Mutual Fund SEBI ETF Reform: 17 जुलाई 2025 को SEBI ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए एक बड़ा और चौंकाने वाला प्रस्ताव रखा है। अब Mutual Fund में निवेश करने वालों को सोने और चांदी के दाम पहले से बिल्कुल अलग दिखाई दे सकते हैं, क्योंकि सेबी की योजना है कि गोल्ड और सिल्वर ETF की वैल्यूएशन प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव किया जाए।
अब तक Mutual Fund द्वारा रखे गए गोल्ड और सिल्वर ETF की वैल्यू अंतरराष्ट्रीय मानकों (LBMA) के आधार पर की जाती थी, लेकिन अब इसे बदलकर घरेलू बाजार की हाजिर कीमतों से जोड़ा जाएगा। ये बदलाव ना केवल विदेशी मुद्रा निर्भरता को कम करेंगे, बल्कि निवेशकों को सही, पारदर्शी और भारत के बाजार से जुड़े मूल्य प्रदान करेंगे।
SEBI के इस कदम से Mutual Fund सेक्टर में पारदर्शिता, स्थायित्व और निवेशकों का भरोसा तीनों ही बढ़ सकते हैं। खास बात यह है कि इससे उन निवेशकों को बड़ा फायदा मिल सकता है जिन्होंने लंबी अवधि के लिए सोने और चांदी में पैसा लगाया है। क्या वाकई SEBI का ये प्रस्ताव आपकी कमाई का रास्ता बदल देगा? जानिए पूरी डिटेल्स आगे…
Mutual Fund वैल्यूएशन में सेबी का नया प्रस्ताव

अब तक Mutual Fund के गोल्ड और सिल्वर ETF का मूल्यांकन लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) द्वारा तय किए गए AM Fixing Price पर आधारित होता था। यह डॉलर में ट्रॉय औंस के हिसाब से तय होता है, जिससे कई तकनीकी पेचीदगियां पैदा होती थीं। लेकिन अब SEBI ने प्रस्ताव रखा है कि AMC यानी Asset Management Companies को घरेलू जिंस बाजार के हाजिर मूल्य पर आधारित मूल्य निर्धारण अपनाना चाहिए।
नया सिस्टम क्यों ज़रूरी है?
LBMA आधारित मूल्यांकन प्रणाली:
- विदेशी मुद्रा विनिमय दर पर निर्भर रहती है।
- डॉलर से रुपये में बदलने की प्रक्रिया जटिल होती है।
- कस्टम ड्यूटी, प्रीमियम-डिस्काउंट जैसे कई समायोजन करने पड़ते हैं।
इसलिए SEBI अब यह चाहता है कि Mutual Fund गोल्ड ETF और सिल्वर ETF की वैल्यू सीधे भारत के जिंस बाजार से ली जाए। इससे मूल्य निर्धारण ज्यादा पारदर्शी होगा और स्थानीय मांग-आपूर्ति का वास्तविक प्रतिबिंब भी दिखेगा।
निवेशकों को क्या मिलेगा फायदा?

यदि यह प्रस्ताव लागू हो जाता है, तो निवेशकों को निम्नलिखित लाभ मिल सकते हैं:
- विदेशी गणनाओं से राहत
- घरेलू कीमतों से मेल खाते NAV
- पारदर्शिता और सटीकता में सुधार
- निवेशकों का भरोसा मजबूत होगा
यह खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिनका पैसा गोल्ड और सिल्वर ETF में है और जो लंबी अवधि के रिटर्न की उम्मीद कर रहे हैं।
वर्तमान असमानता को कैसे सुलझाएगा नया नियम?
अब तक गोल्ड और सिल्वर ETF और कमोडिटी डेरिवेटिव्स (ETCD) की वैल्यूएशन प्रणाली अलग-अलग थी। एक विदेशी मानक पर आधारित थी तो दूसरी घरेलू वायदा बाजार के समापन मूल्य पर। SEBI इस असमानता को खत्म कर मानकीकरण की ओर कदम बढ़ा रहा है।
सुझाव की अंतिम तारीख और आगामी प्रक्रिया
SEBI ने इस प्रस्ताव पर सभी हितधारकों से 6 अगस्त 2025 तक सुझाव मांगे हैं। निवेशक, फंड हाउस और वित्तीय सलाहकार अपनी राय भेज सकते हैं। इसके बाद यह प्रक्रिया कानूनन रूप ले सकती है।
FAQs: Mutual Fund SEBI ETF Reform
Q1. सेबी ने Mutual Fund में वैल्यूएशन को लेकर क्या बदलाव किया है?
SEBI ने प्रस्ताव रखा है कि Mutual Fund द्वारा सोना-चांदी ETF की वैल्यू अब घरेलू बाजार के हाजिर मूल्यों के आधार पर की जाए।
Q2. इससे निवेशकों को क्या लाभ मिलेगा?
घरेलू कीमतों से मेल खाते NAV मिलेंगे और विदेशी गणनाओं की जटिलता से छुटकारा मिलेगा।
Q3. इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय कब तक लिया जाएगा?
SEBI ने 6 अगस्त 2025 तक सुझाव मांगे हैं, जिसके बाद निर्णय लिया जाएगा।
Q4. क्या यह प्रस्ताव सभी Mutual Fund पर लागू होगा?
फिलहाल प्रस्ताव ETF आधारित गोल्ड और सिल्वर फंड्स पर केंद्रित है।
Q5. क्या यह कदम भारतीय निवेशकों के लिए सही है?
जी हां, यह पारदर्शिता और स्थायित्व के लिहाज से बेहद सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
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