मालदा डिवीजन के जमालपुर जंक्शन के पास दौलतपुर यार्ड में शनिवार को रेल हादसे के स्वरूप का मॉक ड्रिल किया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य आपदा प्रबंधन, बचाव और राहत कार्यों में रेलवे और संबंधित एजेंसियों की तत्परता का आकलन करना था। हालांकि, मॉक ड्रिल के दौरान अनजान स्थानीय लोग इसे असली हादसा समझ बैठे और घटनास्थल पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
रेलवे की तैयारी परखी गई
इस मॉक ड्रिल के दौरान मालदा डिवीजन के डीआरएम की उपस्थिति में एक पैसेंजर ट्रेन को डिरेल कर दिखाया गया। एनडीआरएफ, रेलवे अधिकारी, स्वास्थ्य कर्मी, और पुलिस प्रशासन सहित 55 से अधिक एजेंसियों ने इस अभ्यास में हिस्सा लिया। मॉक ड्रिल में ट्रेन डिब्बों में पुतलों को यात्रियों के रूप में रखा गया था। राहत और बचाव कार्य के तहत दिखाया गया कि दुर्घटना के बाद यात्रियों को किस प्रकार सुरक्षित बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया जाता है।
रेलवे टीम ने गैस कटर का उपयोग कर डिब्बों को काटा और घायलों (पुतलों) को बाहर निकाला। राहत वैन और एंबुलेंस ने घटनास्थल पर पहुंचकर घायलों को तुरंत चिकित्सा सहायता दी। इस प्रक्रिया में सभी विभागों के रिस्पांस टाइम की भी जांच की गई।
अफवाह से लोगों में मची हलचल
रेलवे द्वारा आयोजित इस मॉक ड्रिल की जानकारी आसपास के स्थानीय लोगों को नहीं थी। जब उन्होंने ट्रेन को डिरेल और राहत कार्य होते देखा, तो अफवाह फैल गई कि जमालपुर में बड़ा रेल हादसा हो गया है। देखते ही देखते घटनास्थल पर भीड़ जुट गई। कुछ समय बाद रेलवे अधिकारियों ने स्थानीय लोगों को इसकी वास्तविकता समझाई।
डीआरएम का बयान
मौके पर मौजूद डीआरएम ने बताया कि इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य दुर्घटना के बाद राहत कार्यों में रेलवे और संबंधित एजेंसियों की तत्परता का परीक्षण करना था। यह जांचा गया कि आपातकालीन स्थिति में घायल यात्रियों को कितनी जल्दी बचाव कर अस्पताल पहुंचाया जा सकता है।
मॉक ड्रिल के दौरान प्रमुख गतिविधियां
- गैस कटर से कोच काटना: कोच के अंदर फंसे पुतलों को निकालने के लिए गैस कटर का उपयोग किया गया।
- एनडीआरएफ की सक्रियता: एनडीआरएफ की टीमों ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर राहत कार्य संभाला।
- रिस्पांस टाइम चेक: दुर्घटना की सूचना के बाद संबंधित एजेंसियों के घटनास्थल पर पहुंचने और कार्रवाई शुरू करने का समय मापा गया।
- अस्पताल तक पहुंचाना: मॉक ड्रिल में दिखाया गया कि घायल यात्रियों को कैसे प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल तक पहुंचाया जाए।
रेलवे का संदेश
रेलवे ने इस मॉक ड्रिल के माध्यम से यह संदेश दिया कि दुर्घटना के समय तत्काल प्रतिक्रिया और समन्वय किस तरह यात्रियों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाता है। यह अभ्यास भविष्य में संभावित आपदाओं से निपटने की तैयारी को और मजबूत करेगा।
जमालपुर में हुए इस मॉक ड्रिल से रेलवे और संबंधित एजेंसियों ने अपनी तैयारियों का आकलन किया और आपात स्थिति में अपनी क्षमता को साबित किया।
इसे भी पढ़े :-