Bihar Politics Rebellion And Defeat Spoiled: 21 जुलाई 2025, पटना। पिछले डेढ़ साल में बगावत, पाला बदल और उपचुनावों की हार ने बिहार विधानसभा में महागठबंधन (महागठबंधन/INDIA ब्लॉक) की तसवीर बदल दी है; उधर NDA ने अपनी संख्यात्मक स्थिति को मज़बूती से सँभाला है और आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मनोवैज्ञानिक बढ़त बना ली है।
Bihar Politics Rebellion And Defeat Spoiled: क्यों चर्चा में है “बगावत और हार”?
बजट सत्र (फ़रवरी 2024) के दौरान हुए भरोसा मत में विपक्षी खेमे के कुछ विधायक सत्ता पक्ष के साथ चले गए। इससे सत्ता समीकरण को बड़ा मनोवैज्ञानिक फायदा मिला। उसी साल के अंत (नवंबर 2024) में चार रिक्त सीटों पर हुए उपचुनावों में NDA ने क्लीन स्वीप किया। इन घटनाओं ने संकेत दिया कि ज़मीनी स्तर पर हवा बदल रही है। 2025 के चुनाव से पहले यह संदेश महत्त्वपूर्ण है।
किसने पाला बदला? मुख्य घटनाएँ
नीचे दी गई सूची उन प्रमुख घटनाओं का सार देती है जिनसे विधानसभा गणित बदला:
- 12 फ़रवरी 2024 भरोसा मत: राजद के तीन विधायक — चेतन आनंद (शिवहर), नीलम देवी (मोकामा), व प्रह्लाद यादव (सूर्यगढ़ा) — सदन में NDA के पक्ष में खड़े दिखे/क्रॉस-वोट की ख़बरें आईं।
- मार्च 2024 बजट सत्र का अंतिम दिन: राजद के भरत बिंद (भभुआ) सत्ता पक्ष की बेंचों पर बैठे; यह भीड़ में स्पष्ट राजनीतिक संकेत माना गया।
- रजिस्टर्ड आपत्ति: राजद नेतृत्व ने स्पीकर से उक्त विधायकों की सदस्यता समाप्त करने की माँग की (एंटी-डिफेक्शन कानून का हवाला)।
- जुलाई 2025 अपडेट: जेडीयू ने सार्वजनिक संकेत दिया कि प्रह्लाद यादव को टिकट न देने का फैसला हो सकता है; पाला बदल की राजनीति दोधारी तलवार बनी।
इन घटनाओं ने विपक्षी एकजुटता पर सवाल उठाए और NDA के प्रचार में “स्थिरता बनाम अस्थिरता” कथा को बल दिया।
उपचुनाव 2024: चार सीटें, NDA की बढ़त
नवंबर 2024 में तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज सीटों पर उपचुनाव हुए। परिणामों ने विपक्ष को झटका दिया:
- तरारी और रामगढ़ — भाजपा ने जीत दर्ज की।
- बेलागंज — जेडीयू ने कब्ज़ा किया; यह सीट लंबे समय से राजद प्रभाव क्षेत्र मानी जाती रही थी।
- इमामगंज — हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने सीट बरकरार रखी (NDA घटक दल)।
चारों सीटें NDA के खाते में जाने से सदन में मनोबल और सीट शेयर दोनों बढ़े। यह संदेश गाँव-गाँव पहुँचा कि गठबंधन स्तर पर NDA की मशीनरी सक्रिय है।
विधानसभा का बदला गणित: 2020 परिणाम से 2025 (जुलाई) स्थिति तक

नीचे तालिका में 2020 आम चुनावों के बाद की आधिकारिक सीटें बनाम जुलाई 2025 तक सार्वजनिक/मीडिया रिपोर्टों, स्पीकर बुलेटिन तथा उपचुनाव परिणामों से आकार लेती कार्यकारी संख्या (कागज़ी व विवादित मामलों सहित) दी जा रही है। कृपया ध्यान दें: एंटी-डिफेक्शन याचिकाओं पर अंतिम निर्णय होने तक कुछ आंकड़े विवादित रहते हैं; इसलिए “वर्तमान (कार्यकारी)” कॉलम व्याख्यात्मक है।
दल | 2020 आधिकारिक सीटें | वर्तमान (कार्यकारी) अनुमान | टिप्पणी |
---|---|---|---|
भाजपा | 74 | 79 | उपचुनाव व पाला बदल से लाभ; कुछ निर्दलीय समर्थन। |
जदयू | 43 | 45 | पुनः NDA में आने के बाद संख्यात्मक स्थिरता; बेलागंज उपचुनाव जीतने से बल। |
हम (S) | 4 | 4 | इमामगंज सीट बरकरार; स्थिर। |
राजद | 75 | 77* | मूल जीत 75; एआईएमआईएम विधायकों के समावेश बाद उछाल; बाग़ी/क्रॉस-वोटर अलग। |
कांग्रेस | 19 | 19 | यथावत। |
माले (CPI(ML) L) | 12 | 11 | एक सीट रिक्त/अन्य समायोजन से घटाव रिपोर्टेड। |
भाकपा | 2 | 2 | स्थिर। |
माकपा | 2 | 2 | स्थिर। |
एआईएमआईएम | 5 | 1 | चार विधायक पहले ही महागठबंधन (राजद) में गए; अब 1। |
वीआईपी | 4 | 0 | गठबंधन पुनर्संरचना में सीटें व्यावहारिक रूप से समाप्त; सदस्य अन्य दलों में। |
लोजपा (पारंपरिक) | 1 | 0 | विघटन/विलय बाद सीट नहीं। |
बसपा | 1 | 0 | सदस्य दल बदल/समाप्त। |
निर्दलीय | 1 | 2 | फ्लोटर सपोर्ट; एक अतिरिक्त निर्दलीय जुड़ा। |
रिक्त | 0 | 1 | कार्यकाल के अंत में एक रिक्ति (त्यागपत्र/निधन) दर्ज। |
* राजद की “वर्तमान” संख्या में एआईएमआईएम से आए विधायक शामिल; परंतु जिन विधायकों पर एंटी-डिफेक्शन नोटिस लंबित हैं उन्हें अलग गिनने पर प्रभाव पड़ता है।
नामों में उलझन: वास्तविक कौन, चर्चा में कौन?
