रिकेट सीरीज पर राजनीतिक विवाद हुए थे। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि यह ट्रॉफी विवाद भी खेल इतिहास में दर्ज हो गया है।
भविष्य में अगर खेल को राजनीति से अलग रखना है, तो दोनों देशों के क्रिकेट बोर्डों को आपसी संवाद और सहयोग बढ़ाना होगा। तभी क्रिकेट अपनी असली पहचान ‘जेंटलमैन गेम’ के रूप में बचा सकेगा।
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