Sridhar Vembu Success Story: गांव से Zoho तक का अरबों डॉलर का सफर

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Sridhar Vembu Success Story: आपको बताते चले की 21 जुलाई 2025 को एक ऐसी प्रेरक कहानी फिर चर्चा में है, जिसने भारतीय युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का नया रास्ता दिखाया है। यह कहानी है Zoho Corporation के संस्थापक श्रीधर वेम्बू की, जिन्होंने अमेरिका में हाई सैलरी की नौकरी छोड़कर भारत के एक छोटे से गांव में आईटी कंपनी की नींव रखी। उन्होंने केवल एक कंपनी ही नहीं खड़ी की बल्कि ग्रामीण युवाओं को भी तकनीकी रूप से सशक्त बनाया।

जो गांव कभी तकनीक से कोसों दूर था, आज उस गांव से अरबों डॉलर की कंपनी संचालित हो रही है। 1996 में AdventNet के नाम से शुरुआत कर 2009 में Zoho बन गई यह कंपनी आज दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुकी है। यही वजह है कि वेम्बू का नाम अब सिर्फ एक बिजनेसमैन के रूप में नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांतिकारी के रूप में लिया जाता है।

Sridhar Vembu Success Story: जोहो के फाउंडर श्रीधर वेम्बू की संघर्षपूर्ण सफलता

Sridhar Vembu Success Story: Sridhar Vembu Standing In His Rural Zoho Office In Tamil Nadu, Symbol Of Indian Entrepreneurial Success
Sridhar Vembu Success Story: गांव से Zoho तक का अरबों डॉलर का सफर 10

श्रीधर वेम्बू का जन्म तमिलनाडु की एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने तमिल भाषा में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और फिर IIT मद्रास से 1989 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। इसके बाद वे अमेरिका चले गए और PhD करने के साथ-साथ क्वालकॉम में काम करने लगे। वहां की सुविधाएं और आकर्षक वेतन होने के बावजूद, वेम्बू का मन हमेशा भारत के लिए धड़कता रहा। इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़कर भारत लौटने का निर्णय लिया। उनका यह निर्णय किसी साधारण सोच का परिणाम नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक सामाजिक और आर्थिक बदलाव की शुरुआत थी।

गांव में ऑफिस खोलने का निर्णय

भारत लौटने के बाद वेम्बू ने ग्रामीण भारत को ही अपना कार्यक्षेत्र बनाने का निश्चय किया। उन्होंने तमिलनाडु के एक छोटे से गांव तेनकासी को चुना और वहां 1996 में अपने भाई के साथ मिलकर AdventNet नाम की कंपनी शुरू की। वर्ष 2009 में इसका नाम बदलकर Zoho Corporation रखा गया। इस कंपनी ने खासतौर पर क्लाउड-बेस्ड सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन देने में महारत हासिल की। यह कदम बेहद साहसी था क्योंकि गांव में ना तो जरूरी तकनीकी संसाधन थे और ना ही प्रशिक्षित लोग। लेकिन Sridhar Vembu की सोच अलग थी—वो ग्रामीण प्रतिभा को तराशकर उसे ग्लोबल मंच पर लाना चाहते थे।

ग्रामीणों को बनाया टेक्निकल प्रोफेशनल

वेम्बू की योजना थी कि गांव के लोगों को प्रशिक्षित कर उन्हें आईटी इंडस्ट्री में काम करने योग्य बनाया जाए। उन्होंने शुरुआत में नारियल के खेतों में काम करने वाले 40 ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण देकर सॉफ्टवेयर डेवलपर बनाया। Zoho में ग्रामीणों को टेक्निकल ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की गई और परिणामस्वरूप ये युवा वैश्विक सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट्स पर काम करने लगे। उनका यह प्रयास केवल कंपनी के लिए नहीं, बल्कि गांव के लिए भी परिवर्तनकारी रहा। Zoho की सफलता के चलते सरकार ने तेनकासी को नया जिला घोषित कर दिया। यह बदलाव न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी क्रांतिकारी था।