कुछ पोर्टल रिपोर्टों में “नवादा की वीणा देवी” का उल्लेख दिखा; दरअसल नवादा विधानसभा सीट से 2020 में राजद की विभा देवी यादव निर्वाचित हैं। वीणा देवी लोकसभा की वैशाली सांसद (LJP-RV) हैं और अलग राजनीतिक प्रोफ़ाइल रखती हैं। ऐसी ग़लतफ़हमियाँ आम हैं; प्रकाशन से पहले नामों की दोहरी जाँच करें।
एंटी-डिफेक्शन का कायदा और बिहार का अनुभव
एंटी-डिफेक्शन कानून (दसवीं अनुसूची) दल-बदल पर अंकुश लगाने के लिए बना। बिहार में अक्सर देखा गया कि विधायक सदन में अलग रुख़ लेते हैं पर औपचारिक तौर पर इस्तीफ़ा या विलय की प्रक्रिया लंबी खिंचती है। स्पीकर के निर्णय तक विधायकों की स्थिति “कागज़ बनाम ज़मीन” दोहरी रहती है। यही वजह है कि मीडिया रिपोर्टों में दो अलग-अलग संख्याएँ चलती रहती हैं। प्रकाशक को चाहिए कि हेडलाइन में नाटकीयता हो पर मुख्य कॉपी में स्पष्टीकरण ज़रूर दें। यह आपकी विश्वसनीयता बढ़ाता है और Google News में ट्रस्ट फ़ैक्टर को मज़बूत करता है।
प्रकाशकों के लिए 5 टिप्स
- आधिकारिक स्पीकर बुलेटिन/ECI डाटा से बेसलाइन संख्या उठाएँ।
- मीडिया रिपोर्ट आधारित “कार्यकारी” संख्या को अलग बताएँ।
- हर पाला बदल घटना की तारीख लिखें; रीडर को कालक्रम समझ आए।
- उपचुनाव परिणामों को हमेशा अद्यतन रखें; गूगल के टॉप स्टोरीज़ में फ्रेशनेस सिग्नल मजबूत होगा।
- नाम, निर्वाचन क्षेत्र, पार्टी—तीनों को तालिका में डालें; फीचर्ड स्निपेट मिलने की संभावना बढ़ती है।
मानसून सत्र 2025: किन मुद्दों पर टकराव संभव?
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है। अपराध, बजट आवंटन और कथित प्रशासनिक विफलताओं पर भी हंगामा तय माना जा रहा है। NDA इसे “दुष्प्रचार” बताते हुए विकास एजेंडा पर ज़ोर दे रही है। मानसून सत्र 25 जुलाई 2025 से प्रस्तावित है; यह चुनावी वर्ष का अंतिम बड़ा विधानमंडलीय मंच होगा, इसलिए दोनों खेमों का राजनीतिक शोर ऊँचा रहेगा।
चुनाव 2025 की ओर माहौल, सर्वे और रणनीति
हालिया एक ओपिनियन पोल (InkInsight) में मतदान इरादों में NDA को बढ़त दिखाई गई, जबकि संभावित मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में तेजस्वी यादव को हल्की प्राथमिकता। इससे स्पष्ट है कि मतदाता नेतृत्व और गठबंधन स्थिरता के बीच विभाजित हैं। NDA नेतृत्व (नीतीश कुमार, भाजपा, हम आदि) “स्थिर सरकार” नैरेटिव पर काम कर रहा है; महागठबंधन सामाजिक न्याय, मतदाता सूची विवाद, और अपराध प्रश्नों पर आक्रामक है।
प्रश्न: बिहार विधानसभा में किसके कितने विधायक हैं? 2020 परिणामों से शुरू करें; फिर बताएँ कि उपचुनावों और पाला बदल से संख्याएँ कैसे बदलीं; विवादित मामलों को नोट करें।
प्रश्न: भरोसा मत 2024 में किसने क्रॉस-वोट किया? चेतन आनंद, नीलम देवी, प्रह्लाद यादव के नाम प्रमुख; बाद में भरत बिंद की हरकत ने चर्चा बढ़ाई।
प्रश्न: 2024 उपचुनाव किसके पक्ष में रहे? चारों सीटें NDA के पास गईं (भाजपा 2, जदयू 1, हम 1)।
प्रश्न: मानसून सत्र 2025 में मुख्य विपक्षी मुद्दे क्या होंगे? मतदाता सूची पुनरीक्षण, अपराध, अतिरिक्त बजट, शासन सवाल।
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