28 अगस्त का पंचांग: शुभ-अशुभ मुहूर्त
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- पंचमी तिथि और चित्रा-स्वाति नक्षत्र का संयोग
- राहुकाल, गुलिक, यमगंड काल का प्रभाव रहेगा।
- भगवान विष्णु की पूजा और दीपदान से लाभ।
Aaj Ka Panchang 28 August 2025: बताते चले की 28 अगस्त 2025, गुरुवार का दिन पंचमी व्रत और ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास है। आज सुबह चित्रा नक्षत्र रहेगा और उसके बाद स्वाति नक्षत्र का आरंभ होगा। पंचमी तिथि शाम 05:57 तक रहेगी, जिसके बाद षष्ठी तिथि शुरू होगी। राहुकाल का समय दोपहर 01:30 से 03:00 बजे तक रहेगा। इसी दौरान गुलिक काल और यमगंड का भी विशेष प्रभाव होगा। शुभ मुहूर्तों में ब्रह्म मुहूर्त, विजय मुहूर्त और गोधूलि बेला खास महत्व रखते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पंचमी व्रत पूर्वजों के ऋण से मुक्ति और घर-परिवार की समृद्धि के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और दीपक प्रज्वलन अत्यंत शुभ फलदायी माना गया है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि पंचांग देखने की परंपरा केवल तिथि और नक्षत्र जानने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन में सही समय पर सही निर्णय लेने की भी प्रेरणा देता है। इसीलिए हर दिन के आज का पंचांग को देखना आवश्यक माना गया है। इससे न केवल पूजा-पाठ के लिए सही समय पता चलता है बल्कि दैनिक कार्यों की सफलता भी सुनिश्चित होती है।
आज का दैनिक पंचांग 28 अगस्त 2025

भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि इस बार विशेष महत्व रखती है। पंचमी तिथि शाम 05:57 बजे तक रहेगी, जिसके बाद षष्ठी तिथि का आरंभ होगा। चंद्रमा पूरे दिन तुला राशि में संचार करेगा। सुबह 08:44 बजे तक चित्रा नक्षत्र रहेगा और उसके बाद स्वाति नक्षत्र लगेगा। शुभ योग और करण भी दिनभर बदलते रहेंगे।
- सूर्योदय: सुबह 5:56 बजे
- सूर्यास्त: शाम 6:48 बजे
- चंद्र राशि: तुला
- तिथि: पंचमी (सायं 05:57 तक), उसके बाद षष्ठी
यह दिन धार्मिक आस्था के साथ-साथ ग्रह-नक्षत्रों की ऊर्जा को समझने के लिए भी उपयुक्त है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार पंचमी पर पूजा-पाठ करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
आज के शुभ और अशुभ मुहूर्त 28 अगस्त 2025
शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त इस दिन बेहद खास हैं।
- ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04:28 से 05:12 तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:30 से 03:22 तक
- गोधूलि बेला: शाम 06:47 से 07:09 तक
- निशीथ काल: रात 12:00 से 12:45 तक
अशुभ समय की बात करें तो राहुकाल दोपहर 01:30 से 03:00 बजे तक रहेगा। गुलिक काल सुबह 09:00 से 10:30 बजे तक तथा यमगंड काल सुबह 06:00 से 07:30 बजे तक होगा। यह समय किसी भी नए कार्य के लिए शुभ नहीं माना जाता।
आज के व्रत और धार्मिक महत्व
भाद्रपद मास की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी का व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से पूर्वजों के ऋण से मुक्ति मिलती है। महिलाएं इस दिन विशेष रूप से स्नान-दान करके ऋषियों की आराधना करती हैं। साथ ही भगवान विष्णु की पूजा करने और घी का दीपक जलाने से जीवन में समृद्धि आती है।
गणेश चतुर्थी 2025 नजदीक है, इसलिए इस दिन से ही भक्तगण गणपति स्थापना की तैयारियों में भी जुट जाते हैं। पंचांग के अनुसार, हर धार्मिक कार्य में शुभ मुहूर्त और राहुकाल का ध्यान रखना आवश्यक है।
राहुकाल और आज का उपाय

आज राहुकाल का समय दोपहर 01:30 बजे से 03:00 बजे तक रहेगा। इस दौरान कोई भी नया कार्य, यात्रा या आर्थिक लेन-देन करना अशुभ माना जाता है। आज का उपाय: भगवान विष्णु के सामने पांच बत्ती वाला घी का दीपक जलाएं। इससे जीवन में सकारात्मकता बढ़ेगी और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी।
पंचांग से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें
- Hindi Panchang केवल आज के ही नहीं, बल्कि आने वाले त्योहारों के लिए भी दिशा दिखाता है।
- पंचांग देखने की परंपरा सदियों पुरानी है और इसका महत्व आज भी उतना ही है।
- ज्योतिष में राहुकाल और गुलिक काल का उल्लेख बार-बार किया गया है ताकि लोग अपने कार्य समय को उचित ढंग से चुन सकें।
- Todays Hindi Panchang का अध्ययन करने से व्यक्ति को समय और अवसर का सही ज्ञान मिलता है।
आज का दिन पंचमी व्रत और धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। शुभ-अशुभ मुहूर्त को ध्यान में रखकर ही कोई भी कार्य करना उचित रहेगा। इस दिन किए गए पूजा-पाठ का फल कई गुना बढ़कर मिलता है।
Aaj Ka Panchang 28 August 2025: आज का धर्मशास्त्रीय महत्व
पंचांग केवल तिथि, नक्षत्र और ग्रह-योग बताने वाला साधारण कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन को दिशा देने वाला वैदिक ग्रंथ माना जाता है। Aaj Ka Panchang 28 August 2025 हमें यह सिखाता है कि शुभ-अशुभ मुहूर्त का ज्ञान केवल धार्मिक कार्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि हमारे दैनिक जीवन की सफलता और असफलता पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है।
आज के पंचमी व्रत का महत्व अत्यधिक है। मान्यता है कि इस दिन स्नान, दान और ऋषियों की पूजा से पूर्वजों की कृपा प्राप्त होती है। गृहस्थ जीवन में शांति, समृद्धि और पारिवारिक सुख के लिए यह व्रत विशेष रूप से लाभकारी माना गया है। चंद्रमा का तुला राशि में संचार, चित्रा से स्वाति नक्षत्र का परिवर्तन और राहुकाल की अवधि – ये सभी बातें आज का दिन ज्योतिषीय दृष्टि से और भी महत्वपूर्ण बनाती हैं।
दृष्टिकोण से देखें तो पंचांग हर पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक रहा है। चाहे यात्रा करनी हो, नया काम शुरू करना हो या विवाह जैसे बड़े संस्कार, शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना हर युग में आवश्यक रहा है। आज के समय में भी जब जीवन तेज़ी से बदल रहा है, पंचांग का महत्व पहले जैसा ही है।
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