Mata Laxmi Aarti: आज 18 अक्टूबर 2025 (शनिवार) को धनतेरस का पावन पर्व पूरे देश में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। शाम के समय दीप जलाकर माता लक्ष्मी की आरती करने से घर में धन, सुख और समृद्धि का आगमन होता है। धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से आराधना करता है, उसके जीवन में कभी धन की कमी नहीं रहती।
माता लक्ष्मी की आराधना का महत्व
धनतेरस से शुरू होकर दीपावली तक चलने वाले इस पर्व में mata laxmi की पूजा मुख्य रूप से की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन माता की आराधना करने से पुरानी आर्थिक परेशानियाँ खत्म हो जाती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। भक्तगण लक्ष्मी माता को कमल पुष्प, दीपक और मिठाई अर्पित करते हैं।
Mata Laxmi Aarti का पाठ करने से पूजा पूर्ण मानी जाती है। यह आरती न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि मन को शांति भी प्रदान करती है। धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि धनतेरस की रात जब भक्त आरती करते हैं, तब देवी लक्ष्मी स्वयं उनके घरों में प्रवेश करती हैं और उन्हें अपार धन, यश और वैभव का आशीर्वाद देती हैं।
माता लक्ष्मी आरती के लाभ
Mata Laxmi Aarti lyrics in Hindi का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो घर रोज़ आरती करता है, वहाँ से नकारात्मक शक्तियाँ दूर रहती हैं। कहा जाता है कि माता लक्ष्मी की आरती करने वाले भक्त को न केवल आर्थिक सुख मिलता है बल्कि मानसिक शांति भी प्राप्त होती है।
जो लोग नौकरी, व्यापार या धन से जुड़ी परेशानियों से जूझ रहे हैं, उन्हें रोज़ शाम को दीपक जलाकर माता लक्ष्मी की आरती करनी चाहिए।
इसके अलावा, पूजा के बाद घर के सभी सदस्यों को आरती में शामिल होना चाहिए ताकि घर का वातावरण पवित्र बना रहे। यह आरती धनतेरस, दीपावली और शुक्रवार के दिन विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती है।
माता लक्ष्मी की आरती लिरिक्स हिंदी में (Mata Laxmi Aarti Lyrics in Hindi)
यहाँ दी गई आरती को श्रद्धा और विश्वास के साथ पढ़ने से माता लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती हैं —
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
यह आरती माता लक्ष्मी की आरती लिरिक्स हिंदी में सबसे लोकप्रिय आरतियों में से एक है। कई भक्त इसे रोज़ सुबह और शाम अपने घर में गाते हैं ताकि देवी का आशीर्वाद निरंतर बना रहे।
आरती के साथ करें यह शुभ कार्य
धनतेरस और दीपावली के दिन केवल आरती ही नहीं, बल्कि कुछ अन्य कर्मकांड भी अत्यंत शुभ माने जाते हैं। जैसे —
- शाम के समय मुख्य द्वार पर दीपक जलाना।
- तिजोरी और बहीखाता पर हल्दी और अक्षत चढ़ाना।
- भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की संयुक्त पूजा करना।
- धन के प्रतीक के रूप में चांदी का सिक्का या कोई कीमती वस्तु खरीदना।
इन सभी कार्यों के साथ यदि महालक्ष्मी आरती का पाठ किया जाए तो घर में कभी धन की कमी नहीं रहती।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है। Samastipur News किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।
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