बिहार के अररिया जिले में हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने पुलिस को भी हैरत में डाल दिया। एक ट्रक में ट्रांसफॉर्मर की आड़ में भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब की तस्करी की जा रही थी। उत्तर प्रदेश के नंबर वाले इस ट्रक को असम से बिहार तक शराब पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। अररिया जिले के नरपतगंज थाने की पुलिस ने ट्रक की तलाशी के दौरान 8424 बोतल अवैध शराब बरामद की, जो ट्रांसफॉर्मर के अंदर छिपाई गई थी।
असम से ट्रांसफॉर्मर के बहाने हो रही थी शराब की तस्करी
इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब नरपतगंज थाना पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि एक ट्रक में अवैध शराब की बड़ी खेप ले जाई जा रही है। पुलिस ने इस सूचना के आधार पर एनएच-57 पर वाहनों की जांच शुरू की। इसी दौरान एक सफेद रंग का मिनी ट्रक (UP-23 T-9575) अररिया जिले में एंट्री कर रहा था। इस ट्रक पर एक ट्रांसफॉर्मर लदा हुआ दिखाई दे रहा था। जब पुलिस ने ट्रक के ड्राइवर से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह ट्रांसफॉर्मर को लेकर मुजफ्फरपुर जा रहा है।
तलाशी में सामने आया ट्रांसफॉर्मर का असली सच
पुलिस को ड्राइवर की बात पर थोड़ा शक हुआ और उन्होंने ट्रक की बारीकी से तलाशी लेना शुरू किया। जैसे ही पुलिस ने ट्रांसफॉर्मर की जांच की, उनके होश उड़ गए। ट्रांसफॉर्मर के अंदर शराब की बोतलें छिपाई गई थीं। इस ट्रांसफॉर्मर के भीतर कुल 8424 बोतलें अंग्रेजी शराब की पाई गईं, जिन्हें बड़ी चालाकी से असम से बिहार तक लाया जा रहा था।
पकड़े गए आरोपी और शराब की बरामदगी
इस मामले में ट्रक के ड्राइवर और खलासी को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार हुए आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के निवासी नदीम अहमद और उत्तराखंड के उधमसिंह नगर निवासी फरमान अली के रूप में हुई है। पकड़े गए शराब की बोतलें अरुणाचल प्रदेश में निर्मित थीं और उन्हें असम से लोड किया गया था। पुलिस ने शराब और ट्रक को जब्त कर लिया है और आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
कैसे हुआ खुलासा और क्या मिला पुलिस को?
इस मामले में पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक ट्रक में अवैध शराब की तस्करी की जा रही है। सूचना के आधार पर नरपतगंज थाने की पुलिस ने कॉलेज चौक के पास ट्रक को रोका। ट्रक पर ट्रांसफॉर्मर लदा हुआ था, लेकिन पुलिस को शक हुआ और उन्होंने ट्रांसफॉर्मर की गहनता से जांच की। इसी दौरान ट्रांसफॉर्मर के भीतर 8424 बोतलें अंग्रेजी शराब की मिलीं।
शराब तस्करी पर सख्त नकेल कस रही है अररिया पुलिस
इस मामले पर अररिया जिले के एसपी अमित रंजन का कहना है कि “जिले में शराब तस्करों पर पुलिस लगातार नकेल कस रही है। पिछले 15 दिनों में 10 हजार लीटर से अधिक शराब की बरामदगी हो चुकी है और दर्जनों तस्करों को जेल भेजा गया है।” एसपी ने नरपतगंज थानाध्यक्ष और टीम के इस प्रयास की सराहना की और कहा कि पुलिस इसी प्रकार तस्करी को रोकने के लिए सतर्कता बरतती रहेगी।
तस्करों की चालाकी का पर्दाफाश
इस मामले ने दिखाया कि तस्कर पुलिस से बचने के लिए कितनी चालाकी से काम करते हैं। तस्करों ने शराब की खेप को ट्रांसफॉर्मर के अंदर छिपाकर ले जाने का तरीका अपनाया, ताकि किसी को शक न हो। यह तरीका अपने आप में बहुत नया था, लेकिन पुलिस की सतर्कता ने इसे नाकाम कर दिया। शराब तस्करी के इस तरीके ने पुलिस को भी हैरत में डाल दिया।
तस्करों पर कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने बरामद शराब और ट्रक को कब्जे में लेकर कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। ड्राइवर और खलासी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि शराब की यह खेप कहां पहुंचाई जानी थी और इसके पीछे और कौन-कौन लोग शामिल हैं। इसके अलावा, यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस तस्करी में और कितने लोग शामिल हो सकते हैं और यह नेटवर्क किस प्रकार से काम करता है।
बिहार में शराबबंदी के बाद से बढ़ी शराब तस्करी
गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी लागू है, जिसके चलते शराब की तस्करी में इजाफा हुआ है। तस्कर तरह-तरह के तरीकों से शराब को बिहार में पहुंचाने की कोशिश करते हैं, लेकिन पुलिस की सख्ती के चलते ऐसे कई मामलों में तस्करी नाकाम हो जाती है। शराबबंदी के बाद से पुलिस और प्रशासन की ओर से तस्करों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
शराब तस्करी की बढ़ती घटनाएं
बिहार में शराबबंदी के बाद से तस्करी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। तस्कर नई-नई योजनाओं और तरीकों से शराब को राज्य में पहुंचाने की कोशिश करते हैं। हालिया मामला इसकी एक बड़ी मिसाल है, जहां ट्रांसफॉर्मर में शराब छिपाकर लाया जा रहा था। पुलिस अब ऐसे मामलों पर और कड़ी नजर रखने की तैयारी कर रही है ताकि शराब तस्करी पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।
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