Zoho School: एक अनोखी पहल

Sridhar Vembu Success Story: Sridhar Vembu Standing In His Rural Zoho Office In Tamil Nadu, Symbol Of Indian Entrepreneurial Success
Sridhar Vembu

वेम्बू का मानना है कि पारंपरिक शिक्षा ही सफलता की गारंटी नहीं होती। इसी सोच के साथ उन्होंने Zoho School of Learning की शुरुआत की, जहां ऐसे युवाओं को ट्रेनिंग दी जाती है जो किसी कारणवश कॉलेज नहीं जा सके। शुरुआत में इस स्कूल में केवल 6 छात्र थे जिन्हें कोडिंग, गणित और कम्युनिकेशन की दो साल की ट्रेनिंग दी गई। इन छात्रों को वजीफा भी दिया गया और बाद में उन्हें कंपनी में नौकरी भी दी गई। आज Zoho School ग्रामीण युवाओं के लिए एक उम्मीद की किरण है, जो उन्हें बिना किसी डिग्री के भी करियर का शानदार मौका देता है।

सादगी और सिद्धांतों के प्रतीक

Sridhar Vembu करोड़ों की कंपनी के मालिक होने के बावजूद बेहद सादगीपूर्ण जीवन जीते हैं। वे साइकिल से ऑफिस जाते हैं, साधारण कपड़े पहनते हैं और ग्रामीणों के बीच ही रहते हैं। उनका मानना है कि “टैलेंट हर जगह होता है, बस उसे पहचानने की जरूरत होती है।” उन्होंने कभी किसी बाहरी निवेशक से पैसा नहीं लिया और बिना कर्ज लिए ही कंपनी को खड़ा किया। उनकी सोच केवल व्यापारिक लाभ नहीं बल्कि सामाजिक बदलाव पर केंद्रित रही है।

भारत सरकार द्वारा सम्मानित

देश के विकास में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 2021 में पद्मश्री से सम्मानित किया। यह सम्मान केवल एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि एक विचारधारा को मिला—एक ऐसा दृष्टिकोण जिसमें गांव, टेक्नोलॉजी और आत्मनिर्भरता साथ चल सकते हैं। आज Zoho का रेवेन्यू 1 बिलियन डॉलर के पार है और यह पूरी तरह बूटस्ट्रैप्ड कंपनी है। श्रीधर वेम्बू की Sridhar Vembu Success Story आज हर युवा के लिए एक प्रेरणा है कि कैसे सीमित संसाधनों से भी वैश्विक पहचान बनाई जा सकती है।

Q1. Sridhar Vembu कौन हैं और उनकी कंपनी क्या करती है?
Ans: Sridhar Vembu जोहो कॉरपोरेशन के फाउंडर हैं, जो एक वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन कंपनी है।

Q2. Sridhar Vembu की सफलता की मुख्य वजह क्या है?
Ans: उनकी सफलता का राज गांवों में टेक्नोलॉजी पहुंचाना, टैलेंट की पहचान करना और आत्मनिर्भर विजन रखना है।

Q3. Zoho School की क्या खासियत है?
Ans: Zoho School उन युवाओं को सॉफ्टवेयर ट्रेनिंग देता है जो पारंपरिक शिक्षा प्रणाली से बाहर हैं।

Q4. Sridhar Vembu ने किन मूल्यों को अपनाया?
Ans: सादगी, ग्रामीण विकास और स्वदेशी प्रतिभा को प्रोत्साहन उनके मूल मूल्य हैं।

Q5. क्या Sridhar Vembu को कोई राष्ट्रीय सम्मान मिला है?
Ans: हां, भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया है।

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Saurabh Thakur

Saurabh Thakur is the Founder and CEO of SamastipurNews.in, a prominent news website known for delivering reliable and comprehensive coverage of Samastipur and regional news. With over a decade of experience in the media industry, Saurabh has established himself as a seasoned journalist and dedicated news editor.

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