By: Umesh Gnagwar
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत, 'मैत्री' केंद्रों की स्थापना की जा रही है, जो कृत्रिम पशुओं के गर्भाधानकर्ताओं का चयन करेंगे।
पशुपालकों को उनके घर पर ही कृत्रिम पशुओं के गर्भाधान की सुविधा पहुंचाने के लिए 'मैत्री' केंद्रों का मुख्य उद्देश्य है।
आवेदन करने के लिए मैट्रिक पास होना आवश्यक है, जो 8 नवंबर तक पशुपालन विभाग की वेबसाइट पर किया जा सकता है
चयनित पशुपालकों को प्रथमिकता मिलेगी, जो पशु टीकाकरण और डीवर्मिंग कार्यक्रम में योग्यता रखते हैं।
50 हजार रुपये की सामग्री के साथ तीन महीने का मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें आवासीय और क्षेत्र प्रशिक्षण शामिल है।
पशुपालकों के घरों तक कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा प्रदान करने का उद्देश्य पशुओं की नस्ल में सुधार करना है।
कृत्रिम गर्भाधानकर्ताओं को न तो कोई सामग्री और न ही मासिक वेतन या मानदेय दिया जाएगा।
पहले चरण में, 99 पंचायतों में 'मैत्री' केंद्रों की स्थापना करने का लक्ष्य है, जिसमें कई पंचायतें शामिल हैं।
समस्तिपुर में यह अद्वितीय योजना पशुपालकों को समर्थन प्रदान करने के लिए है, जो कृत्रिम गर्भाधान करने के लिए इच्छुक हैं।
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