समस्तीपुर, बिहार में काली पूजा के मौके पर रावण दहन का आयोजन किया गया था, लेकिन इस उत्सव के दौरान एक दुखद हादसा हो गया। सोमवार की देर शाम को इस कार्यक्रम के लिए रावण का एक विशाल पुतला खड़ा किया गया था, जिसे टिकाए रखने के लिए एक बड़ा और भारी पाइप लगाया गया था। कार्यक्रम का दृश्य देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। इसी दौरान, यह पाइप अचानक पास में खड़े एक मासूम बच्चे पर गिर पड़ा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस दर्दनाक घटना के बाद आयोजन समिति के लोग वहां से फरार हो गए, जिससे लोगों में गहरा आक्रोश फैल गया।
बच्चे की पहचान और पुलिस की कार्रवाई
इस हादसे में जान गंवाने वाले बच्चे की पहचान विभूतिपुर थाना क्षेत्र के बनहैती गांव के रहने वाले विनोद कुमार के बेटे मंटू कुमार के रूप में हुई है। मंटू अपने परिवार के साथ काली पूजा के उत्सव में शामिल होने आया था। वह अपने परिवार के साथ रावण दहन का कार्यक्रम देख रहा था और इस आयोजन को लेकर बेहद उत्साहित था। लेकिन अचानक हुए इस हादसे ने उसके परिवार की खुशियों को मातम में बदल दिया।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस वहां पहुंच गई और बच्चे के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। पुलिस ने इस मामले में आयोजन समिति पर लापरवाही का आरोप लगाया है, जिसके चलते यह हादसा हुआ। विभूतिपुर थाना अध्यक्ष आनंद कश्यप ने कहा कि रावण दहन के कार्यक्रम में सुरक्षा को लेकर जरूरी उपाय नहीं किए गए थे और इस वजह से यह दुखद घटना घटी। उन्होंने आश्वासन दिया कि आवेदन मिलने पर प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों में आक्रोश, आयोजन समिति और प्रशासन पर सवाल
हादसे के बाद स्थानीय लोग न सिर्फ आयोजन समिति बल्कि प्रशासन पर भी सवाल उठा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इतने बड़े आयोजन में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए थे, खासकर जब कार्यक्रम में बच्चों और बुजुर्गों की मौजूदगी थी। रावण दहन देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे, लेकिन वहां किसी भी तरह की सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। इस हादसे के बाद आयोजन समिति और स्थानीय प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा है।
ग्रामीण श्यामनंदन सिंह ने बताया कि खोखसाहा संस्कृत विद्यालय के प्रांगण में इस काली पूजा और रावण दहन का आयोजन स्थानीय निवासियों ने किया था। उन्होंने कहा कि इतने बड़े आयोजन में सुरक्षा का ध्यान रखना आयोजन समिति की जिम्मेदारी थी, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया। इस हादसे से स्थानीय लोगों में बेहद नाराजगी है और लोग आयोजन समिति और प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
बिहार में धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा पर उठे सवाल
बिहार के समस्तीपुर जिले में हुए इस हादसे ने धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। रावण दहन जैसे आयोजनों में भीड़ का उत्साह देखने लायक होता है, लेकिन सुरक्षा के अभाव में ऐसे हादसे होना दुखद है। रावण के पुतले को खड़ा करने के लिए जिस मोटे पाइप का इस्तेमाल किया गया था, उसकी मजबूती की जांच करना जरूरी था। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि पुलिस और प्रशासन की ओर से इस आयोजन में सुरक्षा को लेकर अधिक ध्यान दिया गया होता, तो शायद यह हादसा टल सकता था।
समस्तीपुर पुलिस का बयान: आयोजन समिति के खिलाफ होगी कार्रवाई
विभूतिपुर थाना अध्यक्ष आनंद कश्यप ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने बताया कि आयोजन समिति ने सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए थे, जिससे एक मासूम की जान चली गई। पुलिस ने यह भी कहा कि आयोजन स्थल पर सुरक्षा मानकों का उल्लंघन हुआ था और जल्द ही पूजा समिति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि आयोजन के लिए किस तरह की संरचना का इस्तेमाल किया गया और वह कितनी सुरक्षित थी।
धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा के प्रति जागरूकता का आह्वान
इस हादसे ने समस्तीपुर और बिहार के अन्य हिस्सों में धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया है। धार्मिक उत्सवों में भीड़ को नियंत्रित करना और सुरक्षा का इंतजाम करना आयोजन समिति और प्रशासन की जिम्मेदारी होती है। यह हादसा एक चेतावनी है कि धार्मिक उत्सवों के दौरान सुरक्षा के मानकों को गंभीरता से लेना चाहिए ताकि किसी और मासूम की जान न जाए।
समस्तीपुर में हुए इस हादसे ने आयोजन समितियों और प्रशासन को सख्त संदेश दिया है कि धार्मिक कार्यक्रमों में सुरक्षा को अनदेखा नहीं किया जा सकता।
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