Aman Kumar Jpsc Result 2025 Success Story: आपको बताते चले की 26 जुलाई 2025 को जारी JPSC Result 2025 में हजारीबाग के अमन कुमार ने 22वीं रैंक हासिल की है। खास बात यह रही कि अमन ने किसी बड़े शहर में जाकर कोचिंग नहीं की, बल्कि घर से ही पढ़ाई कर यह मुकाम पाया। उनके पिता हजारीबाग में एक पुरानी किताबों की छोटी-सी दुकान चलाते हैं। अमन की सफलता इस बात का प्रमाण है कि मजबूत इरादे और सही रणनीति से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
अब सोचिए — एक लड़का जो किताबों की दुकान के बीच बैठकर सपनों को पढ़ता है, उसे वो प्रेरणा कहां से मिली? क्या सिर्फ सेल्फ स्टडी और किताबें काफी थीं? नहीं! उसकी कहानी में एक इमोशनल मोड़ भी है — उसकी गर्लफ्रेंड, जिसने हर कदम पर उसका हौसला बढ़ाया। जानिए कैसे ChatGPT, इंटरनेट, और रिलेशनशिप की पॉजिटिव एनर्जी ने मिलकर उसे बना दिया JPSC ऑफिसर। इस सफलता की पूरी कहानी आपको अंदर तक झकझोर देगी।
Aman Kumar Jpsc Result 2025 Success Story: पिता की किताबों की दुकान से अफसर बनने तक का सफर
Aman Kumar Success Story: अमन कुमार की सफलता सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि उन हजारों छात्रों के लिए एक मिसाल है, जो बिना कोचिंग और सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं। झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित झारखंड संयुक्त असैनिक सेवा परीक्षा 2023 के परिणाम में अमन को 22वीं रैंक प्राप्त हुई। उनके पिता अनिल प्रसाद हजारीबाग में बुढ़वा महादेव मंदिर के सामने किताबों की छोटी-सी दुकान चलाते हैं।
प्रारंभिक शिक्षा और सपनों की शुरुआत
अमन ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई डीएवी पब्लिक स्कूल, हजारीबाग से की और फिर संत जेवियर स्कूल से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने आनंदा कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली। उसी दौरान उन्होंने तय किया कि अब उन्हें Jharkhand Public Service Commission की परीक्षा की तैयारी करनी है।
अमन की तैयारी का तरीका बेहद अलग था। उन्होंने कुछ समय के लिए कोचिंग संस्थानों की मदद ली, लेकिन उनका अधिकतर फोकस होम स्टडी पर रहा। उन्होंने इंटरनेट, किताबें और ChatGPT जैसे डिजिटल टूल्स का सहारा लिया। साथ ही खोरठा विषय के लिए उन्होंने ऑनलाइन कोर्स भी किया।
गर्लफ्रेंड की मोटिवेशन बनी प्रेरणा
अमन की सफलता के पीछे उनके परिवार के साथ-साथ उनकी गर्लफ्रेंड का भी बड़ा योगदान है। उन्होंने बताया कि जब भी वो कमजोर महसूस करते, तो उनकी गर्लफ्रेंड उन्हें प्रेरित करती और उनका हौसला बढ़ाती। गर्लफ्रेंड के मोटीवेट से जेपीएससी में सफलता पाना उनके लिए भावनात्मक रूप से बेहद खास रहा।
पिता की मेहनत का फल
अमन के पिता अनिल प्रसाद ने वर्षों तक पुरानी किताबें बेचकर घर चलाया। उनका मानना है कि यही किताबें उनके बेटे के सपनों की नींव बनीं। आज जब अमन कुमार को JPSC में सफलता मिली है, तो यह उनकी मेहनत और विश्वास का ही परिणाम है।
सीमित संसाधनों में बड़ा सपना
अमन की कहानी हर उस छात्र के लिए उम्मीद की किरण है जो मानते हैं कि बिना महंगी कोचिंग के भी सफलता मिल सकती है। उनके अनुभव से यह साबित होता है कि अगर इरादा मजबूत हो, तो सफलता पक्की है।
यह स्टोरी सिर्फ एक ताज़ा खबर नहीं, बल्कि आने वाले कई वर्षों तक उन छात्रों के लिए प्रासंगिक रहेगी जो JPSC या किसी भी अन्य सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इसमें सफलता का मार्गदर्शन, प्रेरणा, और रणनीति तीनों मौजूद हैं।
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