Aaj Ka Panchang 6 October 2025: आज शरद पूर्णिमा पर जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त, राहुकाल और उपाय

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Aaj Ka Panchang 6 October 2025: बताते चले की, 6 अक्टूबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से बेहद शुभ माना जा रहा है, क्योंकि आज शरद पूर्णिमा व्रत पड़ रहा है। हिन्दू पंचांग के अनुसार आज आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण और चंद्रमा की पूजा के लिए उत्तम होता है। इस दिन का Aaj Ka Panchang विशेष धार्मिक महत्व रखता है। चंद्रमा की रोशनी से भरे इस दिन को लक्ष्मी प्राप्ति और व्रत पालन के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त (Aaj Ka Panchang aur Shubh Muhurat)

राष्ट्रीय मिति: आश्विन 14, शक संवत 1947, सोमवार।
सूर्योदय: प्रातः 6 बजकर 16 मिनट।
सूर्यास्त: शाम 6 बजकर 1 मिनट।
नक्षत्र: उत्तराभाद्रपद (रात्रि 04:02 बजे तक), तत्पश्चात रेवती नक्षत्र।
योग: वृद्धि योग के बाद ध्रुव योग का आरंभ।
करण: वणिज करण के बाद बव करण।
चंद्रमा: मीन राशि में संचार करेगा।

आज का शुभ मुहूर्त (शरद पूर्णिमा) सुबह 4:39 से 5:28 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा। वहीं दोपहर 2:06 से 2:53 बजे तक विजय मुहूर्त शुभ फलदायी रहेगा। गोधूलि बेला शाम 6:01 से 6:26 बजे तक शुभ कार्यों के लिए उत्तम मानी जाएगी।

आज के अशुभ मुहूर्त और राहुकाल

आज सोमवार को राहुकाल का समय प्रातः 7:30 बजे से 9:00 बजे तक रहेगा। इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने से बचना चाहिए। गुलिक काल दोपहर 1:30 से 3:00 बजे तक रहेगा, जबकि यमगंड का काल सुबह 10:30 से 12:00 बजे तक रहेगा। अमृत काल सुबह 6:16 से 7:44 तक रहेगा, जो पूजा-पाठ या व्रत आरंभ करने के लिए उत्तम है।

आज “पंचक काल” पूरे दिन रहेगा, इसलिए निर्माण कार्य या यात्रा से पहले शुभ समय अवश्य देखें। “भद्रा काल” दोपहर 12:23 से रात 10:53 तक रहेगा। यह समय विवाह, गृह प्रवेश या महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए उपयुक्त नहीं है।

शरद पूर्णिमा व्रत और आज के उपाय

आज शरद पूर्णिमा का व्रत रखने से चंद्रदेव और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन रात को चंद्रमा की किरणों में औषधीय गुण होते हैं, इसलिए “खीर” बनाकर खुले आसमान में रखी जाती है और अगले दिन प्रसाद के रूप में ग्रहण की जाती है।

आज के उपायों में भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करना और भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाना अत्यंत शुभ माना गया है। इससे मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में समृद्धि आती है।

धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से महत्व

शरद पूर्णिमा को “कोजागरी पूर्णिमा” भी कहा जाता है। यह वह रात होती है जब चंद्रमा की किरणें सबसे अधिक प्रभावशाली होती हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी अपने भक्तों के घर आती हैं और धन-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से भी यह दिन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, क्योंकि चंद्रमा की रोशनी शरीर और मन दोनों को संतुलित करती है।

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शरद पूर्णिमा के स्वास्थ्य लाभ: विज्ञान या आस्था का कमाल?

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Saurabh Thakur

Saurabh Thakur is the Founder and CEO of SamastipurNews.in, a prominent news website known for delivering reliable and comprehensive coverage of Samastipur and regional news. With over a decade of experience in the media industry, Saurabh has established himself as a seasoned journalist and dedicated news editor.

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