Aaj ka Panchang 3 October 2025: शुक्रवार, 3 अक्टूबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। आज आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है, जिसे पापांकुशा एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही, पंचांग के अनुसार आज के दिन शुभ-अशुभ योग, राहुकाल और विशेष मुहूर्त भी महत्वपूर्ण रहेंगे। आइए विस्तार से जानते हैं —
आज का पंचांग और तिथि
आज आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है, जो शाम 6 बजकर 32 मिनट तक रहेगी। इस दिन Papankusha Ekadashi 2025 का व्रत रखा जा रहा है। इसके बाद द्वादशी तिथि आरंभ होगी।
- सूर्योदय: सुबह 6:15 मिनट
- सूर्यास्त: शाम 6:05 मिनट
- चंद्रोदय: दोपहर 3:46 मिनट
- चंद्रास्त: देर रात 2:59 मिनट (4 अक्टूबर)
आज का वार शुक्रवार है। सूर्य कन्या राशि में और चंद्र मकर राशि में गोचर करेंगे। पंचांग के अनुसार धृति योग रात 9:46 मिनट तक रहेगा, जबकि करण वणिज और विष्टि क्रमशः सुबह और शाम तक चलेंगे।
शुभ और अशुभ समय
हर कार्य की सफलता के लिए शुभ मुहूर्त का महत्व होता है। पंचांग के अनुसार आज का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:46 से दोपहर 12:34 तक रहेगा। यह समय किसी भी शुभ कार्य के लिए उत्तम माना जाता है।
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:46 से 12:34 तक
- अमृत काल: रात 10:56 से 12:30 तक
अशुभ समय की बात करें तो राहुकाल सुबह 10:41 से दोपहर 12:10 तक रहेगा। इस दौरान किसी भी नए कार्य की शुरुआत से बचना चाहिए। इसके अलावा गुलिक काल और यमगंड का समय भी अशुभ माना जाता है। इसलिए पंचांग देखकर ही कार्य करें।
आज का नक्षत्र और विशेष योग
आज चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में रहेंगे, जो सुबह 9:34 मिनट तक रहेगा। श्रवण नक्षत्र के स्वामी चंद्रदेव माने जाते हैं और यह नक्षत्र ज्ञान, शिक्षा, और बुद्धिमत्ता का प्रतीक है। इसका देवता भगवान विष्णु हैं, जो जीवन में रक्षक और पालनकर्ता की भूमिका निभाते हैं।
आज शुक्ल पक्ष की एकादशी होने के कारण व्रत का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से पापों का नाश होता है और जीवन में नई ऊर्जा आती है। इसी कारण इसे पापांकुशा एकादशी कहा जाता है।
आज का व्रत और त्योहार
आज का प्रमुख व्रत पापांकुशा एकादशी है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन उपवास और भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। व्रत करने की विधि में सुबह स्नान करके साफ वस्त्र धारण करना, भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करना, दीप जलाना, भक्ति गीत गाना और जरूरतमंदों को दान देना शामिल है।
एकादशी तिथि 2 अक्टूबर शाम 7:10 से शुरू होकर 3 अक्टूबर शाम 6:32 तक रहेगी। इसी अवधि में व्रत करना शुभ माना जाता है। आज का व्रत न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए भी लाभकारी है।
जानकारी और विशेष महत्व
पंचांग केवल दैनिक धार्मिक गतिविधियों के लिए ही नहीं, बल्कि जीवनशैली को व्यवस्थित करने के लिए भी जरूरी है। आज का दिन विशेष रूप से आज कौन सी तिथि है और today bhadra time जानने के लिए भी अहम है। भारतीय संस्कृति में पंचांग का प्रयोग विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे कार्यों में होता है।
आज पापांकुशा एकादशी का व्रत रखने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही, पंचांग देखने की परंपरा हमें हमारे समय प्रबंधन और जीवनशैली को अनुशासित करने की शिक्षा देती है।
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