जितिया 2025 पारण: माताओं का पर्व
खबर का सार AI ने दिया. न्यूज़ टीम ने रिव्यु किया.
- निर्जला उपवास के बाद पारण भोग
- परंपरागत व्यंजन और जीमूतवाहन को अर्पित
- संतान की खुशहाली और दीर्घायु की कामना
Jitiya Paran Bhog 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार जितिया व्रत का पारण माताओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक अवसरों में से एक है। इस व्रत को महिलाएं अपनी संतान की दीर्घायु और खुशहाली के लिए निर्जला उपवास रखकर करती हैं। उपवास पूरा होने के अगले दिन सुबह स्नान-पूजन के बाद पारंपरिक भोजन बनाया जाता है और जीमूतवाहन को भोग अर्पित कर व्रत खोला जाता है। jitiya Paran Bhog 2025 के मौके पर बनने वाले व्यंजन सिर्फ भोजन नहीं बल्कि आस्था और परंपरा का प्रतीक माने जाते हैं।
जितिया 2025 पारण भोग: मातृत्व और आस्था का संगम

जितिया व्रत को निर्जला रखा जाता है। इसका मतलब है कि व्रत रखने वाली महिलाएं दिनभर पानी तक ग्रहण नहीं करतीं। पारण के दिन विशेष पारंपरिक भोजन बनाना अनिवार्य होता है। इस दिन दाल-चावल, कढ़ी, पूड़ी, मौसमी सब्जियां और खीर जैसे व्यंजन पकाए जाते हैं। इन्हें सबसे पहले जीमूतवाहन को अर्पित किया जाता है और फिर परिवार के सदस्य इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। यही कारण है कि Jitiya Paran Bhog की जानकारी हर वर्ष देशभर की माताओं के बीच चर्चा का विषय रहती है। यह व्रत न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी खास है।
Jitiya Vrat 2025 Paran और पूजा विधि
Jitiya Vrat 2025 Paran के दिन महिलाएं सुबह स्नान कर पूजा करती हैं। इसके बाद व्रत कथा का पाठ होता है जिसमें जीमूतवाहन की कथा सुनाई जाती है। माना जाता है कि इस कथा के श्रवण मात्र से संतान पर आने वाले संकट टल जाते हैं। पारण की परंपरा में पहले भगवान को भोग अर्पित किया जाता है और उसके बाद महिलाएं उपवास तोड़ती हैं। इस दिन घर का माहौल उत्सव जैसा होता है। महिलाएं नए वस्त्र पहनती हैं, पारंपरिक गीत गाती हैं और संतान की दीर्घायु के लिए प्रार्थना करती हैं।
Jitiya Vrat 2025: संतान की लंबी आयु की कामना
जितिया व्रत को संतान की रक्षा और उनके सुखमय जीवन के लिए किया जाता है। महिलाएं इस दिन कठोर नियमों का पालन करती हैं। व्रत का महत्व इतना गहरा है कि इसे संतान-सुख की प्राप्ति और जीवन में समृद्धि का व्रत माना जाता है। ज्योतिष शास्त्रों में भी इस व्रत को शुभ माना गया है। ऐसा विश्वास है कि व्रत करने वाली महिलाओं के बच्चे जीवन में कठिनाइयों से सुरक्षित रहते हैं। यही वजह है कि हर साल Jitiya Vrat 2025 से जुड़ी जानकारी खासतौर पर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल में बहुत खोजी जाती है
Jivitputrika Vrat और उसका महत्व
जितिया व्रत को कई जगहों पर Jivitputrika Vrat के नाम से भी जाना जाता है। इस नाम का अर्थ है “संतान की दीर्घायु के लिए किया जाने वाला व्रत”। इस दिन की पूजा और पारण मातृत्व की गहराई और त्याग का प्रतीक है। पारण के दिन घर-घर में पारंपरिक पकवानों की खुशबू फैलती है। यह अवसर परिवार और समाज को जोड़ने का काम भी करता है। महिलाएं सामूहिक रूप से गीत गाती हैं और पूजा के बाद सब मिलकर प्रसाद ग्रहण करते हैं।
पारण के दिन बनने वाले खास पकवान

Jitiya Vrat 2025 Paran Bhog के अंतर्गत बनने वाले व्यंजन हल्के, पचने में आसान और पौष्टिक होते हैं। इनमें पूड़ी-कढ़ी, दाल-भात, मौसमी सब्जियां, खीर और मिठाइयां मुख्य रूप से शामिल रहती हैं। कुछ क्षेत्रों में पारण के दिन खिचड़ी और खास प्रकार की मिठाइयां भी बनाई जाती हैं। इन व्यंजनों का महत्व केवल स्वाद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह परंपरा और आस्था से भी गहराई से जुड़ा है। यही वजह है कि पारण का हर व्यंजन मातृत्व की भावना और संतान के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
जितिया व्रत पारण मातृत्व और आस्था का उत्सव है। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि परिवार और समाज को एक सूत्र में पिरोने का माध्यम भी है। पारण के दिन बनाए जाने वाले विशेष पकवान परंपरा और संस्कृति को जीवित रखते हैं। यही कारण है कि हर वर्ष jitiya Paran Bhog 2025 लोगों के बीच उत्सुकता का विषय बना रहता है।
Disclaimer: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और पारंपरिक जानकारियों पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल जानकारी देना है। किसी भी निर्णय या पालन से पहले अपने परिवार की परंपरा और विद्वानों की सलाह लें।
Also Read:
Aaj Ka Panchang 1 September 2025: सोमवार व्रत, शुभ मुहूर्त, राहुकाल और शिव पूजा का महत्व
Aaj Ka Panchang 31 August 2025: जानें शुभ मुहूर्त, राहुकाल और राधा अष्टमी का महत्व
Aaj Ka Panchang 29 August 2025: हलछठ व्रत, राहुकाल और ग्रह गोचर से बदल जाएगी आपकी किस्मत!